मै मुस्कुरा देता हूँ

तेरी खिलखिलाती हसीं,
मुस्कुराहट है मेरी ,
तू चंचल सी और तेरी बातें
भी, जिंदगी नहीं जन्नत सी है।
जब भी तू याद सी आती है,
मै मुस्कुरा देता हूं।

तुझे याद नहीं करता,
मै तुझे पाता हूं,
मुझसे जुड़ा मेरे ख्वाबों में,
तू सबसे परे अल्हड़ सी है।
जब भी तू स्मृतियों में आती है,
मै मुस्कुरा देता हूं।

मेरी मुस्कुराने की वजह तू है?
या मेरी मुस्कान तू है?
निकट मेरे बहुत दूर सी तू है,
तू मुझसे जुड़ी अन्नत सी छाया है।
जब भी तू मुस्कुराती है,
मै मुस्कुरा देता हूं।

– प्रयास गुप्ता।


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