कुछ बातों में आज भी तुम हो,
कुछ यादों में आज भी तुम हो,
मेरे जज्बातों में आज भी तुम हो,
कभी खुशी में कभी गम में,
मेरे जीवन के हर रंग में आज भी तुम हो,
कब क्यों कैसे इन सवालों में आज भी तुम हो,
भूलना चाहूं या याद करूं साथ मेरे, आज भी तुम हो,
पास आकर या दूर जाकर खास, आज भी तुम हो…
मुझे हसाकर या रुलाकर प्यार, आज भी तुम हो…
इन्हीं कविताओं में मेरे मन के भाव में,
कभी हवाओं में तो कभी फिजाओं में,
मेरी धड़कनों के गांव में आज भी तुम हो ॥