Alone Emotional Sad Shayari अलोन इमोशनल सैड शायरी
Alone Emotional Sad Shayari In Hindi/अलोन इमोशनल सैड शायरी हिंदी में जब दुनिया में हम अकेले होते है तब पता चलता है जब हमारे साथ कोई नहीं होता अकेलापन क्या होता है जब आपका प्यार आपके दोस्त आप से दूर हो जाते है जब हमे अकेले होने का अहसास होता है और अकेले ज़िन्दगी गुज़ारना बहुत मुश्किल है अकेले ज़िंदग नहीं गुज़री जा सकती इस लिए हमे लाइफ में कोई न कोई तो असा इंसान चाहिए होता है जिसको हम अपने दिल की बात बता सके और अपनी परेशानी शेर कर सके अपनी ख़ुशी शेर कर सके क्यू की इस दुनिया में हमे खुश रहने के लिए कोई न कोई तो असा चहाइए जिस पर हीमे भरोसा हो और वो भी हमारा भरोसा करता हो इस लिए लाइफ में काम से काम एक बास्त फ्रेंड होना या एक दोस्त जैसा भाई होना बहुत ज़रूरी है दोस्तों आप कभी अकेले कही पर रहे हो तो आपको भी पता होगा की अकेला रहना कितना मुश्किल है अकेले में इंसान बहुत परेशां भी हो जाता है किसी से बात करने के लिए भी तरस जाता है इस लिए आपके पास दोस्तों का होना ज़रूरी है या कोई आपका प्यार हो जिस से आप दिल की बसभी बात कर सके और अपने आपको खुश रखने के लिए भी हमे इस अकेलेपन से निकना बहुत ज़रूरी होता है लोगो में बैठो दिल दिमाग भी सही रहेगा और अकेलापन भी नहीं रहेगा इस लिए हमारे पास दोस्त या हमारी ज़िन्दगी में किसी ऐसे इंसान का होना बहुत ज़रूरी है जो हमे समझे और इस लिए ही हम आज alone emotional sad shayari लाये है और इसी तरह की और भी श्यारी है जो आपके काम आयंगी
Alone Emotional Sad Shayari
अकेला भी इस तरह पड़ गया हूं,
कि मेरा हौसला भी साथ नहीं दे रहा है।
सहारे ढूढ़ने की आदत नहीं
हमारी हम अकेले पूरी महफिल
के बराबर है।
अकेला छोड़ ही रही हो तो
पहले इसकी वजह तो बता दो।
तुम क्या जानो हम अपने आप
में कितने अकेले है,पूछो इन
रातो से जो रोज़ कहती है के
खुदा के लिए आज तो सो जाओ.
कैसे गुजरती है मेरी
हर एक शाम तुम्हारे बगैर,
अगर तुम देख लेते तो
कभी तन्हा न छोड़ते मुझे।
मुझको मेरे अकेलेपन से अब
शिकायत नहीं है मैं पत्थर हूँ मुझे
खुद से भी मुहब्बत नहीं है.
लोग हमारी क़दर उस वक़्त नहीं
करते जब हम अकेले हो बल्कि,उस
वक़्त करते हैं जब वो अकेले होते हैं.
सच कहा था किसी ने तन्हाई में जीना
सीख लो, मोहब्बत जितनी भी सच्ची
हो साथ छोड़ ही जाती है
वो इंसान दुनिया जीतने की हिम्मत
रखता है,जो इंसान अकेले चलने की
हिम्मत रखता है।
उनकी कमी खलती है हर पल
सांसे मेरी छूटती है हर पल उनकी
यादें तड़पाती है मुझे हर पल.
तू उदास मत हुआ कर इन हजारों के
बीच,आख़िर चांद भी अकेला रहता हैं
सितारों के बीच।
हमने वक़्त से बहुत वफ़ा की लेकिन
वक़्त हमसे बेवफाई कर गया कुछ
हमारे नसीब बुरे थे कुछ लोगों हमसे
जी भर गया.
जिन्हे पता है अकेलापन क्या होता है
वो दुसरो के लिए हमेशा हाज़िर रहते हैं
अकेले रहने की आदत हमें भी नहीं है
साथ हम भी किसी का चाहते है
मन लिए बताने को ये बात कोई है
नहीं हमारे पास पर हम खुद की
बात खुद से बताते है
हजारों महफिलें हैं और लाखों मेले हैं,
पर जहाँ तुम नहीं वहाँ हम अकेले हैं।
Alone Emotional Sad Shayari
तेरे दिल की दुनिया को रौशन कर जाऊंगा
अकेला ही आया था, अकेला ही मैं जाऊंगा।
जाने क्यों अकेले रहने को मज़बूर हो गए,
यादों के साये भी हमसे दूर हो गए,
हो गए तन्हा, इस महफ़िल में,
कि हमारे अपने भी हमसे दूर हो गए।
या तो झूठे लोगों से दूर रहो
या फिर खुद झूठे बन जाओ,तभी
इस दुनिया में खुश रह पाओगे।
आज कुछ अजनबी सा अपना वजूद
लगता है, साथ हैं सब मगर दिल क्यों
अकेला सा लगता है।
अकेला हूँ पर मुस्कुराता बहुत हूँ,
ख़ुद का साथ बड़ी शिद्दत से दे रहा हूँ।
कोई कभी अकेला हो नहीं सकता,
जब वो अकेला होता है,तो अकेलापन
उसके साथ होता है।
कई बार ये सोचकर दिल मेरा रो देता है
की मुझे ऐसा क्या पाना था जो मेने खुद
को भी खो दिया।
बहुत शौक था दुसरो को खुश रखने
का, होश तो तब आया, जब खुद को
अकेला पाया।
दो कदम तो सब चल लेते हैं ज़िन्दगी भर
का साथ कोई नहीं निभाता अगर रो कर
भुलाई जाती यादें तो है कर कोई गम ना
छुपता।
अगर बेवफा होता तो भीड़ होती,
वफादार हूं इसलिए अकेला हूं।
एक तुम्हीं थे जिसके दम पे चलती थी
साँसें मेरी, लौट आओ कि ज़िंदगी से
वफ़ा निभाई नहीं जाती।
कुछ हार गई तक़दीर कुछ टूट
गए सपने कुछ किया बर्बाद गैरों
ने कुछ भूल गए अपने।
ना आंसुओ से छलकते है
ना कागज़ पर उतारते हैं
दर्द कुछ होते हैं ऐसे जो
बस भीतर ही भीतर पालते है।
जानता पहले से था मैं,
लेकिन एहसास अब हो रहा है,
अकेला तो बहुत समय से हूं मैं,
पर महसूस अब हो रहा है।
ये भी शायद ज़िंदगी की इक अदा है
दोस्तों, जिसको कोई मिल गया वो
और तन्हा हो गया।
Ye Bhi Shayad Zindagi Ki Ek Ada Hai
दर्द मेरे दिल का किसने देखा है,
मुझे सिर्फ खुदा ने तड़पते देखा है,
हम तन्हाई में बैठकर रोते हैं,महफ़िल
में लोगों ने हमें हस्ते देखा है।
उनका बादा भी अजीब था – बोले
जिन्दगी भर साथ निभाएंगे पर पागल
हम थे – ये पूछना भूल ही गए के
मोहबत के साथ या यादो के साथ.
जो फ़ुरसत मिली तो मुड़कर देख लेता
मुझे एक दफा तेरे प्यार में पागल होने
की चाहत मुझे आज भी हे.
अकेलापन सा लगता है हर उस रस्ते
पर जिन पर तेरे साथ कभी चला था।
वहां से बिगड़ी है ज़िंदगी मेरी
जहाँ से साथ तुमने छोड़ा था
कहने लगी है अब तो मेरी तन्हाई भी
मुझसे, मुझसे कर लो मोहब्बत मैं तो
बेवफा भी नहीं
कहने लगी है अब तो मेरी तन्हाई भी मुझसे,
मुझसे कर लो मोहब्बत मैं तो बेवफा भी नहीं।
हर चीज़ की कीमत वक़्त आने पर ही पता
चलती है मुफ्त में मिलता हुआ ऑक्सीजन
अस्पताल में बहुत महंगा बिकता है।
कुछ कह गए,कुछ सह गए,
कुछ कहते-कहते रह गए,
मै सही और तुम गलत के खेल में,
न जाने कितने रिश्ते ढह गए।
तेरे वजूद की खुशबु बसी है साँसों में,
ये और बात है नजरों से दूर रहते हो।
अब मोहब्बत नही रही इस जमाने में,
क्योंकि लोग अब मोहब्बत नही मज़ाक
किया करते है इस जमाने में.
क्या लिखू अपनी ज़िन्दगी के बारे मैं
वो लोग भी बिचार गए जो ज़िन्दगी
हुआ करते थे।
न जाने क्यों खुद को अकेला सा पाया है,
हर एक रिश्ते में खुद को गवाया है,
शायद कोई तो कमी है मेरे वजूद में,
तभी हर किसी ने हमे यूँ ही ठुकराया है।
तन्हा रहना तो सीख लिया
पर खुश ना कभी रह पायेगे
तेरी दूरी तो सह लेता दिल मेरा,
पर तेरे प्यार के बिन ना जी पायेंगे।
खुश तो वो रहते हैं जो जिस्मो से खेलते हैं
रूह से मोहब्बत करने वालो को अक्सर
तड़पते देखा है
Khush To Wo Rehte hai Sad Shayari
हमारी मुलाकात होती थी जिन राहों में
अब वो उन रास्तों का इस्तमाल नहीं करती
हम जुदा हो कर जिन्हे अफ़सोस नहीं करती
वो खोकर हमें एक पल मलाल नहीं करती।
जिंदगी देने वाले , मरता छोड़ गये,
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की,
वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये.
मेने बंद कर दिया दिखाना की
मुझे हर्ट होता है क्यूंकि मेरी
फीलिंग्स समझने वाला कोई नहीं है।
उतना हसीन फिर कोई लम्हा नहीं मिला,
तेरे जाने के बाद कोई भी तुझ सा नहीं मिला,
सोचा करूं मैं एक दिन खुद से ही गुफ्तगुं,
लेकिन कभी में खुद को तन्हा नहीं मिला।
जिंदगी के ज़हर को यूँ हँस के पी रहे हैं,
तेरे प्यार बिना यूँ ही ज़िन्दगी जी रहे हैं,
अकेलेपन से तो अब डर नहीं लगता हमें,
तेरे जाने के बाद यूँ ही तन्हा जी रहे हैं।
उसकी मोहबत पे मेरा हक़ तो
नहीं लेकिन दिल करता है के
उम्र भर उसका इंतज़ार करू.
इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई,
हम न सोए रात थक कर सो गई।
जागने का अज़ाब सह-सह कर,
अपने अंदर ही सो गया हूँ मैं।
अकेले तो हम पहले भी जी रहे थे,
क्यूँ तन्हा से हो गए हैं तेरे जाने के बाद।
आज एक और बरस बीत गया उस के बग़ैर,
जिस के होते हुए होते थे ज़माने मेरे।
किसी हालत में भी तन्हा नहीं होने देती,
है यही एक खराबी मेरी तन्हाई की।
इस से पहले कि मुझ को सब्र आ जाए,
कितना अच्छा हो कि लौट आओ तुम।
कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी,
हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है।
एक तेरे ना होने से बदल जाता है सब कुछ
कल धूप भी दीवार पे पूरी नहीं उतरी।
जगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न था,
ढूँढ़ने निकला था जिसको बस वही चेहरा न था,
हम वही, तुम भी वही, मौसम वही, मंज़र वही,
फ़ासले बढ़ जायेंगे इतने मैंने कभी सोचा न था।
Log Humari kadar Sad Shayari
ये भी शायद ज़िंदगी की इक अदा है दोस्तों,
जिसको कोई मिल गया वो और तन्हा हो गया।
सहारा लेना ही पड़ता है मुझको दरिया का,
मैं एक कतरा हूँ तनहा तो बह नहीं सकता।
वो हर बार मुझे छोड़ के चले जाते हैं तन्हा,
मैं मज़बूत बहुत हूँ लेकिन कोई पत्थर तो नहीं हूँ।
कुछ कर गुजरने की चाह में कहाँ-कहाँ से गुजरे,
अकेले ही नजर आये हम जहाँ-जहाँ से गुजरे।
जब से देखा है चाँद को तन्हा,
तुम से भी कोई शिकायत ना रही।
मैं हूँ दिल है तन्हाई है,
तुम भी जो होते तो अच्छा होता।
बहुत सोचा बहुत समझा
बहुत ही देर तक परखा,
कि तन्हा हो के जी लेना
मोहब्बत से तो बेहतर है।
कहने लगी है अब तो मेरी तन्हाई भी मुझसे,
मुझसे कर लो मोहब्बत मैं तो बेवफा भी नहीं।
एहतियातन देखता चल अपने साए की तरफ,
इस तरह शायद तुझे एहसास-ए-तन्हाई न हो।
कुदरत के इन हसीन नजारों का हम क्या करें,
तुम साथ नहीं तो इन चाँद सितारों का क्या करें।
कितना भी दुनिया के लिए हँस के जी लें हम,
रुला देती है फिर भी किसी की कमी कभी-कभी।
कभी सोचा न था तन्हाइयों का दर्द यूँ होगा,
मेरे दुश्मन ही मेरा हाल मुझसे पूछते हैं।
देख कर चेहरा पलट देते हैं अब वो आइना,
मौसम-ए-फुरकत उन्हें सूरत कोई भाती नहीं।
क्या करेंगे महफिलों में हम बता,
मेरा दिल रहता है काफिलों में अकेला।
तन्हाई रही साथ ता-जिंदगी मेरे,
शिकवा नहीं कि कोई साथ न रहा।
उसे पाना उसे खोना उसी के हिज्र में रोना,
यही गर इश्क है तो हम तन्हा ही अच्छे हैं।
अलोन इमोशनल सैड शायरी हिंदी में
ख्वाब बोये थे और अकेलापन काटा है,
इस मोहब्बत में यारों बहुत घाटा है।
कितनी फ़िक्र है कुदरत को मेरी तन्हाई की,
जागते रहते हैं रात भर सितारे मेरे लिए।
मेरी तन्हाइयां करती हैं जिन्हें याद सदा,
उन को भी मेरी ज़रुरत हो ज़रूरी तो नहीं।
वो जोश-ए-तन्हाई शब-ए-ग़म,
वो हर तरफ बेकसी का आलम,
कटी है आँखों में रात सारी,
तड़प तड़प कर सहर हुयी।
मेरा और उस चाँद का मुकद्दर एक जैसा है,
वो तारों में तन्हा है और मैं हजारों में तन्हा।
एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी,
ऐसा तो कम ही होता है वो भी हो तन्हाई भी।
ऐ शम्मा तुझपे ये रात भारी है जिस तरह,
हमने तमाम उम्र गुजारी है उस तरह।
तुम्हारे बगैर ये वक़्त ये दिन और ये रात,
गुजर तो जाते हैं मगर गुजारे नहीं जाते।
उसके दिल में थोड़ी सी जगह माँगी थी
मुसाफिरों की तरह,
उसने तन्हाईयों का एक शहर
मेरे नाम कर दिया।
जब महफ़िल में भी तन्हाई पास हो,
रोशनी में भी अँधेरे का एहसास हो,
तब किसी खास की याद में मुस्कुरा दो,
शायद वो भी आपके इंतजार में उदास हो।
हम अंजुमन में सबकी तरफ देखते रहे,
अपनी तरह से कोई हमें अकेला नहीं मिला।
वो भी बहुत अकेला है शायद मेरी तरह,
उस को भी कोई चाहने वाला नहीं मिला।
क्या लाजवाब था तेरा छोड़ के जाना,
भरी भरी आँखों से मुस्कुराये थे हम,
अब तो सिर्फ मैं हूँ और तेरी यादें हैं,
गुजर रहे हैं यूँ ही तन्हाई के मौसम।
Kya Lajawab Tha Tera Chor Kar Jana
कैफ में डूबा हुआ हूँ आलम-ए-तन्हाई है,
फिर तेरी याद दबे पाँव चली आई है,
शब-ए-तारीक पे छाई हुयी रानाई है,
यह तेरी ज़ुल्फ़ के साए हैं के परछाई है,
तेरे दीवाने को इतना भी अब होश नहीं,
ये तेरा आगोश है या गौसा-ए-तन्हाई है।
ना जाने क्यूँ खुद को अकेला सा पाया है,
हर एक रिश्ते में खुद को गँवाया है।
शायद कोई तो कमी है मेरे वजूद में,
तभी हर किसी ने हमें यूँ ही ठुकराया है।
कभी पहलू में आओ तो बताएँगे तुम्हें,
हाल-ए-दिल अपना तमाम सुनाएँगे तुम्हें,
काटी हैं अकेले कैसे हमने तन्हाई की रातें,
हर उस रात की तड़प दिखाएँगे तुम्हें।
माना सो गया और मैं जगा रातभर तन्हा,
तुम्हारे गम से दिल रोता रहा रातभर तन्हा।
मेरे हमदम तेरे आने की आहट अब नहीं मिलती,
मगर नस-नस में तू गूंजती रही रातभर तन्हा।
सौ बार चमन महका सौ बार बहार आई,
दुनिया की वही रौनक दिल की वही तन्हाई।
तेरे जल्वों ने मुझे घेर लिया है ऐ दोस्त,
अब तो तन्हाई के लम्हे भी हसीं लगते हैं।
Tere Jalwe Emotional Sad Shayari
मैं जो हूँ मुझे रहने दे हवा के जैसे बहने दे,
तन्हा सा मुसाफिर हूँ मुझे तन्हा ही तू रहने दे।
तन्हाई में चलते चलते
अब पैर लडखडा रहे हैं,
कभी साथ चलता था कोई,
अब अकेले चलें जा रहे हैं।
मेरी पलकों का अब नींद से कोई ताल्लुक नही रहा,
मेरा कौन है ये सोचने में रात गुज़र जाती है।
मुझको मेरी तन्हाई से अब शिकायत नहीं है,
मैं पत्थर हूँ मुझे खुद से भी मोहब्बत नहीं है।
कितनी अजीब है इस शहर की तन्हाई भी,
हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है।
कैसे गुजरती है मेरी
हर एक शाम तुम्हारे बगैर,
अगर तुम देख लेते तो
कभी तन्हा न छोड़ते मुझे।
दिल गया तो कोई आँखें भी ले जाता,
फ़क़त एक ही तस्वीर कहाँ तक देखूँ।
वक्त के बदल जाने से इतनी तकलीफ नही होती है,
जितनी किसी अपने के बदल जाने से तकलीफ होती है।