Dard Wali Shayari / दर्द वाली शायरी
Dard Wali Shayari / दर्द वाली शायरी हमारी ज़िन्दगी में कभी ना कभी ऐसा टाइम ज़रूर आता है जब हम किसी ना किसी दर्द से गुज़र रहे होते है कभी किसी के बदलना का दुःख कभी किसी के बिछड़ने का दुःख कभी कुछ पाने का दुःख कभी किसी को खोने का दुःख कभी किसी की याद में हम दुखी रहते है तो कई बार हम किसी से दूर होकर दुखी होते है ऐसे ही कुछ ना कुछ लाइफ में चलता ही रहता है किसी ना किसी दुःख से हम निकलने की जुफ्तज़ु जुफ़तुजू में लगे ही रहते है ऐसे ही कुछ दर्द होते है जो हमे परेशान करते ही रहते है और बहुत हमारे ऐसे दोस्त है जो अभी इस दौर से गुज़र रहे है हम अपने उन दोस्तों के लिए आज कुछ दर्द वाली शायरी लेकर आये है और हम कहते है किहमारे वो दोस्त हमारी ये शायरी पढ़ कर अपने आप को कुछ दर्द से बहार लाये और हमारी इन शायरियो से अपने दर्द को काम करे और अपने दर्द को अपने चाहने वालो तक और अपनी न हासिल मोहब्बत तक पोहचने के लिए आप हमारी शायरी को अपने स्टेटस पर लगा कर उनके पास तक पोहचए और उनको बताये की वो क्या दुःख देकर गए है हमारी ये दर्द वाली शायरी आपके लिए बहुत ही बेहतरीन और स्टेटस के लिए अच्छी होने वाली है चले फिर देखते है ये दर्द वाली शायरी और अपने आपको कुछ फ्री करते है अपने दिल दिमाग को इस शायरी से
लिंक पर किलिक करे Takleef Dard Broken Shayari
Dard Wali Shayari / दर्द वाली शायरी
बहुत दर्द हैं ऐ जान-ए-अदा तेरी मोहब्बत में,
कैसे कह दूँ कि तुझे वफ़ा निभानी नहीं आती।
कितना लुत्फ ले रहे हैं लोग मेरे दर्द-ओ-ग़म का,
ऐ इश्क़ देख तूने तो मेरा तमाशा ही बना दिया
ये सच है कि हम मोहब्बत से डरते हैं,
क्यूँ कि ये प्यार दिल को बहुत तड़पाता है,
आँख में आँसू तो हम छुपा सकते हैं,
दर्द-ए-दिल दुनिया को पता चल जाता है।
मेरे दर्द का जरा सा हिस्सा लेकर तो देखो,
सदियों तक याद करते रहोगे तुम भी।
शुक्र करो कि हम दर्द सहते हैं, लिखते नहीं,
वरना कागजों पर लफ्जों के जनाज़े उठते।
दिल से महसूस कर सकते हैं उस दर्द को,
जो तेरी कलम ने एक-एक करके तराशा है।
मुस्कुराने से भी होता है दर्द-ए-दिल बयां,
किसी को रोने की आदत हो ये जरूरी तो नहीं।
ग़म सलीके में थे जब तक हम खामोश थे,
जरा जुबान क्या खुली दर्द बे-अदब हो गए।
लफ्ज़-ए-तसल्ली तो बस एक तकल्लुफ है,
जिसका दर्द उसका दर्द बाकी सब अफ़साने।
उसी का शहर, वही मुद्दई, वही मुंसिफ,
हमें यकीन था हमारा क़सूर निकलेगा।
Dard Wali Shayari / दर्द वाली शायरी
ज़िन्दगी ने मेरे दर्द का क्या खूब इलाज सुझाया,
वक्त को दवा बताया ख्वाहिशों से परहेज़ बताया।
तरस आता है मुझे अपनी मासूम सी पलकों पर,
जब भीग कर कहती है कि अब रोया नहीं जाता।
कोई समझता नहीं मुझे इसका ग़म नहीं करता,
पर तेरे नजरंदाज करने पर मुस्कुरा देता हूँ,
मेरी हँसी में छुपे दर्द को महसूस कर के देख,
मैं तो हँस के यूँ ही खुद को सजा देता हूँ।
अपना कोई मिल जाता तो हम फूट के रो लेते,
यहाँ सब गैर हैं तो हँस के गुजर जायेगी।
वक़्त ख़ुशी से काटने का मशवरा देते हुये,
रो पड़ा वो ख़ुद ही मुझे हौंसला देते हुये ।
न जाने किस तरह के हैं दुनिया के लोग भी,
प्यार भी प्यार से करते हैं और बर्बाद भी प्यार से।
लोग मुन्तज़िर ही रहे कि हमें टूटा हुआ देखें,
और हम थे कि दर्द सहते-सहते पत्थर के हो गए।
वो सिलसिले वो शौक वो ग़ुरबत न रही,
फिर यूँ हुआ के दर्द में शिद्दत न रही,
अपनी ज़िन्दगी में हो गए मसरूफ वो इतना,
कि हम को याद करने की फुर्सत न रही।
बैठे है रहगुज़र पर दिल का दिया जलाये,
शायद वो दर्द जाने, शायद वो लौट आये।
इसी ख्याल से गुज़री है शाम-ए-ग़म अक्सर,
कि दर्द हद से जो बढ़ेगा तो मुस्कुरा दूंगा।
Dard Wali Shayari / दर्द वाली शायरी
मुझको तो दर्द-ए-दिल का मज़ा याद आ गया,
तुम क्यों हुए उदास तुम्हें क्या याद आ गया?
कहने को ज़िन्दगी थी बहुत मुख्तसर मगर,
कुछ यूँ बसर हुई कि खुदा याद आ गया।
जब्त कहता है कि खामोशी से बसर हो जाये,
दर्द की जिद है कि दुनिया को खबर हो जाये।
ख़ामोशी को इख़्तियार कर लेना,
अपने दिल को थोड़ा बेक़रार कर लेना,
ज़िन्दगी का असली दर्द लेना हो तो,
बस किसी से बेपनाह प्यार कर लेना।
जब फुरसत मिले चाँद से
मेरे दर्द की कहानी पूछ लेना,
सिर्फ एक वो ही है मेरा हमराज
तेरे जाने के बाद।
कहाँ कोई मिला ऐसा जिस पर दिल लुटा देते,
हर एक ने धोखा दिया किस किस को भुला देते,
अपने दर्द को अपने दिल ही में दबाये रखा,
अगर बयां करते तो महफिलों को रुला देते।
दर्द मोहब्बत का ऐ दोस्त बहुत खूब होगा,
न चुभेगा.. न दिखेगा.. बस महसूस होगा।
ये जरूरी तो नहीं हर शख़्स मसीहा ही हो,
प्यार के ज़ख़्म अमानत हैं दिखाया न करो।
मुझे क़बूल है हर दर्द,
हर तकलीफ़ तेरी चाहत में..
सिर्फ़ इतना बता दे,
क्या तुझे मेरी मोहब्बत क़बूल है
फैसला ये भी cयार बहुत मुश्किल है,
तेरे ज़ुल्म सहें या कि फ़ना हो जाएँ।
दर्द में भी ये लब मुस्कुरा जाते हैं,
बीते लम्हे हमें जब भी याद आते है।
दर्द वाली शायरी
हमें देख कर जब उसने मुँह मोड़ लिया,
एक तसल्ली हो गयी चलो पहचानते तो हैं।
किस दर्द को लिखते हो इतना डूब कर,
एक नया दर्द दे दिया है उसने ये पूछकर।
वो दर्द ही न रहा वरना ऐ मता-ए-हयात,
मुझे गुमान भी न था मैं तुझे भुला दूंगा।
शीशा टूटे और बिखर जाये वो बेहतर है,
दरारें न जीने देती हैं न मरने देती हैं।
हर दर्द को दफ़न कर गहराई में कहीं,
दो पल के लिए सब कुछ भुलाया जाए,
रोने के लिए घर में कोने बहुत से हैं,
आज महफ़िल में चलो सबको हँसाया जाए।
न जाने उस पर इतना यकीन क्यूँ है,
उसका ख्याल भी इतना हसीं क्यूँ है,
सुना है प्यार का दर्द मीठा होता है,
तो आँख से निकला आँसू नमकीन क्यूँ है।
खामोशियाँ कर देतीं बयान तो अलग बात है,
कुछ दर्द हैं जो लफ़्ज़ों में उतारे नहीं जाते।
तकलीफ ये नहीं कि तुम्हें अज़ीज़ कोई और है,
दर्द तब हुआ जब हम नजरंदाज किए गए।
खून बन कर मुनासिब नहीं दिल बहे,
दिल नहीं मानता कौन दिल से कहे,
तेरी दुनिया में आये बहुत दिन रहे,
सुख ये पाया कि हमने बहुत दर्द सहे।
आज उस ने एक दर्द दिया तो मुझे याद आया,
हमने ही दुआओं में उसके सारे दर्द माँगे थे।
Mere Dard Wali Shayari
बहुत जुदा है औरों से मेरे दर्द की कहानी,
जख्म का निशाँ नहीं और दर्द की इन्तेहाँ नहीं।
ना तस्वीर है तुम्हारी जो दीदार किया जाये,
ना तुम हो मेरे पास जो प्यार किया जाये,
ये कौन सा दर्द दिया है तुमने ऐ सनम,
ना कुछ कहा जाये ना तुम बिन रहा जाये।
यह भी एक ज़माना देख लिया है हम ने,
दर्द जो सुनाया अपना तो तालियां बज उठीं।
रोज़ पिलाता हूँ एक ज़हर का प्याला उसे,
एक दर्द जो दिल में है मरता ही नहीं है।
ख्याल में आता है जब भी उनका चेहरा,
तो लबों पे अक्सर एक फरियाद आती है,
भूल जाते हैं सारे दर्द-ओ-सितम उनके,
जब उनकी थोड़ी सी मोहब्बत याद आती है।
बयाँ करना मोहब्बत को आसान न हुआ था,
ये जो दर्द है कैसे कह दूँ कि ये तुमने दिया है।
कागज़ पे हमने भी ज़िन्दगी लिख दी,
अश्क से सींच कर उनकी खुशी लिख दी,
दर्द जब हमने उबारा लफ्जों पे,
लोगों ने कहा वाह क्या ग़ज़ल लिख दी।
लोग कहते है हर दर्द की एक हद होती है,
शायद उन्होंने मेरा हदों से गुजरना नहीं देखा।
दिया दिए से जला लूँ तो सुकून आये मुझे,
तुम्हें गले से लगा लूँ तो चैन आये मुझे,
मोहब्बतों के सहीफ़े हैं या अज़ाब कोई,
तेरे खतों को जला लूँ तो चैन आये मुझे।
किया है बर्दाश्त तेरा हर दर्द इसी आस के साथ,
कि खुदा नूर भी बरसाता है आज़माइशों के बाद।
Mujhe Bas Itna Batado
समझ में कुछ नहीं आता
मोहब्बत किस को कहते हैं,
मगर इतना समझता हूँ,
कि कहीं पर दर्द उठता है।
कमाल का जिगर रखते है कुछ लोग,
दर्द लिखते हैं और आह तक नहीं करते।
फिर कोई सवाल सुलगता रहा रात भर,
फिर कोई जवाब सिसकता ही रह गया।
बेनाम सा यह दर्द ठहर क्यों नहीं जाता,
जो बीत गया है वो गुजर क्यों नहीं जाता,
वो एक ही चेहरा तो नहीं सारे जहाँ में,
जो दूर है वो दिल से उतर क्यों नहीं जाता।
झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया,
इससे बेहतर था खुलकर रो लिए होते।
ये मत समझ कि तेरी याद से रिश्ता नहीं रखा,
मैं खुद तन्हा रहा मगर दिल को तन्हा नहीं रखा,
तुम्हारी चाहतों के फूल तो महफूज़ रखे हैं,
तुम्हारी नफरतों की पीर को ज़िंदा नहीं रखा।
तजुर्बे ने हमें एक बात तो सिखाई है,
एक नया दर्द ही पुराने दर्द की दवाई है।
अब ये भी नहीं ठीक कि हर दर्द मिटा दें,
कुछ दर्द तो कलेजे से लगाने के लिए हैं।
यह इल्म का सौदा, ये रिसाले, ये किताबें,
एक शख्स की यादों को भुलाने के लिए है।
मुझको ढूँढ़ लेता है हर रोज़ नए बहाने से,
दर्द हो गया है वाकिफ मेरे हर ठिकाने से।
मैं ज़िन्दगी के उन हालातों से भी गुजरा हूँ,
जहाँ लगता था मरना अब जरूरी हो गया है।
Dard To Pyar Ki Yado Me Hai
गुजरता वक़्त हमें एहसास दिला देता है,
जिसे चाहते हैं हम वो ही दिल दुखा देता है,
वक़्त मरहम लगा देता है जिन ज़ख्मो पर,
कोई अपना उस दर्द को फिर से जगा देता है।
हमने सोचा था कि बताएंगे दिल का दर्द तुमको,
पर तुमने तो इतना भी न पूछा कि खामोश क्यों हो।
वो लफ्ज कहाँ से लाऊं जो तुझको मोम कर दें,
मेरा वजूद पिघल रहा है तेरी बेरूखी से।
मुझको ऐसा दर्द मिला जिसकी दवा नहीं,
फिर भी खुश हूँ मुझे उससे कोई गिला नहीं,
और कितने आँसू बहाऊँ मैं उसके लिए,
जिसको खुदा ने मेरे नसीब में लिखा नहीं।
आदत बदल सी गई है वक़्त काटने की,
हिम्मत ही नहीं होती अपना दर्द बांटने की।
हमदर्दियाँ भी मुझे काटने लगती हैं अब,
यूँ मुझसे मेरा मिजाज़ ना पूछा करे कोई।
कैसे बयान करें आलम दिल की बेबसी का,
वो क्या समझे दर्द आँखों की इस नमी का,
उनके चाहने वाले इतने हो गए हैं अब,
उन्हें कोई एहसास ही नहीं हमारी कमी का।
मेरी फितरत ही कुछ ऐसी है कि,
दर्द सहने का लुत्फ़ उठाता हूँ मैं।
दिल के ज़ख्मों को हवा लगती है,
साँस लेना भी यहाँ आसान नहीं है
रोने की सजा है न रुलाने की सजा है,
ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सजा है,
हँसती हुई आँखों में आ जाते हैं आँसू,
ये उस शख्स से दिल लगाने की सजा है।
dard Hota Hai Tumhe Dekh Kar
हर एक हसीन चेहरे में गुमान उसका था,
बसा न कोई दिल में ये मकान उसका था,
तमाम दर्द मिट गए मेरे दिल से लेकिन,
जो न मिट सका वो एक नाम उसका था।
रोशनी चाहूँ तो दुनिया के अँधेरे घेर लेते हैं
अगर कोई मेरी तरह जी ले तो जीना भूल जायेगा।
तुझसे पहले भी कई जख्म थे सीने में मगर,
अब के वह दर्द है दिल में कि रगें टूटती हैं।
आँखों में उमड़ आता है बादल बन कर,
दर्द एहसास को बंजर नहीं रहने देता।
अब तुम न कर सकोगे मेरे दर्द का इलाज़,
ज़ख्म को नासूर हुए मुद्दतें गुजर गयीं।
ज़हर देता है कोई, तो कोई दवा देता है,
जो भी मिलता है मेरा दर्द बढ़ा देता है।
और भी कर देता है मेरे दर्द में इज़ाफ़ा,
तेरे रहते हुए गैरों का दिलासा देना।
तेरे ऐसे सच्चे आशिक़ है हम,
दिलमे जिसके प्यार न हो कभी कम,
सच्चे प्यार में तो ज़िन्दगी महक जाती है,
ना जाने हमारी आँखे क्यों है नम।