Deep Shayari On Life / डीप शायरी ओंन लाइफ
Deep Shayari On Life / डीप शायरी ओंन लाइफ इंसान की ज़िन्दगी में इतनी बाते छिपी हुई है है जिन्हें समझ पाना बड़ा ही मुश्किल है. लेकिन जब कोई ऐसी बात इंसान नई खुलती है तो उसकी हकीकत और सच्चाई को बयाँ करता है तो उसकी बातें दिल को गहराई से छू लेती है. दिल की गहरी शायरी स्टेटस बातें अक्सर हमें ख़ुशी या सुकून देते है. ऐसा लगता है जैसे कोई मेरे दिल के हालात को समझकर ये बातें लिखी हो और हमारे दर्द से अच्छे से वाकिफ लगता है और साडी की साडी शायरिया ऐसी लगती है जैसे की हमारे ही ऊपर लिखी हुई है और हमे ये शायरिया पढ़ कर बहुत हल्का और अच्छा महसूस होता है तब हम इन शायरियो को अपने ही सोसल मिडिया पर स्टेटस या फ़ीस स्टोरी पर लगते है और अपने दोस्तों और अपने मिलने वालो को भी इन शायरियो के ज़रिये ये बताना ज़रूरी समझते है की अभी हम किस ताशा से चल रहे है और हमे ये शायरिया बहुत पसंद आती है जब हमे अपने आपको थोड़ा बिज़ी करना हो तो और सही को ये भी पता है की शायरी का अपना ही अलग एक मज़ा है चले फिर अभी के लिए डीप शायरी ओंन लाइफ पढ़ते है
Top 150+Deep Shayari On Life / डीप शायरी ओंन लाइफ
आसमान में तारों के
बीच तुझे मैं देखता हूं..
याद में तेरी खुद को
मैं ऐसे समझाता हूं.
साँसों की माला पर लिखुँ तेरा नाम
तेरी बाहों में गुज़रे मेरी आखरी शाम..
तुझे पाने के बाद नहीं चाहत किसी की
तुझ पर कर दी अपनी मोहब्बत तमाम..
लाखों कमाने की जब मन में आरजू आई..
गरीब ने मुझे खुशियों की कीमत बताई.
इश्क़ के इस बाजार में
हम अपनी नक़द हार गए..
गम हारने का नहीं है मगर
हम तो उम्मीद भी हार गए..
मौसमों में बिखेरे उस ने कई रंग मोहब्बत के
मेरी गज़लों को दिए कई पहलू चाहत के..
एक मासूम लड़की ने इतनी शिद्दत से चाहा मुझे
उस ने बदल दिए मतलब ईबादत के
जब से मिले हो
मुझे तुम करीब से..
दिल भूल गया है
दुआएं मांगना रब से.
तेरा चेहरा हो सामने जब कभी सवेरा हो
मोहब्बत की बस्ती में दूर कही अपना बसेरा हो..
जहाँ हवाएँ भी तुझे छूने की इजाज़त ले
खुदा करें जल्द मुकम्मल ख्वाब हमारा सुनहरा हो.
तेरी हर मुसीबत में मैं
हमेशा तेरे साथ रहूंगा..
कांटो की राह हो या
अंगारों की, साथ चलूंगा.
तेरा खयाल रातों को देर तक जगाए मुझे
जिधर देखु तेरी ही सूरत नज़र आए मुझे..
काश ! तेरी चाहत में फना हो जाऊँ मैं
ज़िन्दगी में वो दिन भी खुदा दिखाए मुझे.
तुझ पर लिखी जब से
मैंने प्यार की किताब है..
मासूम तेरे दिल से,
मिलने जिंदगी मेरी बेताब है.
तेरी आंखो में मुझे अपना
सारा जहां दिखता है..
तेरे अलावा इस दिल में
कोई और ना बसता है.
तेरे हाथ की ये चूड़ियां
तेरी कलाइयों को सताती है..
बर्दाश्त नहीं होती ये बेड़ियाँ
जो तुझे बांध कर रखती है.
डीप शायरी ओंन लाइफ
आ भी जाओ अब बाहों में मेरी
चलना ही कितना है तुम्हें..
बस इन धड़कनों से होते हुए
दिल में मेरे उतरना है तुम्हें.
टूटा है भरोसा सबका इस दिल से..
जब से छूटा है साथ मेरा तुझ से.
मोहब्बत नहीं इबादत है तू मेरी
जरूरत नहीं जीने की आदत है तू मेरी..
यादों का तेरी कैदी बन चुका हूं अब
बस एक तू ही तो जमानत है मेरी.
इल्जाम हर बार हम पर ही लगा देते हो चाहत का
खुद से भी कभी पूछो, इतने खूबसूरत हो क्यों..
सौदा सोच कर है किया जाता..
मगर इश्क में सौदा नहीं होता..
ने ही लगाया था
मुझ पर प्यार का इल्जाम..
कोरे कागज पर फिर भी
लिखता रहता हूं तेरा नाम.
हर रोज गुजरता हूं
तेरी गलियों से..
थम जाता हुं तुझे
देखने के ख्याल में..
उसके सामने जलाया जब हुक्का मैंने..
मासूम सा सवाल उसने पूछा मुझसे..
क्या इसकी तलब मेरे होंठोंसे ज्यादा है.
काश, देती तू मेरे
सवालों के जवाब..
मांगता मैं तुझसे
सारे पुराने हिसाब.
मोहब्बत सोच समझकर
करने वाली बात नहीं है..
और जो सोच कर की जाए
यकीनन वो मोहब्बत नहीं है.
सारे ताबीज पहन कर देख लिए हमने,
आराम तो बस तेरे दीदार से ही मिला.
अंदर ही अंदर पूरा टूट गया हूं..
अपने आप से ही रूठ गया हूं..
Deep Shayari On Life / डीप शायरी ओंन लाइफ
यारों…
जिसे चाहा था हमने खुदा से भी ज्यादा..
उफ़! उसी ने हमें खुदा से मिलवा दिया.
अनजान हूं अब रात
होती है या नहीं..
पता नहीं ये सांसे
चलती है या नहीं.
कर्ज़ तेरे इश्क़ का मैं उतारू कैसे..
रंग इस गुलाल का मैं मिटाऊं कैसे.
जिंदगी छोड़ने पर
मजबूर कर दिया..
जब से तूने इस
दिल को दूर कर दिया.
मेरे इस दिल में तुम्हारी
हसीन सूरत बिल्कुल साफ है..
मगर अफसोस के तेरे दिल में
मुझे अपनी शक्ल नहीं दिखती.
तुझे प्यार तो नहीं है मुझसे..
फिर भी यादें जुड़ी है तुझसे
घर तेरा किसी महल जैसा
और दिल समंदर के जैसा..
कैसे संभालती हो अपने दिल को
इश्क तेरा समंदर की गहराई जैसा.
दिल तोड़कर एहसान किया मुझ पर..
अब मैं भरोसा करूं भी तो किस पर.
लहू में तेरे इश्क का
क़तरा दौड़ने लगा है..
इस मर्ज का अब तुझ पर
असर दिखने लगा है..
तुम्हें क्या मालूम खुदा से
रजा कैसे मांगी जाती है..
तुम्हें क्या पता तनहाई की
सजा कैसे काटी जाती है.
सोच में तेरी हम सोच के
बारे में ही सोचते रहते हैं..
क्या करें सोच को सोचकर
हम सोचते ही रहते हैं.
जिंदगी के सभी पल
शौक से जी लीजिए..
दिल को रूठने का
कभी मौका ना दीजिए.
Deep Shayari On Life / डीप शायरी ओंन लाइफ
इस तरह मुझे खुद से मिलाती है..
जिंदगी रोज नए सबक दिलाती है.
सपनों में खुद इतराता रहता है..
जीवन तो समझौता होता है.
इंसान अपने आप में है डूबा रहता..
घमंड का नशा उसे पता नहीं चलता.
खुद पर हद से ज्यादा
घमंड करने लगोगे..
जिंदगी को खुद अपनी
नजर लगा लोगे
किस्मत मेरी उजड़ गई है..
जिंदगी तमाशा बन गई है.
खुद होकर कभी बिखरती है..
जिंदगी तजुर्बों से निखरती है.
गुरुर करने वालों को
औकात दिखाती है..
जिंदगी हर वक्त कुछ
ना कुछ सिखाती है.
दिल में ख्वाहिशों की
बात कहां टिकती है..
मुश्किल भी हो तो
जिंदगी कहां रुकती है.
मन में आजकल
ये सवाल आते हैं..
वक्त के साथ लोग
क्यों बदल जाते हैं.
खुद अपने नसीब को लेकर चलता है..
हर कोई तन्हाई की महफिल में पलता है.
दिल पर मेरे अजीब सी तन्हाई छाई है..
जिंदगी दुखों की सौगात लेकर आई है.
तुम मेरी आँख के तेवर ना भुला पाओगे
अनकहीं बात को समझोगे तो याद आऊँगा..
शाल पहनाएगा अब कौन दिसंबर में तुम्हें
बारिशों में कभी भीगोगे तो याद आऊँगा
Deep Shayari On Life / डीप शायरी ओंन लाइफ
समंदर में उतरता हुँ तो आँखें भीग जाती हैं
तेरी आँखों को पढ़ता हुँ तो आँखें भीग जाती हैं..
तुम्हारा नाम लिखने की इजाज़त छीन गई जब से
कोई भी लफ्ज़ लिखता हुँ तो आँखें भीग जाती हैं.
उस के हाथों से जो खुशबु-ए-हिना आती हैं
ऐसा लगता हैं के जन्नत से हवा आती हैं..
तेरे गम को ये बरहना नहीं रहने देती
मेरी आँखों पे जो अश्कों की रिदा आती हैं.
तेरी जानीब अगर चले होते
हम ना यूँ दर बदर हुए होते..
पा लिया मैं ने सारी दुनिया को
कोई ख्वाहिश नहीं तेरे होते.
दियारे गैर में कैसे तुझे सदा देते
तू मिल भी जाता तो आखिर तुझे गँवा देते..
हम अपने बच्चों से कैसे कहे के ये गुड़िया
हमारे बस में जो होती तो हम दिला देते.
भँवर की गोद में जैसे किनारा साथ रहता हैं
कुछ ऐसे ही तुम्हारा और हमारा साथ रहता हैं..
सफर में ऐन मुमकिन हैं मैं खुद को छोड़ दूँ लेकिन
दुआएँ करने वालों का सहारा साथ रहता हैं
आज यूँ मौसम ने दी जश्ने मोहब्बत की खबर
फुट कर रोने लगे हैं मैं, मोहब्बत और तुम..
खो गए अंदाज़ भी, आवाज़ भी, अलफाज़ भी
खामोशी ढूंढने लगे हैं मैं, मोहब्बत और तुम.
सोचता हुँ उसे नींद भी आती होगी?
या मेरी तरह फकत अश्क बहाती होगी?
वहीं मेरी शकल मेरा नाम भुलाने वाली
अपनी तसवीर से क्या आँख मिलाती होगी
हज़ारों दुःख पड़े सहना..मोहब्बत मर नहीं सकती
हैं तुम से बस यहीं कहना मोहब्बत मर नहीं सकती..
तेरा हर बार मेरे खत को पढ़ना और रो देना
मेरा हर बार लिख देना… मोहब्बत मर नहीं सकती
तेरे संग गुज़रे ज़िंदगी यहीं आरज़ू हैं
तेरा चेहरा सदा निगाहों के रूबरू हैं..
तेरे प्यार ने गुमराह ना होने दिया
ज़िंदगी के अंधेरों में जलती शमा तू हैं.
तुम ही हो मेरी सच्ची चाहत,
प्यार में तुम्हारे फना होना चाहता हूं..
अब और ना तड़पाओ जानम,
हुस्न का तेरे मैं गुलाम होना चाहता हूं.
तुझ से रिश्ता मेरा बड़ा पुराना हैं
तू जन्नत का कोई हसीन तराना हैं..
तेरे प्यार ने मुझे अनमोल कर दिया
तुझे सदा के लिए अपना बनाना हैं.
दिल मैं हूं, लेकिन धड़कन उसकी तुम हो..
जाम मैं हूं, लेकिन नशा उसका तुम हो.
Kitab Hai Ye Zindagi
तेरा प्यार निगाहों में सँभाल रखा हैं
सँभाले दिल में तेरा ख्याल रखा हैं..
नींद तेरी टुट ना जाए आवाज़ से
पैरों से पायल को निकाल रखा हैं.
तू आंखों के सामने ही रहें, प्यार के लिए
मेरे यह जरूरी नहीं है..
मोहब्बत बड़े शौक से करता हूं तुमसे,
मेरी कोई मजबूरी नहीं है..
बिजलियाँ गिराती हैं निगाहों के इशारों से
तेरी माँग सजाऊँगा एक दिन सितारों से..
हमारा प्यार, सागर से भी गहरा हैं
ज़माने वालों लगाओ ना अंदाज़ किनारों से
तुम से कभी जुदा ना हो पाए,
इस कदर बाहों में भर लो हमें जानम..
मोहब्बत सच्ची करता हूं तुमसे,
दिल के करीब बस तुम हो सनम.
जिंदगी में जो खो दिया मैंने,
वो फिर कभी दोबारा ना मिला..
लेकिन सच ये है कि मुझे आज तक
तुम्हारे जितना कोई प्यारा ना मिला.
मोहब्बत की बारिश में साथ
तुम्हारे अक्सर भीगा करते हैं..
खुद से भी नहीं किया,
प्यार हम इतना तुमसे करते हैं.
री आँखे कोई छलकता जाम हैं
तेरा चेहरा कोई दिलकश शाम हैं..
तेरे प्यार ने बख्शा मुझे जूनून
सुबह शाम लबों पर तेरा नाम हैं.
चाहत की आखरी मंजिल
और पहली वफ़ा तू ही है..
दिल से की हुई मोहब्बत की
मेरे इंतेहा बस तू ही है
शर्म से वो खुद में सिमटना तेरा
मेरे मिलने के लिए वो सँवरना तेरा..
तेरा प्यार ज़िंदगी हैं बेसहारों की
कभी ना छुटे साथ ये सजना तेरा
चाहत को रुसवा करने वाली
इस दुनिया से नाता तोड़ दूंगा..
मेरी जान, अब तो मोहब्बत से
बस तेरे रिश्ता मैं जोड़ लूंगा.
ज़माने की निगाहों से प्यार छुपाती हैं
तन्हाई में मेरी तसवीरों से बतियाती हैं..
चौदहवीं के चाँद से फेर ली हैं निगाहें
जब से वो मुझे अपना बताती हैं.
चले हैं कुछ कदम साथ
अभी तो पूरा सफर बाकी है..
अरमान मेरे दिल में एक
तुझसे मोहब्बत का बाकी है.
Kismat Par Naaz Hai
किसी के अफ़साने से मिटाया गया हुँ
प्यार की दास्तानो से भुलाया गया हुँ..
जिन्हें ज़िंदगी लिखता रहा अपनी ग़ज़लों
में उन अपनों के हाथों सताया गया हुँ.
नादां दिल ये मेरा प्यार के
आसमान का सितारा बन गया है तेरी..
तुम्हारा ही नाम है जुबां पर अब
तो इश्क ही जिंदगी बन गया है मेरी.
चेहरा अपना पुराना लगता हैं तसवीर में
ऐसे जकड़े गए हालातों की ज़ंजीर में..
मुद्दतें गुज़री तुझे दुआओं में माँगते हुए
तेरा प्यार नहीं शायद मेरी तकदीर में.
हवाएँ लाती हैं अब पैगाम तेरा
फ़िज़ाए गुनगुनाती हैं अब नाम तेरा..
ज़माने पर चलती हैं उन की हुकुमत
हुआ जो भी प्यार में गुलाम तेरा.
सुनी जब कभी आने की खबर तेरी
शिद्दत से देखती हैं रस्ता नज़र मेरी..
हमारा प्यार निगाहों में पला हैं
मैं शब हुँ, तू हैं सहर मेरी.
ज़माने में हम बड़े खुश नसीब हैं
वो साये की तरह मेरे करीब हैं..
रोज़ कत्ल होता हैं दिल तेरी अदाओं से
तुझे देखने वाले लोग बड़े अजीब हैं..
आसमान में तारों के
बीच तुझे मैं देखता हूं..
याद में तेरी खुद को
मैं ऐसे समझाता हूं..
साँसों की माला पर लिखुँ तेरा नाम
तेरी बाहों में गुज़रे मेरी आखरी शाम..
तुझे पाने के बाद नहीं चाहत किसी की
तुझ पर कर दी अपनी मोहब्बत तमाम..
लाखों कमाने की जब मन में आरजू आई..
गरीब ने मुझे खुशियों की कीमत बताई..
इश्क़ के इस बाजार में
हम अपनी नक़द हार गए..
गम हारने का नहीं है मगर
हम तो उम्मीद भी हार गए..
मौसमों में बिखेरे उस ने कई रंग मोहब्बत के
मेरी गज़लों को दिए कई पहलू चाहत के..
एक मासूम लड़की ने इतनी शिद्दत से चाहा मुझे
उस ने बदल दिए मतलब ईबादत के..
जब से मिले हो
मुझे तुम करीब से..
दिल भूल गया है
दुआएं मांगना रब से..
Kon Kehta Hai ZIndagi Choti Hai
तेरा चेहरा हो सामने जब कभी सवेरा हो
मोहब्बत की बस्ती में दूर कही अपना बसेरा हो..
जहाँ हवाएँ भी तुझे छूने की इजाज़त ले
खुदा करें जल्द मुकम्मल ख्वाब हमारा सुनहरा हो..
तेरी हर मुसीबत में मैं
हमेशा तेरे साथ रहूंगा..
कांटो की राह हो या
अंगारों की, साथ चलूंगा..
तेरा खयाल रातों को देर तक जगाए मुझे
जिधर देखु तेरी ही सूरत नज़र आए मुझे..
काश ! तेरी चाहत में फना हो जाऊँ मैं
ज़िन्दगी में वो दिन भी खुदा दिखाए मुझे…
तुझ पर लिखी जब से
मैंने प्यार की किताब है..
मासूम तेरे दिल से,
मिलने जिंदगी मेरी बेताब है..
तेरी आंखो में मुझे अपना
सारा जहां दिखता है..
तेरे अलावा इस दिल में
कोई और ना बसता है..
पढ़ना दिल की दास्तानें भी..
कभी सुनो मेरी धड़कनें भी..
तेरे हाथ की ये चूड़ियां
तेरी कलाइयों को सताती है..
बर्दाश्त नहीं होती ये बेड़ियाँ
जो तुझे बांध कर रखती है..
आ भी जाओ अब बाहों में मेरी
चलना ही कितना है तुम्हें..
बस इन धड़कनों से होते हुए
दिल में मेरे उतरना है तुम्हें..
टूटा है भरोसा सबका इस दिल से..
जब से छूटा है साथ मेरा तुझ से..
मोहब्बत नहीं इबादत है तू मेरी
जरूरत नहीं जीने की आदत है तू मेरी..
यादों का तेरी कैदी बन चुका हूं अब
बस एक तू ही तो जमानत है मेरी..
इल्जाम हर बार हम पर ही लगा देते हो चाहत का
खुद से भी कभी पूछो, इतने खूबसूरत हो क्यों..
सौदा सोच कर है किया जाता..
मगर इश्क में सौदा नहीं होता..
Kuch Is Tarha ZIndagi Mene
तूने ही लगाया था
मुझ पर प्यार का इल्जाम..
कोरे कागज पर फिर भी
लिखता रहता हूं तेरा नाम..
हर रोज गुजरता हूं
तेरी गलियों से..
थम जाता हुं तुझे
देखने के ख्याल में..
उसके सामने जलाया जब हुक्का मैंने..
मासूम सा सवाल उसने पूछा मुझसे..
क्या इसकी तलब मेरे होंठोंसे ज्यादा है..?
काश, देती तू मेरे
सवालों के जवाब..
मांगता मैं तुझसे
सारे पुराने हिसाब..
मोहब्बत सोच समझकर
करने वाली बात नहीं है..
और जो सोच कर की जाए
यकीनन वो मोहब्बत नहीं है..
सारे ताबीज पहन कर देख लिए हमने,
आराम तो बस तेरे दीदार से ही मिला..
अंदर ही अंदर पूरा टूट गया हूं..
अपने आप से ही रूठ गया हूं..
यारों…
जिसे चाहा था हमने खुदा से भी ज्यादा..
उफ़! उसी ने हमें खुदा से मिलवा दिया..
अनजान हूं अब रात
होती है या नहीं..
पता नहीं ये सांसे
चलती है या नहीं..
कर्ज़ तेरे इश्क़ का मैं उतारू कैसे..
रंग इस गुलाल का मैं मिटाऊं कैसे..
जिंदगी छोड़ने पर
मजबूर कर दिया..
जब से तूने इस
दिल को दूर कर दिया..
मेरे इस दिल में तुम्हारी
हसीन सूरत बिल्कुल साफ है..
मगर अफसोस के तेरे दिल में
मुझे अपनी शक्ल नहीं दिखती..
Bast Deep Zindagi Shayari
तुझे प्यार तो नहीं है मुझसे..
फिर भी यादें जुड़ी है तुझसे..
घर तेरा किसी महल जैसा
और दिल समंदर के जैसा..
कैसे संभालती हो अपने दिल को
इश्क तेरा समंदर की गहराई जैसा..
दिल तोड़कर एहसान किया मुझ पर..
अब मैं भरोसा करूं भी तो किस पर..
लहू में तेरे इश्क का
क़तरा दौड़ने लगा है..
इस मर्ज का अब तुझ पर
असर दिखने लगा है..
तुम्हें क्या मालूम खुदा से
रजा कैसे मांगी जाती है..
तुम्हें क्या पता तनहाई की
सजा कैसे काटी जाती है..
सोच में तेरी हम सोच के
बारे में ही सोचते रहते हैं..
क्या करें सोच को सोचकर
हम सोचते ही रहते हैं..
जिंदगी के सभी पल
शौक से जी लीजिए..
दिल को रूठने का
कभी मौका ना दीजिए..
मुलाकात हमारी अनजान है
हमारी बेइंतहा मोहब्बत से..
कौन वो दुश्मन है जो
रोकते हैं तुम्हें इजहार से..
इस तरह मुझे खुद से मिलाती है..
जिंदगी रोज नए सबक दिलाती है..
सपनों में खुद इतराता रहता है..
जीवन तो समझौता होता है..
इंसान अपने आप में है डूबा रहता..
घमंड का नशा उसे पता नहीं चलता..
खुद पर हद से ज्यादा
घमंड करने लगोगे..
जिंदगी को खुद अपनी
नजर लगा लोगे..
डीप शायरी ओंन लाइफ
किस्मत मेरी उजड़ गई है..
जिंदगी तमाशा बन गई है..
खुद होकर कभी बिखरती है..
जिंदगी तजुर्बों से निखरती है..
गुरुर करने वालों को
औकात दिखाती है..
जिंदगी हर वक्त कुछ
ना कुछ सिखाती है..
दिल में ख्वाहिशों की
बात कहां टिकती है..
मुश्किल भी हो तो
जिंदगी कहां रुकती है..
मन में आजकल
ये सवाल आते हैं..
वक्त के साथ लोग
क्यों बदल जाते हैं..?
खुद अपने नसीब को लेकर चलता है..
हर कोई तन्हाई की महफिल में पलता है..
खुशियों भरे पल ना
जाने कहां खो जाते हैं..
पलकों पर अचानक
आंसू जमा हो जाते हैं..
दिल पर मेरे अजीब सी तन्हाई छाई है..
जिंदगी दुखों की सौगात लेकर आई है..
तुम मेरी आँख के तेवर ना भुला पाओगे
अनकहीं बात को समझोगे तो याद आऊँगा..
शाल पहनाएगा अब कौन दिसंबर में तुम्हें
बारिशों में कभी भीगोगे तो याद आऊँगा..
समंदर में उतरता हुँ तो आँखें भीग जाती हैं
तेरी आँखों को पढ़ता हुँ तो आँखें भीग जाती हैं..
तुम्हारा नाम लिखने की इजाज़त छीन गई जब से
कोई भी लफ्ज़ लिखता हुँ तो आँखें भीग जाती हैं..
उस के हाथों से जो खुशबु-ए-हिना आती हैं
ऐसा लगता हैं के जन्नत से हवा आती हैं..
तेरे गम को ये बरहना नहीं रहने देती
मेरी आँखों पे जो अश्कों की रिदा आती हैं..
*खुशबु-ए-हिना: मेहंदी की खुशबु
*रिदा: चादर
जब तेरी याद में मिसरा कोई लिखने बैठा
मैं ने कागज़ पर भी छालों का गुलिस्ताँ देखा..|
तू ने देखा हैं मुँडेरों पे चिरागों को फकत
मैं ने जलता हुआ हर दौर में इंसा देखा..
Siyasat Ko Lahu Pine Ki Lat Hai
तेरी जानीब अगर चले होते
हम ना यूँ दर बदर हुए होते..
पा लिया मैं ने सारी दुनिया को
कोई ख्वाहिश नहीं तेरे होते..
दियारे गैर में कैसे तुझे सदा देते
तू मिल भी जाता तो आखिर तुझे गँवा देते..
हम अपने बच्चों से कैसे कहे के ये गुड़िया
हमारे बस में जो होती तो हम दिला देते.
भँवर की गोद में जैसे किनारा साथ रहता हैं
कुछ ऐसे ही तुम्हारा और हमारा साथ रहता हैं..
सफर में ऐन मुमकिन हैं मैं खुद को छोड़ दूँ लेकिन
दुआएँ करने वालों का सहारा साथ रहता हैं..
आज यूँ मौसम ने दी जश्ने मोहब्बत की खबर
फुट कर रोने लगे हैं मैं, मोहब्बत और तुम..
खो गए अंदाज़ भी, आवाज़ भी, अलफाज़ भी
खामोशी ढूंढने लगे हैं मैं, मोहब्बत और तुम..
सोचता हुँ उसे नींद भी आती होगी?
या मेरी तरह फकत अश्क बहाती होगी?
वहीं मेरी शकल मेरा नाम भुलाने वाली
अपनी तसवीर से क्या आँख मिलाती होगी?
हज़ारों दुःख पड़े सहना..मोहब्बत मर नहीं सकती
हैं तुम से बस यहीं कहना मोहब्बत मर नहीं सकती..
तेरा हर बार मेरे खत को पढ़ना और रो देना
मेरा हर बार लिख देना… मोहब्बत मर नहीं सकती..
तेरे संग गुज़रे ज़िंदगी यहीं आरज़ू हैं
तेरा चेहरा सदा निगाहों के रूबरू हैं..
तेरे प्यार ने गुमराह ना होने दिया
ज़िंदगी के अंधेरों में जलती शमा तू हैं..
तुम ही हो मेरी सच्ची चाहत,
प्यार में तुम्हारे फना होना चाहता हूं..
अब और ना तड़पाओ जानम,
हुस्न का तेरे मैं गुलाम होना चाहता हूं..
तुझ से रिश्ता मेरा बड़ा पुराना हैं
तू जन्नत का कोई हसीन तराना हैं..
तेरे प्यार ने मुझे अनमोल कर दिया
तुझे सदा के लिए अपना बनाना हैं..
दिल मैं हूं, लेकिन धड़कन उसकी तुम हो..
जाम मैं हूं, लेकिन नशा उसका तुम हो..
तेरा प्यार निगाहों में सँभाल रखा हैं
सँभाले दिल में तेरा ख्याल रखा हैं..
नींद तेरी टुट ना जाए आवाज़ से
पैरों से पायल को निकाल रखा हैं..
तू आंखों के सामने ही रहें, प्यार के लिए
मेरे यह जरूरी नहीं है..
मोहब्बत बड़े शौक से करता हूं तुमसे,
मेरी कोई मजबूरी नहीं है..
Zabar Jarst Zindagi
बिजलियाँ गिराती हैं निगाहों के इशारों से
तेरी माँग सजाऊँगा एक दिन सितारों से..
हमारा प्यार, सागर से भी गहरा हैं
ज़माने वालों लगाओ ना अंदाज़ किनारों से..
तुम से कभी जुदा ना हो पाए,
इस कदर बाहों में भर लो हमें जानम..
मोहब्बत सच्ची करता हूं तुमसे,
दिल के करीब बस तुम हो सनम..
जिंदगी में जो खो दिया मैंने,
वो फिर कभी दोबारा ना मिला..
लेकिन सच ये है कि मुझे आज तक
तुम्हारे जितना कोई प्यारा ना मिला..
मोहब्बत की बारिश में साथ
तुम्हारे अक्सर भीगा करते हैं..
खुद से भी नहीं किया,
प्यार हम इतना तुमसे करते हैं..
तेरी आँखे कोई छलकता जाम हैं
तेरा चेहरा कोई दिलकश शाम हैं..
तेरे प्यार ने बख्शा मुझे जूनून
सुबह शाम लबों पर तेरा नाम हैं..
चाहत की आखरी मंजिल
और पहली वफ़ा तू ही है..
दिल से की हुई मोहब्बत की
मेरे इंतेहा बस तू ही है..
शर्म से वो खुद में सिमटना तेरा
मेरे मिलने के लिए वो सँवरना तेरा..
तेरा प्यार ज़िंदगी हैं बेसहारों की
कभी ना छुटे साथ ये सजना तेरा..
चाहत को रुसवा करने वाली
इस दुनिया से नाता तोड़ दूंगा..
मेरी जान, अब तो मोहब्बत से
बस तेरे रिश्ता मैं जोड़ लूंगा..
ज़माने की निगाहों से प्यार छुपाती हैं
तन्हाई में मेरी तसवीरों से बतियाती हैं..
चौदहवीं के चाँद से फेर ली हैं निगाहें
जब से वो मुझे अपना बताती हैं..
चले हैं कुछ कदम साथ
अभी तो पूरा सफर बाकी है..
अरमान मेरे दिल में एक
तुझसे मोहब्बत का बाकी है..
किसी के अफ़साने से मिटाया गया हुँ
प्यार की दास्तानो से भुलाया गया हुँ..
जिन्हें ज़िंदगी लिखता रहा अपनी ग़ज़लों
में उन अपनों के हाथों सताया गया हुँ..
नादां दिल ये मेरा प्यार के
आसमान का सितारा बन गया है तेरी..
तुम्हारा ही नाम है जुबां पर अब
तो इश्क ही जिंदगी बन गया है मेरी..
Sharab Khane Me Sune
चेहरा अपना पुराना लगता हैं तसवीर में
ऐसे जकड़े गए हालातों की ज़ंजीर में..
मुद्दतें गुज़री तुझे दुआओं में माँगते हुए
तेरा प्यार नहीं शायद मेरी तकदीर में..
हवाएँ लाती हैं अब पैगाम तेरा
फ़िज़ाए गुनगुनाती हैं अब नाम तेरा..
ज़माने पर चलती हैं उन की हुकुमत
हुआ जो भी प्यार में गुलाम तेरा..
सुनी जब कभी आने की खबर तेरी
शिद्दत से देखती हैं रस्ता नज़र मेरी..
हमारा प्यार निगाहों में पला हैं
मैं शब हुँ, तू हैं सहर मेरी..
नए मकाम ज़माने में पा रहा हुँ
तेरे प्यार के नगमें सुना रहा हुँ..
तेरी चाहत का ये असर हुआ दिलबर
हर महफ़िल में अब छा रहा हुँ.
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