छंद
वीरों की विरासत है भारत ये देश मेरा,
यहां हर बेटा राणा, बेटी लक्ष्मी बाई है,
देखो इसके गौरव को, वीरों के अतीत को तुम,
यहां हर पल वीरों की ही बली छायी है,
मै तो नतमस्तक हूं, देश को कि ऐसे जहां,
हर देशवासी भगतसिंह का ही भाई है,
वीर है ये देश मेरा, वीर यहां की संस्कृति,
देश की हवा में केवल वीरता ही पायी है।
अनेकता में एकता का नारा यहां सर्वोपरि,
विश्व को कुटुंभ भी इसी ने ही बताया है,
ओंकार ध्वनि मुनियों की रही भाषा यहां,
संस्कृति सभ्यता का आदि यहीं पाया है,
गौतम ऋषि, महावीर की भी भूमि यही,
कृष्ण ने गोवर्धन को यही पर ही उठाया है,
रावण का नाश कर सीता जी को प्राप्त किया,
मर्यादा का गीत राम ने यहीं पर सुनाया है।
युवा शक्ति देश की, नीव को मजबूत करे,
आह्वाहन करता हूं मै, आपको पुकारता,
एकता-अखंडता का दीप यूहीं जलता रहे,
भारत ही को विश्व का गुरु मै निहारता,
देश में हो शांति सौहार्द्र का ही परिचय,
प्रेम त्याग बलिदान देश पर हूं वारता,
युवाओं का देश है ये, वीरों का ये देश है,
युवाओं को, वीरों को, ये देश है पुकारता।
– प्रयास गुप्ता।
यह भी पढ़े→
बहुत अच्छा लिखा है..👍🏻
Dhanywad namrata
बहुत खूब !!🏵
आभार आपका।