Dil Hindi Shayari / दिल हिंदी शायरी दोस्तों आज की ये दिल शायरी वाली पोस्ट में हम लेकर आये है ऐसी ही दिल से जुड़ी शायरियाँ जिन्हे आप किसी अपने के साथ शेयर करके अपने दिल की बात कह सकते है। और बता भी सकते है जो बात हम किसी को डारेक्ट नहीं बोल पाते वो बात हम अपने प्यार को शायरी के सहारे बोल सकते है और उसको बुरा भी नहीं लगेगा दोस्तों हमारा दिल भी बड़ा अजीब होता है जरा सी बात पर गुस्सा हो जाना, और फिर किसी अपने के मनाने से मान भी जाना ये दिल की एक बहुत अच्छी आदत भी होती है। दिल शायरी में अपने दिल की बात को शायराना अंदाज में कहकर अपने प्यार का इजहार किया जा सकता है।और इसी तरह अपने दोस्तों को भी बताया जा सकता है की आपके दिल में उनके लिए कितना प्यार और मोहब्बत है और आज इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए हमने आपके लिए दिल शायरी का बहुत ही बेहतरीन और ला जवाब कलेक्शन तैयार किया है। इसमें आपके साथ आज हम दिल हिंदी शायरी साझा कर रहे है। ये शायरियां आपके दिल को छू जाएगी और आपको अच्छा महसूस कराऐगी तो आइये दोस्तों इन शायरियों को पढ़ना शुरू करते है। और अपने दोस्तों को भी में भी इनको शायरियो को शेयर करते है
Dil Hindi Shayari / दिल हिंदी शायरी
मानता ही नहीं कमबख्त दिल उसे चाहने से,
मैं हाथ जोड़ता हूँ तो ये गले पड़ जाता है।
न पूछ दिल की हकीक़त मगर ये कहता है,
वो भी बेक़रार रहे जिसने बेक़रार किया।
इस दिल की दास्ताँ भी बड़ी अजीब होती है,
बड़ी मुश्किल से इसे ख़ुशी नसीब होती है,
किसी के पास आने पर ख़ुशी हो न हो,
पर दूर जाने पर बड़ी तकलीफ होती है।
अब जिसके जी में आये वही पाये रौशनी,
हमने तो दिल जला कर सरेआम रख दिया।
मेरे लबों का तबस्सुम तो सबने देख लिया,
जो दिल पे बीत रही है वो कोई क्या जाने।
फिर वही दिल की गुज़ारिश, फिर वही उनका ग़ुरूर,
फिर वही उनकी शरारत, फिर वही मेरा कुसूर।
तेरी खामोशी जला देती है इस दिल की तमन्नाओं को,
बाकी सारी बातें अच्छी है तेरी तस्वीर में।
काश उसे चाहने का अरमान न होता,
मैं होश में रहते हुए अनजान न होता,
ना प्यार होता किसी पत्थर दिल से हमको,
या फिर कोई पत्थर दिल इंसान न होता।
बहुत आसान है पहचान इसकी,
अगर दुखता नहीं तो दिल नहीं है।
अगर मैं भी मिजाज़ से पत्थर होता,
तो खुदा होता या तेरा दिल होता।
Dil Hindi Shayari / दिल हिंदी शायरी
अभी कमसिन हो रहने दो
कहीं खो दोगे दिल मेरा,
तुम्हारे ही लिए रक्खा है
ले लेना जवाँ हो कर।
दिल के लिये हयात का पैगाम बन गईं,
बेचैनियाँ सिमट के तेरा नाम बन गईं।
मुझे रिश्तों की लम्बी कतारों से क्या मतलब?
कोई दिल से हो मेरा तो एक शख्स ही काफी है।
मुझे जिस दम खयाले-नर्गिसे-मस्ताना आता है,
बड़ी मुश्किल से काबू में दिले-दीवाना आता है।
आँसू नहीं हैं आँख में लेकिन तेरे बगैर,
तूफान छुपे हुए हैं दिले-बेकरार में।
उसके सिवा किसी और को चाहना मेरे बस में नहीं है,
ये दिल उसका है अपना होता तो और बात होती।
जिस्म उसका भी मिट्टी का है मेरी तरह ऐ खुदा,
फिर भी मेरा दिल ही क्यूँ तड़पता है उसके लिए।
अगर ताल्लुक हो तो रूह से रूह का हो,
दिल तो अक्सर एक दूसरे से भर जाते हैं।
मुझ को मज़ा है छेड़ का दिल मानता नहीं,
गाली सुने बगैर सितमगर कहे बगैर।
एक हसरत थी कि कभी वो भी हमें मनाये,
पर ये कम्ब्खत दिल कभी उनसे रूठा ही नहीं।
Tu Hee Bata E Dil Tujhe
काम अब कोई न आएगा बस इक दिल के सिवा,
रास्ते बंद हैं सब कूचा-ए-क़ातिल के सिवा।
अगर इश्क़ गुनाह है तो गुनाहगार है खुदा,
जिसने बनाया दिल किसी पर आने के लिए।
रूकता भी नहीं ठीक से चलता भी नहीं,
यह दिल है कि तेरे बाद सँभलता ही नहीं।
आपसे रोज़ मिलने को दिल चाहता है,
कुछ सुनने सुनाने को दिल चाहता है,
था आपके मनाने का अंदाज़ ऐसा,
कि फिर रूठ जाने को दिल चाहता है।
मुनासिब समझो तो सिर्फ इतना ही बता दो,
दिल बैचैन है बहुत कहीं तुम उदास तो नहीं।
राज़-ए-उल्फत छुपा के देख लिया,
दिल बहुत अपना जला के देख लिया,
और क्या देखने को बाकी है अब,
आपसे दिल लगा के देख लिया।
दिल एक है तो कई बार क्यों लगाया जाये,
बस एक इश्क़ ही काफी है अगर निभाया जाये।
दिल मजबूर हो रहा है तुम से बात करने को
बस जिद ये है कि बात की शुरुआत तुम करो।
किसी का क्या जो क़दमों पर जबीं-ए-बंदगी रख दी,
हमारी चीज थी हमने जहाँ जानी वहाँ रख दी,
जो दिल माँगा तो वो बोले ठहरो याद करने दो,
जरा सी चीज़ थी हमने न जाने कहाँ रख दी।
शहर-ए-एहसास में पथराव बहुत हैं मोहसिन,
दिल को शीशे के झरोखों में सजाया न करो।
Kon Kehta Hai Ki Dil Sirf Sine Me Hota Hai
आप पहलू में जो बैठें तो संभल कर बैठें,
दिल-ए-बेताब को आदत है मचल जाने की।
बुत भी रखे हैं नमाजें भी अदा होती हैं
दिल मेरा दिल नहीं अल्लाह का घर लगता है।
मुमकिन अगर हो सके तो वापस कर दो,
बिना दिल के अब हमारा दिल नहीं लगता।
अब जिस तरफ से चाहे गुजर जाए कारवाँ,
वीरानियाँ तो सब मेरे दिल में उतर गईं।
अच्छी सूरत पे गजब टूट के आना दिल का,
याद आता है हमें हाय ज़माना दिल का,
इन हसीनों का लड़कपन ही रहे या अल्लाह,
होश आता है तो याद आता है सताना दिल का।
खेलना अच्छा नहीं किसी के नाज़ुक दिल से,
तुम जान जाओगे जब कोई खेलेगा तुम्हारे दिल से।
कुछ ठोकरों के बाद नजाकत आ गई मुझ में,
अब दिल के मशवरों पे मैं भरोसा नहीं करता।
हमने किस्सा बहुत कहा दिल का,
न सुना तुमने माजरा दिल का।
हादसे कुछ दिल पे ऐसे हो गये,
हम समंदर से भी गहरे हो गये।
इस छोटे से दिल में किस किस को जगह दूँ मैं,
ग़म रहे, दम रहे, फरियाद रहे या तेरी याद।
दिल हिंदी शायरी
सौ बार कहा दिल से चल भुल भी जा उसको।
हर बार कहा दिल ने तुम दिल से नही कहते।
कमी मुझ में तो बस इतनी सी है मेरे दोस्तों,
हाल-ए-दिल अपना सभी को सुना देता हूँ,
मालूम है मुझको कि कोई साथ नहीं देता,
फिर भी दिल से सबको अपना बना लेता हूँ।
देख लेते जो मेरे दिल की परेशानी को,
आप बैठे हुए ज़ुल्फ़ें न सँवारा करते।
सोचता हूँ कि तेरे दिल में उतर के देखूँ,
कौन बसा है जो मुझे बसने नहीं देता।
अनजाने में ये दिल न जाने क्या कर बैठा,
मुझसे बिना पूछे ही फैसला कर बैठा,
इस ज़मीन पर टूटा सितारा भी नहीं गिरता,
और ये पागल चाँद से मोहब्बत कर बैठा।
जमाने भर की रुसवाईयाँ और बेचैन रातें,
ऐ दिल कुछ तो बता दे ये माजरा क्या है।
हजारों ना-मुकम्मल हसरतों के बोझ तले,
ऐ दिल! तेरी हिम्मत है, जो तू धड़कता है।
तुझे सोचूं तो पहलू से सरक जाता है दिल मेरा,
मैं दिल पे हाथ रखकर धड़कनों को थाम लेता हूँ।
हाल-ए-दिल तो खुल चुका है हर शख्स पर,
हाँ मगर इस शहर में इक बेखबर भी देखा है।
कौन कहता है कि दिल सिर्फ सीने में होता है,
तुझको लिखूँ तो मेरी उंगलियाँ भी धड़कती है।
Dil Se Dua Hai Ki
उसके सिवा किसी और को चाहना मेरे बस में नहीं,
ये दिल उसका है, अपना होता तो बात और थी।
ना जाने कौन सी दौलत हैं कुछ लोगों के लफ़्जों में,
बात करते हैं तो दिल ही खरीद लेते हैं।
रौशनी में कुछ कमी रह गई हो तो बता देना
ऐ सनम दिल आज भी हाजिर है जलने को।
दिल के जज़्बात कहाँ तक लिखे कोई,
हर जज़्बात के लिये लफ्ज़ कहाँ।
नज़रों से ना देखो हमें, तुममें हम छुप जायेंगे,
अपने दिल पर हाथ रखो, हम वही तुम्हें मिल जायेंगे।
शब्दों से ही लोगों के दिलों पे राज
किया जाता है,
चेहरे का क्या, वो तो किसी भी
हादसे मे बदल सकता है।
मुहब्बत नहीं है नाम सिर्फ पा लेने का,
बिछड़ के भी अक्सर दिल धड़कते हैं साथ-साथ
दिल से ख़याल-ए-सनम भुलाया न जाएगा,
सीने में दाग़ है कि मिटाया न जाएगा।
दिल पागल है रोज़ नई नादानी करता है
आग में आग मिलाता है फिर पानी करता है।
दिल पर चोट पड़ी है तब तो आह लबों तक आई है,
यूँ ही छन से बोल उठना तो शीशे का दस्तूर नहीं।
Anjane Me Youhee Dil Gawa Bethe
तुम चाहे बंद कर लो दिल के दरवाजे सारे,
हम दिल मे उतर आएंगे, कलम के सहारे।
दिल के दो हिस्से जो कर डाले थे इश्क़ ने,
एक सहरा बन गया और एक गुलशन हो गया।
उतर जाते हैं कुछ लोग, दिल में इस कदर,
जिन्हें दिल से निकालो तो, जान निकल जाती है।
दिल के मामले में मुझे दख़्ल कुछ नहीं,
इसके मिज़ाज में जिधर आए उधर रहे।
बहुत देता है तू उसकी गवाहियाँ और सफाईयां,
समझ नहीं आता तू मेरा दिल है या उसका बकील।
अभी कमसिन हो रहने दो कहीं खो दोगे दिल मेरा,
तुम्हारे लिए ही रखा है ले लेना जवान हो कर।
धड़कनों को भी रास्ता दे दीजिये हुजूर,
आप तो पूरे दिल पर कब्जा किये बैठे हैं।
मैंने हक दिया है तुझको मेरे साथ दिल्लगी का,
मेरे दिल से खेल जब तक तेरा दिल बहल न जाये।
ग़म-ए-दिल अब किसी के बस का नहीं,
क्या दवा क्या दुआ करे कोई तेरे लिए।
हम ने सीने से लगाया दिल न अपना बन सका,
मुस्कुरा कर तुमने देखा दिल तुम्हारा हो गया।
Dil Tumhe Chata Hai Ye Kese Batau
हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं,
उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में।
होशियारी दिल-ए-नादान बहुत करता है
रंज कम सहता है एलान बहुत करता है।
तेरे शहर के कारीगर
बड़े अजीब हैं ऐ खुसूस-ए-दिल,
काँच की मरम्मत करते हैं
पत्थर के औजारों से।
आज दिल कर रहा था,
बच्चों की तरह रूठ ही जाऊँ,
पर फिर सोचा,
उम्र का तकाज़ा है मनायेगा कौन।
समझा न कोई दिल की बात को,
दर्द दुनियां ने बिन सोचे ही दे दिया,
जो सह गए हर दर्द को हम चुपके से
तो हमको ही पत्थर दिल कह दिया।
ज़माने भर की रुसवाईयां और बेचैन रातें,
ऐ दिल कुछ तो बता ये माज़रा क्या है?
मेरी बहार-ओ-खिजान जिसके इख़्तियार में थी,
मिजाज़ उस दिल-ए-बे-इख़्तियार का न मिला।
राजे हकीकत जान ने वाले देखिये क्या कहते हैं,
दिल को मेरा दिल नहीं उनकी तमन्ना कहते हैं।
ले गया छीन के कौन आज तेरा सब्र-ओ-करार,
बे-करारी तुझे ऐ दिल कभी ऐसी तो न थी।
इन दिनों दिल अपना सख्त बे-आराम रहता है,
इसी हालत में लेकर सुबह से शाम रहता है।
Kash Ki Khuda Ne Dil
दिल आबाद कहाँ रह पाए उसकी याद भुला देने से,
कमरा वीरान हो जाता है इक तस्वीर हटा देने से।
तुम्हारा दिल मेरे दिल के बराबर हो नहीं सकता,
वो शीशा हो नहीं सकता, ये पत्थर हो नहीं सकता।
दिल वो है जो फ़रियाद से भरा रहता है,
हम वो हैं कि कुछ मुँह से निकलने नहीं देते।
एक अजीब सा मंजर नजर आता है,
हर एक आँसू समंदर नजर आता है,
कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना,
हर एक हाथ में पत्थर नजर आता है।
फिर तेरी याद, फिर तेरी तलब, फिर तेरी बातें,
ऐसा लगता है ऐ दिल तुझे सुकून नहीं आता।
दिल-ए-गुमराह को काश ये मालूम होता,
प्यार तब तक हसीन है जब तक नहीं होता।
एक लफ्ज मोहब्बत का इतना सा फसाना है,
सिमटे तो दिले आशिक बिखरे तो जमाना है।
दिल की भी हैं अपनी ही गुस्ताखियाँ बड़ी,
किसे कब क्यों चाहे कोई खबर नहीं।
जिस्म उसका भी मिटटी का है मेरी तरह ऐ खुदा,
फिर भी मेरा दिल ही क्यों तड़पता है उसके लिए।
अक़्ल-ओ-दिल अपनी अपनी कहें जब ‘ख़ुमार’
अक़्ल की सुनिए दिल का कहा कीजिए।
और क्या देखने को बाक़ी है,
आप से दिल लगा के देख लिया।
Dil Hindi Shayari / दिल हिंदी शायरी
और ज़िक्र क्या कीजे अपने दिल की हालत का
कुछ बिगड़ती रहती हैं कुछ सँभलती रहती हैं।
बड़ा शोर सुनते थे पहलू में दिल का,
जो चीरा तो इक क़तरा-ए-ख़ूँ न निकला।
काम अब कोई न आएगा बस एक दिल के सिवा,
रास्ते बंद हैं सब कूचा ए कातिल के सिवा।
अच्छी सूरत नज़र आते ही मचल जाता है,
किसी आफ़त में न डाले दिल-ए-नाशाद मुझे।
मुझे नहीं पता के ये बिगड़ गया या सुधर गया,
बस अब ये दिल किसी से मोहब्बत नहीं करता।
नाराज क्यों होते हो चले जायेंगे बहुत दूर,
जरा टूटे हुए दिल के टुकड़े तो उठा लेने दो।
सौ बार कहा दिल से चल भूल भी जा उसको,
हर बार कहा दिल ने तुम दिल से नहीं कहते।
फिर वही दिल की गुज़ारिश, फिर वही उनका गुरूर,
फिर वही उनकी शरारत, फिर वही मेरा कसूर।
दिल क्या मिलाओगे के हमें हो गया यकीन,
तुम से तो ख़ाक में भी मिलाया न जायेगा।
दिल वो है जो फरियाद से भरा रहता है हर वक़्त,
हम वो हैं कि कुछ मुँह से निकालने नहीं देते।
Dil Hindi Shayari / दिल हिंदी शायरी
दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे,
जो रंज की घड़ी भी ख़ुशी से गुज़ार दे।
किसी के दिल में क्या छुपा है,
ये बस खुदा ही जानता है,
दिल अगर बे-नकाब होता,
तो सोचो कितना फसाद होता।
कभी पत्थर कहा गया तो कभी शीशा कहा गया,
दिल जैसी एक चीज को क्या क्या कहा जाए।
भरा है शीशा-ए-दिल को नई मोहब्बत से,
ख़ुदा का घर था जहाँ शराब-ख़ाना हुआ।
ताबीर जो मिल तो एक ख्वाब बहुत था,
जो शख्स गवा बैठे वो नायाव बहुत था,
मैं कैसे बचा लेता भला कश्ती-ए-दिल को,
दरिया-ए-मोहब्बत में शैलाब बहुत था
लाखों में इंतेखाब के काबिल बना दिया,
जिस दिल को तुमने देख लिया दिल बना दिया,
पहले कहाँ ये नाज थे यह इशवा-ओ-अदा,
दिल को दुआएं दो तुम्हे कातिल बना दिया।
ऐ दिल मत कर इतनी मोहब्बत किसी से,
इश्क में मिला दर्द तू सह नहीं पायेगा,
टूट कर बिखर जायेगा अपनों के हाथो से,
किसने तोड़ा ये भी किसी से कह नहीं पयेगा
जीने के लिए तुम्हारी याद ही काफी है,
इस दिल में बस अब तुम ही बाकी हो,
आप तो भूल गए हो हमें अपने दिल से,
लेकिन हमें आज भी तुम्हारी तालाश बाकी है।
यहाँ पर आपके लिए और भबि शायरिया है जैसे की ये यहाँ पर किलिक करो Dard Love Shayari Hindi