Rishte Nibhana Sikhe रिश्ते निभाना सीखे
हिन्दी कविता- ग़र रिश्ता कच्चा है,उसे चलाना सीखो,हर मुसीबत में हाथ,बढाना सीखो।कोई नहीं है मुसाफिर यहां,तुम जैसे अंधेरों का,तुम अंधेरों में भी,चराग जलाना सीखो।
हिन्दी कविता- ग़र रिश्ता कच्चा है,उसे चलाना सीखो,हर मुसीबत में हाथ,बढाना सीखो।कोई नहीं है मुसाफिर यहां,तुम जैसे अंधेरों का,तुम अंधेरों में भी,चराग जलाना सीखो।
The Poet of “A Lover’s Complaint” is William Shakespeare, and the Poem was published in 1609, it was published by Thomas Thorpe. A Lover’s Complaint FROM off a hill whose concave womb reworded A plaintful story from a sistering vale, My spirits to attend this double voice accorded, And down I laid to list the … Read more
चल आगे बढ़मत रूक मत थम,इन चमक-धमक मे मत पड,भौतिक सुविधाओ के संग,मत थक तू चलता-चलचल आगे बढ़। कभी काँटें होंगे, कभी पतझड़,कभी कलियाँ होंगी, कभी कोपल,इन बिंब विधानो मे मत पड,तू देख लक्ष्य तू आगे बढ़,तू बेसुध हो, काँटो पर चल,चल आगे बढ़। किन बाधाओं से हार रहा,जो आयी नहीं अब तक?किन अभिलाषाओं को … Read more
इस मुस्किल दौर में…
आवश्यकता है सकारात्मक विचारों की।
ईश्वर के आशिर्वाद की और प्रकृति के साथ की..!
तेरी खिलखिलाती हसीं,
मुस्कुराहट है मेरी ,
तू चंचल सी और तेरी बातें
भी, जिंदगी नहीं जन्नत सी है।
जब भी तू याद सी आती है,
मै मुस्कुरा देता हूं।
Hindi Kavita- हिन्दी गीत श्री कृष्ण विरह जनित प्रेम, लौकिक प्रेम और अलौकिक प्रेम की द्वन्द प्रधान स्थिति, मिलन की तीव्र चाह।
चले थे घर से दूर कुछ कमाने,
कुछ बनने कुछ बनाने,
हम मजदूर है, गए थे किस्मत आजमाने।
किराए से रहते वहां,
रोज़ कमाते, हेतु रोज़ खाने,
हम मजदूर है, गए थे किस्मत आजमाने।
वो फौजी है!
नाज है हिंदुस्तान के हर फौजी पर
शिकायत है तो बस इतनी….
ये वादे निभाना नहीं जानता।
लोकतंत्र में किस प्रकार मजदूर वर्ग को नजंदाज किया गया और किस प्रकार की परेशानियां उनको भोगना पड़ा वो सब मजदूर खुद कहना चाहते है जो मैने शब्दो के माध्यम से अभिव्यक्त की है। क्या यह एक लोकतांत्रिक गणराज्य में सही है ??