Hurt Shayari In Hindi / हर्ट शायरी हिंदी में दोस्तों अपने किसी पर खुद से भी ज़ादा भरोसा किया और वो ही आप को दुःख दे जाये ये बहुत ही शर्म की बात है उस इंसान के लिए जो ऐसा करता है भरोसा तोड़ता है या फिर किसी तरह की जिस्मानी या अंधरुनि तकलीफ पोहचता है हमे ऐसे इंसान से हमेशा ही होशियार रहना चाहिए क्यू की ऐसे इंसान से हमे किसी भी अच्छे काम की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए क्यू की वो इंसान अब किसी भरोसे के लायक नहीं रहता और ऐसे में हमे ऐसे गलत इंसानो से होशियार रहना पड़ता है बहुत हमारे दोस्त है जो अपनों से ही धोका खाये परेशां रहते है किसी को बता भी नहीं सकते क्यू की हमे यही लगताहै कही ना कही है तो हमारा ही पर ऐसा नई करना चाहिए हमे पहले खुद को सेफ करना चाहिए ऐसे ही बहुत हमरे दोस्त है जो धोका खा चुके है और इस वक़्त कही ना कही खुद को समलने के लिए कुछ न कुछ सर्च करते ही रहते है आज हम अपने उन दोस्तों के लिए कुछ शायरिया लाये है हमारी ये हर्ट शायरी हिंदी में आपके लिए एक बेहतरीन तरीका है अपने दिल की बात को अपनों तक पोहचने का और उन को अहसास दिलानेका जिन्होंने आपके साथ कुछ भी ऐसा किया है जिस से आपको परेशानी का सामना करना पड़ा हो हमारी ये शायरिया आपको सोसल मिडिया पर स्टेटस लगाने के लिए और अपने दोस्तों और मिलने वालो में शेयर कर कर ये बताने में बहुत मदत करेगी की आप किस मोड़ से गुज़र रहे हो चलो फिर देखते है ये कुछ शायरिया
Hurt Shayari In Hindi / हर्ट शायरी हिंदी में
ये जो दिए हैं आपने जख्म हमको,
ये जख्म हमारे कभी भी सिल ना सकेंगे,
यूं बिछड़े हो हम से इस कदर,
कि चाहकर भी कभी हम मिल न सकेंगे।
जो जख्म दे गए आप मुझ को,
न जाने क्यों वो जख्म नहीं भरता,
हम तो मिलना चाहते हैं आपसे मगर,
क्या करें हमारा नसीब नहीं मिलता।
देखी होठों की हँसी ज़ख्म न देखे दिल के,
आप भी औरों की तरह खा गए धोखा कैसे।
भुला दिए थे जो वक्त के भंवर में हमने,
आज दिल के वो पुराने ज़ख्म तेज़ाब हो गए।
देर तो लगती है उस को भरने में,
जिस ज़ख्म में शामिल हो अपनों की इनायत।
आतिश-ए-इश्क़ में जल जाऊं तुझे इस से क्या,
मौसम की तरह बदल जाऊं तुझे इस से क्या,
चोट खाऊं या ज़ख्म लगे, या एहसास-ए-ग़म में तड़पूं,
मैं गिर जाऊं या संभल जाऊं तुझे इस से क्या।
सुना है उस को मोहब्बत दुआएँ देती है,
जो दिल पे चोट तो खाए मगर गिला न करे।
चुप हैं किसी सब्र से तो पत्थर न समझ हमें,
दिल पे असर हुआ है तेरी बात-बात का।
कुरेद-कुरेद कर बड़े जतन से हमने रखे हैं हरे,
कौन चाहता है कि उनका दिया कोई ज़ख्म भरे।
नमक तुम हाथ में लेकर सितमगर सोचते क्या हो,
हजारो ज़ख्म हैं दिल पर जहाँ चाहो छिड़क डालो।
हर्ट शायरी हिंदी में
एहसान किसी का वो रखते नहीं मेरा भी चुका दिया,
जितना खाया था नमक मेरा मेरे जख्मों पे लगा दिया।
तू भी औरों की तरह मुझसे किनारा कर ले,
सारी दुनिया से बुरा हूँ तेरे काम का नहीं।
हाँ मुझे रस्म-ए-मोहब्बत का सलीक़ा ही नहीं,
जा किसी और का होने की इजाज़त है तुझे।
दिए हैं ज़ख़्म तो मरहम का तकल्लुफ न करो,
कुछ तो रहने दो मेरी ज़ात पे एहसान अपना।
बस तुम्हेँ पाने की तमन्ना नहीं रही,
मोहब्बत तो आज भी तुमसे बेशुमार करते हैं।
तरस गए हैं थोड़ी सी वफ़ा के लिए,
किसी से प्यार न करेंगे खुदा के लिए,
जब भी लगती है इश्क की अदालत,
हम ही चुने जाते हैं सजा के लिए।
बातों में तल्खी और लहजे में बेवफाई,
लो ये मोहब्बत भी पहुँची अंजाम पर।
सितम की ये इन्तेहाँ देखे ज़माना भी,
कि जिसपे मरते थे उसी ने मार डाला।
बात ऊँची थी मगर बात जरा कम आंकी,
मेरे जज्बात की औकात जरा कम आंकी,
वो फ़रिश्ता कहकर मुझे जलील करता रहा,
मैं इंसान हूँ मेरी जात जरा कम आंकी।
हर्फ़-हर्फ़ इस कदर था तल्खियों से भरा,
आखिरी ख़त तेरा दीमक से भी खाया ना गया।
तहज़ीब में भी उसकी क्या ख़ूब अदा थी,
नमक भी अदा किया तो ज़ख्मों पर छिड़क कर।
Full Hurt Shayari In Hindi
हमने तो बस इतना ही सीखा है दोस्तों,
राह-ए-वफ़ा में कभी किनारा नहीं मिलता,
जो मिल जाये इस राह पर कभी यार से,
वो ज़ख्म कभी फिर दोबारा नहीं सिलता।
जा और कोई ज़ब्त की दुनिया तलाश कर,
ऐ इश्क़ अब हम तेरे क़ाबिल नहीं रहे।
नए ज़ख्म के लिए तैयार हो जा ऐ दिल,
कुछ लोग प्यार से पेश आ रहे हैं।
सितम सह कर भी कितने ग़म छिपाये हमने,
तेरी खातिर हर दिन आँसू बहाये हमने,
तू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेला,
तेरे दिए ज़ख्म हर एक से छुपाये हमने।
आकर जरा देख तेरी खातिर हम किस तरह से जिए,
आँसू के धागे से सीते रहे हम जो जख्म तूने दिए।
नमक भर कर मेरे ज़ख्मों में तुम क्या मुस्कुराते हो,
मेरे ज़ख्मों को देखो मुस्कुराना इस को कहते हैं।
कुरेद-कुरेद कर बड़े जतन से
हमने रखे हैं हरे,
कौन चाहता है कि
उनका दिया कोई ज़ख्म भरे।
तेरे मिलने का गुमान तेरे न मिलने की खलिश,
वक़्त गुजरेगा तो ज़ख्म भी भर जायेंगे।
मैं उसके चेहरे को दिल से उतार देता हूँ,
कभी-कभी तो मैं खुद को भी मार देता हूँ।
बात ऊँची थी मगर बात जरा कम आँकी,
मेरे जज्बात की औकात जरा कम आँकी,
वो फ़रिश्ता कहकर मुझे जलील करता रहा,
मैं इंसान हूँ मेरी जात जरा कम आँकी।
अश्क आँखों से दिल से बद्दुआ निकली,
सितम किया याद जब कभी सितमगर का।
अश्क आँखों से शायरी हिंदी में
वो एक बात बहुत तल्ख़ कही थी उसने,
बात तो याद नहीं याद है लहज़ा उसका।
तुम लौट आने का तकल्लुफ मत करना,
हम एक मोहब्बत को दो बार नहीं करते।
ऐसी कर दी है तू ने मेरी हालत सनम,
दिल के जख्म किसी को दिखा न पाउँगा,
तुझसे किया है वादा तभी मजबूर हूँ,
इसी लिए खुद को मैं मिटा न पाउँगा।
मुझे यकीन है मोहब्बत उसी को कहते हैं,
कि जख्म ताज़ा रहे और निशान चला जाये।
ना ज़ख्म भरे… ना शराब सहारा हुई…
ना वो वापस लौटे ना मोहब्बत दोबारा हुई।
दिए हैं ज़ख्म तो मरहम का तकल्लुफ न करो,
कुछ तो रहने दो मेरी जात पे एहसान अपना।
मोहब्बत की मिसाल में बस इतना ही कहूँगा।
बेमिसाल सज़ा है किसी बेगुनाह के लिए।
मोहब्बत में लाखों ज़ख्म खाए हमने,
अफ़सोस उन्हें हम पर ऐतबार नहीं,
मत पूछो क्या गुजरती है मेरे दिल पर,
जब वो कहते है हमें तुमसे प्यार नहीं।
ज़ख्म जो तूने दिया बहुत गहरा दिया,
करके वादा तूने हमको भुला दिया,
दर्द देने वाले तेरा दिल से शुक्रिया,
जो जिंदगी का तूने मतलब सिखा दिया।
Bas Tumko Hee Pane Ki Tamanna
समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे किस्से,
अगली मोहब्बत में तुम्हे फिर इनकी जरुरत पड़ेगी।
ज़ख्म झेले दाग भी खाए बहुत,
दिल लगाकर हम तो पछताए बहुत।
लगा न दिल को क्या सुना नहीं तू ने,
जो कुछ मीर का आशिकी ने हाल किया।
बेजान तो मैं अब भी नहीं फ़राज़,
मगर जिसे जान कहते थे वो छोड़ गया।
इश्क और मोहब्बत की बातें कोई न करना,
एक शख्स ने जी भर के हमे रुलाया जो है।
मांगने से मिल सकती नहीं हमे एक भी खुशी,
पाए हैं लाख रंज तमन्ना किये बगैर
ज़िन्दगी सिर्फ मोहब्बत नहीं कुछ और भी है,
जुल्फों-रुखसार की जन्नत नहीं कुछ और भी है,
भूख और प्यास की मारी हुई इस दुनिया में,
इश्क ही एक हकीकत नहीं कुछ और भी है।
आँसू आ जाते हैं रोने से पहले,
ख्वाब टूट जाते हैं सोने से पहले,
लोग कहते हैं मोहब्बत गुनाह है,
कोई रोक लेता इसे होने से पहले।
सितम सह कर भी कितने गम छिपाए हमने,
तेरी खातिर हर दिन आँसू बहाए हमने,
तू छोड़ गया जहाँ हमे राहों में अकेला,
तेरे दिए जखम हर एक से छिपाए हमने।
ज़ख्म जो तू ने दिया वो गहरा दिया,
करके वादा तू ने हमको भुला दिया,
दर्द देने वाले तेरा दिल से शुक्रिया,
जो ज़िन्दगी का तूने मतलब सिखा दिया।
Na Ana Lekar Use Mere Zanaze Me
किसी की राह में आँखें बिछा कर कुछ नहीं मिलता,
ये दुनिया बेवफा है दिल लगाकर कुछ नहीं मिलता,
कोई भी लौट कर फिर आता नहीं आँसू बहाने से,
किसी की याद में दिल को रुलाकर कुछ नहीं मिलता।
नजर-अंदाज़ करते हो लो हट जाते हैं नजरो से,
इन्हीं नजरों से ढूढ़ोगे नजर जब हम न आएंगे।
डूबी हैं मेरी उँगलियाँ खुद अपने लहू में,
ये काँच के टुकड़ों को उठाने की सजा है।
शाख से तोड़े हुए फूल ने हंस कर ये कहा,
अच्छा होना भी बुरी बात है इस दुनिया में।
अब सोच रहे हैं सीख ही ले हम भी बेरुखी करना,
मोहब्बत देते दते सबको हमने अपनी ही कद्र खो दी।
कद्र हर शाये कि हुआ करती है खो जाने पर,
तुम उन्हें याद करोगे जो अभी तुम्हे याद नहीं।
गैर मुमकिन है तेरे घर के गुलाबों में शुमार,
मेरे रिस्ते हुए ज़ख्मो के हिसाबो की तरह।
मेरी चाहत को मेरे हालात के तराजू में न तौल,
मैंने वो ज़ख्म भी खाए हैं जो मेरी किस्मत में नहीं थे।
खाते रहे फरेब सँभालते रहे कदम,
चलते रहे जूनून का सहारा लिए हुए।
दिए हैं ज़ख्म तो मरहम का तकल्लुफ न करो,
कुछ तो रहने दो मेरी ज़ात पे एहसान अपना।
वो एक बात बहुत तलख कही थी उसने,
बात तो याद नहीं याद है लहेजा उसका।
रंजिश ही सही दिल को दुखाने के लिए आ,
आ फिर से मुझे छोड़ जाने के लिए आ।