Juda Hone Ki Shayari / जुदा होने की शायरी दोस्तों इस दमिया में इंसान अकेला अता है और यहाँ से जाता भी अकेला ही है इस दुनिया से चला जाता है इस दुनिया में आने के बाद इन्शान कुछ अलग अलग रिश्तो में बांध जाता है और उनको निभाता भी है लेकिन यहाँ के रिश्ते ऐसे होते है की उनमे कुछ न कुछ चलता है रहता है इस लिए यहाँ के रिश्ते टूट भी जाते है
और इंसान को इन दुनिया में रहते हुवे भी कुछ हंसहाफ़र मिल जाते है जिनके साथ ज़िन्दगी गुज़रता है इंसान और अपना शफर जारी रखता है केसा भी टाइम हो पर गुज़ारना ही पड़ता है और फिर ऐसा एक वक़्त अत है की इंसान को अपने हंसहाफ़र से बिछड़ना पद जाता है और बिछड़ने पर बहुत दर्द होता है जी है इसकी को बोलते है जुदाई असल में कोई भी अपने अज़ीज़ से जुदा होना नहीं चाहता पर कभी कभी हमारी किस्मत हमे जुदा करती है क्यू की हमारी किस्मत को यही मंज़ूर होता है और आज हम आपको अपने साथ कुछ जुदाई वाली शायरी पोस्ट कर रहे है जीस से आप अपने उन अज़ीज़ो उन दोस्तों को बता सकते है की आप उनको कितना याद करते है और आप उनको ये जुदाई शायरी भी शेर कर सकते है उस से क्या होयगा की वो भी आप को याद खाएंगे ऐसे आप की और हमारी दूरिया ख़त्म हो जायँगी और हम पहले के जैसे महसूस करेंगे चलो फिर शुरू करते है जुदाई शायरी कुछ अपनों की याद में कुछ अपनों की तलाश में जो हमने खो दिए कुछ जुदा हो जाये dard bewafa heart broken
juda hone ki shayari
इतना बेताब न हो मुझसे बिछड़ने के लिए,
तुझे आँखों से नहीं मेरे दिल से जुदा होना है।
काश यह जालिम जुदाई न होती,
ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायी न होती,
न हम उनसे मिलते न प्यार होता,
अपनी ज़िन्दगी फिर परायी न होती।
कह के आ गए उनसे कि जी लेंगे तुम्हारे बिन,
उनके जुदा होते ही जान पे बन आई है।
जुदा हुए हैं बहुत से लोग एक तुम भी सही,
अब इतनी सी बात पे क्या ज़िन्दगी हैरान करें।
उनकी तस्वीर को सीने से लगा लेते है,
इस तरह जुदाई का गम उठा लेते है,
किसी तरह जो ज़िक्र हो जाए उनका,
तो हँस कर भीगी पलकें झुका लेते है।
हर मुलाक़ात का अंजाम जुदाई क्यों है?
अब तो हर वक़्त यही बात सताती है हमें।
किसी से जुदा होना इतना आसान होता तो,
जिस्म से रूह को लेने फ़रिश्ते नहीं आते।
इश्क़ तो बस मुक़द्दर है कोई ख्वाब नहीं,
ये वो मंज़िल है जिस में सब कामयाब नहीं,
जिन्हें साथ मिला उन्हें उँगलियों पे गिन लो,
जिन्हें मिली जुदाई उनका कोई हिसाब नहीं।
एक उम्र भर की जुदाई मेरा नसीब करके,
वो तो चला गया है बातें अजीब करके,
तर्ज़-ए-वफ़ा को उसकी क्या नाम दूँ मैं अब,
खुद दूर हो गया है मुझको करीब करके।
हमारा दिल किसी गहरी जुदाई के भँवर में है,
हमारी आँख भी नम है कभी मिलने चले आओ,
हवाओं और फूलों की नई खुशबू बताती है,
तुम्हारे आने का मौसम है कभी मिलने चले आओ।
जुदा होने की शायरी
हमने प्यार नहीं, इश्क नहीं, इबादत की है,
रस्मों से रिवाजों से बगावत की है,
माँगा था जिसे हमने अपनी दुआओं में,
उसी ने मुझसे जुदा होने की चाहत की है।
तू तो हँस-हँस कर जी रहा है जुदा होकर भी,
कैसे जी पाया होगा वो, जिसकी जिंदगी है तू।
हर मुलाकात पर वक़्त का तकाज़ा हुआ,
हर याद पर दिल का दर्द ताज़ा हुआ,
सुनी थी सिर्फ लोगों से जुदाई की बातें,
खुद पर बीती तो हकीक़त का अंदाज़ा हुआ।
यह हम ही जानते हैं जुदाई के मोड़ पर,
इस दिल का जो भी हाल हुआ तुझे देख कर।
जिनसे खफा तक नहीं होते थे,
उनी से जुदा हो गये है आज हम !
हर मुलाकात का अंजाम जुदाई क्यों है,
अब तो हर वक्त यही बात सताती है हमें !
जिसकी आँखों में कटी थी सदियाँ,
उसी ने सदियों की जुदाई दी है
जुदा हो कर भी जी रहे हैं मुद्दत से,
कभी कहते थे दोनों कि जुदाई मार डालेगी !
कट ही गई जुदाई भी कब ये हुआ कि मर गए,
तेरे भी दिन गुजर गए मेरे भी दिन गुजर गए
अगर मुझसे मोहब्बत नहीं तो रोते क्यों हो,
तन्हाई में मेरे बारे में सोचते क्यों हो,
अगर मंज़िल जुदाई है तो जाने दो मुझे,
लौट के कब आओगे पूछते क्यों हो !
किसी से जुदा होना इतना आसान होता तो,
जिस्म से रूह को लेने फरिश्ते नहीं आते !
बहुत कुछ बदल गया मेरी ज़िंदगी में,
एक तेरे आने के बाद फिर जाने के बाद
जुदा होने की शायरी
तेरी जुदाई भी हमें प्यार करती है,
तेरी याद बहुत बेकरार करती है,
वह दिन जो तेरे साथ गुज़ारे थे,
नज़रें तलाश उनको बार-बार करती है
सब के होते हुए भी तन्हाई मिलती है,
यादों में भी गम की परछाई मिलती है,
जितनी भी दुआ करते हैं किसी को पाने की,
उतनी ही ज्यादा जुदाई मिलती है !
दिल से निकली ही नहीं शाम जुदाई वाली,
तुम तो कहते थे बुरा वक़्त गुज़र जाता है !
तू क्या जाने क्या है तन्हाई,
इस टूटे दिल से पूछो क्या है जुदाई,
बेवफाई का इलजाम न दे ज़ालिम इस वक़्त,
से पूछो किस वक़्त तेरे याद न आई
मजबूरी में जब कोई किसी से जुदा होता है,
ये तो ज़रूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है,
देकर वो आपकी आँखों में जुदाई के आँसू,
तन्हाई में वो आपसे भी ज्यादा रोता है
जुदा हुए हैं बहुत से लोग एक तुम भी सही,
अब इतनी सी बात पे क्या जिंदगी हैरान करें
अब तो बस उनकी तस्वीरे,
हमारी ज़िन्दगी का सहारा है,
जब जब कही नाम सुनते हैं उनका,
मत पूछो कैसे वो पल हमने गुज़ारा है
जुदा भी हो के वो एक पल कभी जुदा न हुआ,
ये और बात है कि देखे उसे ज़माना हुआ।
इतना खुश होकर अब रोना नहीं चाहते,
ये आलम है हमारा आप की जुदाई में
अब जुदाई के सफफर को मेरे आसान करो,
तुम मुझे ख़्वाब में आकर न परेशान करो
अगर जाना ही था तो,
मेरे इतना करीब क्यूँ आये !
जुदा होने की शायरी
हर एक बात पर वक़्त का तकाजा हुआ,
हर एक याद पर दिल का दर्द ताजा हुआ,
सुना करते थे गजलों में जुदाई की बातें,
खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ
कल तक हमसे बात किये बिना,
जिसे नींद तक नहीं आती थी,
आज हमसे बात करने का,
वक्त नहीं उसके पास !
तेरी जुदाई भी हमें प्यार करती है,
तेरी याद बहुत बेकरार करती है
दिल से निकली ही नहीं शाम जुदाई वाली,
तुम तो कहते थे बुरा वक्त गुजर जाता है
आओ किसी रोज मुझे टूट के बिखरता देखो,
मेरी रगों में ज़हर जुदाई का उतरता देखो,
किस किस अदा से तुझे मागा है खुदा से,
आओ कभी मुझे सजदो में सिसकता देखो
हो जुदाई का सबब कुछ भी मगर,
हम उसे अपनी खता कहते हैं,
वो तो साँसों में बसी है मेरे,
जाने क्यों लोग मुझसे जुदा कहते हैं.
तू क्या जाने क्या है तन्हाई
इस टूटे दिल से पूछो क्या है जुदाई
बेवफाई का इलज़ाम न दे ज़ालिम इस वक़्त
से पूछो किस वक़्त तेरे याद न आई।
जिसकी फ़िक्र थी कभी मेरी
मुझसे भी ज्यादा आज वही
क्यों अजनबी सा बन गया है,
हमें मालूम है दो दिल जुदाई सह नहीं सकते
मगर रस्मे-वफ़ा ये है कि ये भी कह नहीं सकते
जरा कुछ देर तुम उन साहिलों कि चीख सुन भर लो
जो लहरों में तो डूबे हैं, मगर संग बह नहीं सकत|.
जुदा होने की शायरी
तेरी हर अदा मोहब्बत सी लगती है
एक पल की जुदाई मुद्दत सी लगती है
पहले नही सोचा था अब सोचने लगे है
हम जिंदगी के हर लम्हों में तेरी ज़रूरत सी लगती है
मजबूरी में जब कोई किसी से जुदा होता है,
ये तो ज़रूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है,
देकर वो आपकी आँखों में जुदाई के आँसू,
तन्हाई में वो आपसे भी ज्यादा रोता है.
हर एक बात पर वक़्त का तकाजा हुआ,
हर एक याद पर दिल का दर्द ताजा हुआ,
सुना करते थे ग़ज़लों में जुदाई की बातें,
खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ |
वफ़ा की ज़ंज़ीर से डर लगता है,
कुछ अपनी तक़दीर से डर लगता है,
जो मुझे तुझसे जुदा करती है,
हाथ की उस लकीर से डर लगता है।
बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद मैं
आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद तुझसे
मोहब्बत थी मुझे बेइंतेहा लेकिन अक्सर ये
महसूस हुआ तेरे जाने के बाद |
कलम चलती है तो दिल की आवाज लिखता हूँ,
गम और जुदाई के अंदाज़-ए-बयां लिखता हूँ,
रुकते नहीं हैं मेरी आँखों से आंसू,
मैं जब भी उसकी याद में अल्फाज़ लिखता हूँ..
हमने प्यार नहीं इश्क नहीं इबादत की है,
रस्मों से रिवाजों से बगावत की है,
माँगा था हमने जिसे अपनी दुआओं में,
उसी ने मुझसे जुदा होने की चाहत की है।
याद में तेरी आहें भरता है कोई,
हर सांस के साथ तुझे याद करता है कोई.
मौत सच्चाई है एक रोज आनी है,
लेकिन तेरी जुदाई में हर रोज़ मरता है कोई.
कैसे मिलेंगे हमें चाहने वाले बताइये,
दुनिया खड़ी है राह में दीवार की तरह,
वो बेवफ़ाई करके भी शर्मिंदा ना हुए,
सजाएं मिली हमें गुनहगार की तरह..
दिल को मेरे ये एहसास भी नहीं है,
कि अब मेरा मेरा यार मेरे पास नहीं है,
उसकी जुदाई ने वो ज़ख्म दिया हमें,
जिंदा भी न रहे और लाश भी नहीं है।
juda hone ki shayari
तेरे न होने से ज़िन्दगी में बस इतने
से काम रहते है मैं चाहे लाख
मुस्कुराओ इन आँखों में नाम हे रहते हैं।
दिल तो है जो सिर्फ तुझ पे ही मरे जा रहा है
तेरी याद में तेरी तस्बीह किये जा रहा है अब
तो ये जुदाई का गम हम से सहा नहीं जा रहा है
और एक तू है जो दूर रह कर हमें तड़पाये जा रहा है
उनकी तस्वीर को सीने से लगा लेते है,
इस तरह जुदाई का गम उठा लेते है,
किसी तरह ज़िक्र हो जाए उनका,
तो हंस कर भीगी पलके झुका लेते है।.
लम्हे जुदाई को बेकरार करते हैं,
हालत मेरे मुझे लाचार करते हैं,
आँखे मेरी पढ़ लो कभी,हम खुद
कैसे कहे की आपसे प्यार करते हैं.
दिल तो कहता है कि छोड जाऊँ
ये दुनिया हमेशा के लिए फिर ख्याल
आता है कि वो नफरत किस से
करेगा मेरे जाने बाद
हर मुलाक़ात पर वक़्त का तकाज़ा हुआ,
हर याद पर दिल का दर्द ताज़ा हुआ,
सुनी थी सिर्फ लोगों से जुदाई की बातें,
खुद पर बीती तो हक़ीक़त का अंदाज़ा हुआ।
अब के हम बिछड़े तो शायद
कभी ख़्वाबों में मिलें जिस तरह
सूखे हुए फूल किताबों में मिलें |
मोहब्बत भी अजीब चीज़ बनाई तूने,
तेरी ही मस्ज़िद मे, तेरे ही मंदिर मे,
तेरे ही बंदे, तेरे ही सामने रोते हे,
पर तुजे नही, किसी ओर को पाने के लिए.
जब वादा किया है तो निभाएंगे;
सूरज किरण बन कर छत पर आएंगे;
हम हैं तो जुदाई का ग़म कैसा;
तेरी हर सुबह को फूलों से सजाएंगे |
जिस दिन से जुड़ा वह हमसे हुए,
इस दिल ने धड़कना छोड़ दया,
है चाँद का मुंह भी उतरा उतरा,
तारो ने चमकना छोड़ दिया।
juda hone ki shayari
जो नजर से गुजर जाया करते हैं;
वो सितारे अक्सर टूट जाया करते हैं;
कुछ लोग दर्द को बयां नहीं होने देते,
बस चुपचाप बिखर जाया करते हैं।
उनके ख्यालों ने कभी हमें खोने नहीं दिया,
जुदाई के दर्द ने हमें खामोश होने नहीं दिया,
आँखे तो आज भी उनके इंतज़ार में रोती हैं,
मगर उनकी मुस्कुराहट ने हमें रोने नहीं दिया.
वफ़ा का दरिया कभी रुकता नहीं
इश्क़ में प्रेमी कभी झुका नहीं ख़ामोशी
हैं हम किसी की ख़ुशी के लिए न सोचो
की हमारा दिल दुखता नहीं।
उनके सीनो में कभी झांक
कर तो देखो तो सही कितना
रोते हैं तन्हाई मैं औरों को हंसाने वाले।
वो जिस्म और जान जुदा हो गए आज,
वो मेहेंदी के रंग में खो गए आज,
हमने चाहा जिन्हें सिद्दत से,
वो उम्र भर को किसी और के हो गए आज।
तेरे जाने के बाद सनम मेरे,
सोचता हूँ के कैसे जिऊंगा मैं,
तुझसे प्यार किया है इसी लिए वादा,
ये जुदाई का ज़हर भी पिऊंगा मैं।
मत चाहो किसी को इतना के
बाढ़ में रोना पड़े क्यों के दुनिया
दिल से नहीं ज़रुरत से प्यार करती है।
मुदत बाद मिले तो मेरा नाम
पूंछ लिया उसने बिछड़ते वक़्त
जिसने कहा था की तुम याद
बहुत आओगे।
ये और बात है की वो निभा न सके
मगर जो किए थे उन्होंने वो वादे गजब के थे।
कितने बरसों का सफर खाक हुआ
उसने जब पूछा कहो कैसे आना हुआ।
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