Khamoshi Shayari In Hindi ख़ामोशी शायरी हिंदी में दोस्तों अपने दिल की ख़ामोशी को अपनों के साथ शेर करे हमारी ख़ामोशी शायरी हिंदी के साथ क्योकि जिंदगी, की ख़ामोशी को आसान शब्दों में बया करना आसान नहीं होता है तो आप हमारी खामोशी शायरी का इस्तेमाल कर सकते है और अपनों को ये बता सकते है की आप के दिल में कितनी ख़ामोशी है और कितना दर्द क्यू की हम अपना दर्द उसको ही बतान सही समझते है जो हमारे दिल को जाने और हमे समझे और हमारा साथ दे हमे पता ही रहता है कौन अपना है किसी ने अपनी गर्लफ्रेंड से धोखा खाया है तो किसी ने अपने बॉयफ्रेंड से जिसकी वजह से दिल में जो एक गहरी ख़ामोशी घर कर जाती है।
हमे उस ख़ामोशी से निकलना बहुत ज़रूरी बन जाता है अगर हम उस ख़ामोशी से नहीं निकलते है तो हमारी पूरी ज़िन्दगी एक अँधेरे में गुज़र जाती है और हमे पता भी नहीं चलता है की हमने अपनी ज़िन्दगी को क्यू इस अँधेरे में फसा दिया है इस लिए हमे चाहिए की हम अपने आप को इस ख़ामोशी से निकले और अपनी लाइफ को किसी के लिए ख़राब न करे और अपनी ज़िन्दगी को एक नया रंग रूप दे और अपनी लाइफ को फिरसे शुरू करे और जो हमारे दोस्त अभी इस परेशानी में है और वो कुछ ऐसा सर्च कर रहे है जिसे वह कुछ बेहतर फील करे तो हमारी इस साइट पर आ कर www.thepoetryline.in/ ख़ामोशी शायरी सर्च करे आपको आपके हिसाब की बहुत ही खूबसूरत और बेहतरीन शायरी मिल जायँगी love quotesin hindi for girlfriend
Top 150+Khamoshi Shayari In Hindi
जज्बात कहते हैं, खामोशी से बसर हो जाएँ,
दर्द की ज़िद हैं कि दुनिया को खबर हो जाएँ.
जब कोई बाहर से खामोश होता है,
तो उसके अंदर बहुत ज्यादा शोर होता हैं.
चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह,
लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह.
ख़ामोश शहर की चीखती रातें,
सब चुप हैं पर, कहने को है हजार बातें.
दोस्त की ख़ामोशी को मैं समझ नहीं पाया,
चेहरे पर मुस्कान रखी और अकेले में आंसू बहाया।
मेरी जिंदगी में मेरे दोस्तों ने मुझको खूब हँसाया,
घर की जरूरतों ने मेरे चेहरे पर सिर्फ खामोशी ही लाया।
कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे,
हम उतना याद आयेंगे, जितना तुम मुझे भुलाओगे.
ख़ामोश फ़िजा थी कोई साया न था,
इस शहर में मुझसा कोई आया न था,
किसी जुल्म ने छीन ली हमसे हमारी मोहब्बत
हमने तो किसी का दिल दुखाया न था.
इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहते हैं,
चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो तो गूँगे भी बोल पड़ते हैं.
जब ख़ामोश आखों से बात होती हैं,
ऐसे ही मोहब्बत की शुरूआत होती हैं.
जब कोई ख्याल दिल से टकराता हैं,
दिल ना चाह कर भी, ख़ामोश रह जाता हैं,
कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता हैं,
कोई कुछ ना कहकर भी, सब बोल जाता हैं.
जब इंसान अंदर से टूट जाता हैं,
तो अक्सर बाहर से खामोश हो जाता हैं
Khamoshi Shayari In Hindi / ख़ामोशी शायरी हिंदी में
दिल की धड़कने हमेशा कुछ-न-कुछ कहती हैं,
कोई सुने या न सुने ये ख़ामोश नहीं रहती हैं.
ख़ामोशी को इख़्तियार कर लेना,
अपने दिल को थोड़ा बेकरार कर लेना,
जिन्दगी का असली दर्द लेना हो तो
बस किसी से बेपनाह प्यार कर लेना.
मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी हैं और शोर भी हैं,
तूने गौर से नहीं देखा, इन आखों में कुछ और भी हैं.
हर ख़ामोशी का मतलब इन्कार नही होता,
हर नाकामी का मतलब हार नही होता,
तो क्या हुआ अगर हम तुम्हें पा न सके
सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता
चलो अब जाने भी दो,
क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं,
और बयाँ हम से होगा नहीं.
राज खोल देते हैं,
नाजुक से इशारे अक्सर,
कितनी ख़ामोश
मोहब्बत की जुबान होती हैं.
रात गम सुम है मगर खामोश नहीं,
कैसे कह दूँ आज फिर होश नहीं,
ऐसे डूबा हूँ तेरी आँखों की गहराई में
हाथ में जाम है मगर पीने का होश नहीं.
उसने कुछ कहा भी नहीं और मेरी बात हो गई,
बड़ी अच्छी तरह से उसकी खामोशी से मुलाक़ात हो गई.
मुझे अपने इश्क़ की वफ़ा पर बड़ा नाज था,
जब वो बेवफा निकला, मैं भी खामोश हो गया.
बोलने से जब अपने रूठ जाए,
तब खामोशी को अपनी ताकत बनाएं।
लोग कहते है कि वो बड़ा सयाना है,
उन्हें क्या पता खामोशी से उसका रिश्ता पुराना है.
मैंने अपनी एक ऐसी दुनिया बसाई है,
जिसमें एक तरफ खामोशी और दूसरी तरफ तन्हाई है
Kitna Tehrao Hota Hai
बातों को कोई न समझे
बेहतर है खामोश हो जाना।
तेरी खामोशी, अगर तेरी मजबूरी है,
तो रहने दे इश्क कौन सा जरूरी है.
उसने कुछ इस तरह से की बेवफाई,
मेरे लबो को खामोशी ही रास आई
दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेती है,
ऐ दोस्त, कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है
जब खामोशी कमजोरी बन जाती है,
तो खूबसूरत रिश्तों में दरारे आ जाती है
वक्त तुम्हारे ख़िलाफ़ हो तो खामोश हो जाना,
कोई छीन नहीं सकता जो तेरे नसीब में है पाना
ख़ामोश फ़ज़ा थी कहीं साया भी नहीं था
इस शहर में हमसा कोई तनहा भी नहीं था
किस जुर्म पे छीनी गयी मुझसे मेरी हँसी
मैंने किसी का दिल तो दुखाया भी नहीं था.
वो है ख़ामोश तो यूँ लगता है,
हम से रब रूठ गया हो जैसे
कौन कहता है ख़ामोशियां ख़ामोश होती हैं!!
कभी ख़ामोशियों को ख़ामोशी से सुनो!!
ख़ामोशियां वो कह देंगी जिनकी लफ़्ज़ों में तलाश होती है
कैसे कह दूँ मैं सपनों को जीने की ख़्वाहिश नहीं,
हाँ मैं ख़ामोश रहती हूँ पर मन ही मन बोलती हूँ
अग़र मोहब्बत नही थी तो फक़त एक बार बताया तो होता,
ये कम्बख़त दिल तुम्हारी ख़ामोशी को इश्क़ समझ बैठा
ख़ामोश हो जा ऐ दिल ,यहां अब तेरा काम नही
लब तो कब से ख़ामोश है,लब पे तेरा अब नाम नही
Khamoshi Shayari In Hindi / ख़ामोशी शायरी हिंदी में
लौट जा ऐ जिंदगी फिर तू अपने शहर
इस शहर में अब तेरी कोई पहचान नही।
कैसी है ये मोहब्बत कैसा ये प्यार है
एक तरफ है ख़ामोशी एक तरफ इंतज़ार है
अच्छा करते है वो लोग जो मोहब्बत का इज़हार नहीं करते
ख़ामोशी से मर जाते है मगर किसी को बदनाम नहीं करते !
जरा ख्याल की जिए मर न जाऊँ कहीँ,
बहुत जहरीली है तेरी ख़ामोशी मैं पी न जाऊँ कहीँ।
कभी हम भी कहते फिरते थे इश्क की बातें ,
आज खुद पे एहसास हुआ तो हमें खामोशियाँ रास आ गयी
ख़ामोशी से जब तुम भर जाओगे ,
चीख लेना थोडा वरना मर जाओगे
कुछ बातों का जवाब सिर्फ ख़ामोशी होती है ,
ख़ामोशी बहुत खूबसूरत जवाब होती है
अजीब है मेरा अकेलापन ,
न खुश हु, न उदास हूँ ,
बस अकेला हु और उदास हूँ
ख़ामोशी से सब कह दिया ये सलीका था मेरा
तुम सुन कर समझ न पाया वो तरीका था तेरा
मौत के बाद कि ख़ामोशी देखी है दोस्त,
अपने अंदर वही महसूस कर रहा हूँ अब !
बहुत अलग सा है मेरे इश्क़ का हाल!!!
तेरी एक ख़ामोशी और मेरे लाखों सवाल
ख़ामोशी भी एक सदा है अकसर बातें करती है
तुम भी इसको तनहाई में कभी सुनो तो बेहतर है
जाने कैसा ज़हर घुला है इन रंगीन फ़िज़ाओं में
प्यार की ख़ुशबू से ये मंज़र बदल सको तो बेहतर है
ख़ामोशी शायरी हिंदी में
इक मासूम चेहरा,और दिल मे सौ
ग़म की परछाई है
आँखों से पढ़ लो मेरी ख़ामोशी को
जुबां ने चुप रहने के कसम खायी है
मेरी ख़ामोशी में सनाटा भी है शोर भी है,
आपने देखा ही नहीं आँखो में कुछ और भी है
एक अरसे से ख़ामोश हैं ये निग़ाहें मेरी,
बयाँ करें आँखों से ऐसा कुछ बचा ही नहीं
हम तो यूँ ही ख़ामोश थे पर तुम खफ़ा मान बैठे
हमें फासला नहीं दिखता और तुम जुदा मान बैठे
कुछ दिनों से बेज़ार होते जा रहा हूँ मैं,
यार बहुत हुआ अब ख़ामोश होने जा रहा हूँ
सोचा था की ख़ामोश रहकर हर जंग जीत लेंगे,
क्या पता था कि लोग उसका भी गलत मतलब निकाल लेंगे !
मेरे रूठ जाने से अब उनको कोई फर्क नहीं पड़ता,
बेचैन कर देती थी कभी जिस को ख़ामोशी मेरी।
ख़ामोशी मेरा मिजाज़ भी तो हो सकता है
तुमने क्यूँ समझ लिया मेरा ग़ुरूर इसे
मेरी खामोशी देखकर मुझसे ये जमाना बोला कि…!!
तेरी संजीदगी बताती है तुझे हँसने का शोक था कभी
कभी जिसकी मुसकुराहत हमे रातों को सोने ना देता है
आज उनकी खामोशी भी नींद का सौदा कर रही
वो बात अलग तब रातों को मुस्कुराते थे
आज अपनी गलतियाँ ढूंढते हैं
लब तो खामोश रहेंगे…ये वादा है मेरा तुमसे
अगर कह बैठी कुछ निगाहें… तो खफा मत होना.
“बहुत अलग सा है…मेरे इश्क़ का हाल,
उसकी ख़ामोशी और मेरे लाखों सवाल
ख़ामोशी शायरी हिंदी में
खामोशी और उदासी भरी
एक शाम आएगी…
मेरी एक तस्वीर सम्भाल कर रखना
तुम्हारे काम आएगी…
मेरी खामोशियों में भी फसाना ढूँढ लेती है..,,
बड़ी शातिर है ये दुनिया
*मजा लेने का बहाना भी ढ़ूँढ लेती *है…!
मेरी खामोशियां पढ़ सको तुम,
इतने गहरे भी नहीं उतरे हो तुम मुझमें.
किन लफ्जो में लिखू
मे तेरे इन्तजार को…
गुमनाम इश्क़ है ढूँढता
है खामोशी से तुझे.
तुमसे ज्यादा तुम्हारे
ख्यालों ने सताया है
बातों का अफ़सोस नहीं
तेरी ख़ामोशी ने रुलाया है
आजकल उनसे मेरी खामोशियाँ बात करती है,
वो मिले न मिले रूबरू फर्क नहीं पड़ता
क्योंकि
अब तो उनके दिल से मेरे दिल की बात होती है
मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी है ,
शोर भी है
तूने देखा ही नहीं मेरी आँखों में
कुछ और भी है
देखकर तस्वीर उसकी चेहरा अश्कों से भर जाता है ,
समंदर आँखों का युहीं ख़ामोशी से बह जाता है
मत पूछों हमसे हमारी बेचैनियों का आलम ,
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं बातें हम कर नहीं पायेंगे
मेरे लफ्जों और अंदाजे बयां से तुम
क्या समझोगी मेरी तन्हाई को,
ख़ामोशी ही बयां कर पाएंगी
मेरे इश्क की गहराई को
मेरी खामोश निगाहों की बातें,
शायद वो समझ नहीं पाएंगी कभी,
में टूटकर रह जाऊंगा ऐसे ही उसकी चाहत में,
वो मगर किसी और की बातों में दिल लगायेंगे कभी .
ना जाने आज कल ये अहसास क्यों है ?
हम ख़ामोशी के इतने पास क्यों है ?
कहने को तो जिंदगी में सब कुछ ठीक है ,
फिर भी हम बेवजह इतने उदास क्यों है
Full Khamoshi Shayari In Hindi
हमारी चाहत ने उस बेवफा को ख़ुशी दे दी,
और उस बेवफा ने बदले में ख़ामोशी दे दी ,
मांगी तो उस रब से दुआ मरने की थी ,
लेकिन उसने भी हमें तदपने के लिए जिन्दगी दे दी
बाद मुद्दत के खामोश हुए है ,
युहीं रहने दो , नहीं करना मुझे नाम ,
हमें बदनाम ही रहने दो
ख़ामोश ही रहने की आदत सी हो गयी है अब तो
तुझसे मिलते हैं तो मुस्कुरा लेते हैं बेवजह यूँही
कोई रिश्ता तो नही है तुझसे मेरा ऐ अजनबी
पर तुझसे मिलने का मन होता है अक्सर यूँही
साँसों को छलनी, जिगर को पार करती है
ख़मोशी भी, बड़े सलीके से वार करती है
ये रात की ख़ामोशी ये आलम ए तन्हाई
फिर दर्द उठा है दिल में फिर याद तेरी आई…
ग़र जो नाराज़गी कोई हो तो जताया करो,
अपनी ख़ामोशी से हमें यूँ तो ना सताया करो ।
कोई गीला-शिकवा हो दिल में तो बताया करो,
अपनी चुप्पी से यूँ मेरी जाँ तो ना जलाया करो ।
मैं ख़ामोशी तेरे मन की, तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा…
मैं एक उलझा लम्हा, तू रूठा हुआ हालात मेरा…
ख़ामोश शहर की चीखती रातें,
सब चुप हैं पर, कहने को है हजार बातें
खाली शीशे भी निशान रखते हैं,
टूटे हुए दिल भी अरमान रखते हैं,
जो ख़ामोशी से गुज़र जाये,
वह दरिया भी दिल में तूफ़ान रखते हैं।
खाली शीशे भी निशान रखते हैं,
टूटे हुए दिल भी अरमान रखते हैं,
जो ख़ामोशी से गुज़र जाये,
वह दरिया भी दिल में तूफ़ान रखते हैं।
ख़ामोश शहर की चीखती रातें,
सब चुप हैं पर, कहने को है हजार बातें.
मैं ख़ामोशी तेरे मन की, तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा…
मैं एक उलझा लम्हा, तू रूठा हुआ हालात मेरा…
Zazbat Kehte Hai Khamosi Se
जब कोई बाहर से खामोश होता है,
तो उसके अंदर बहुत ज्यादा शोर होता हैं.
ख़ामोश शहर की चीखती रातें,
सब चुप हैं पर, कहने को है हजार बातें.
जज्बात कहते हैं, खामोशी से बसर हो जाएँ,
दर्द की ज़िद हैं कि दुनिया को खबर हो जाएँ.
चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह,
लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह.
वक्त तुम्हारे ख़िलाफ़ हो तो खामोश हो जाना,
कोई छीन नहीं सकता जो तेरे नसीब में है पाना।
जब खामोशी कमजोरी बन जाती है,
तो खूबसूरत रिश्तों में दरारे आ जाती है.
दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेती है,
ऐ दोस्त, कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है.
उसने कुछ इस तरह से की बेवफाई,
मेरे लबो को खामोशी ही रास आई.
तेरी खामोशी, अगर तेरी मजबूरी है,
तो रहने दे इश्क कौन सा जरूरी है.
बातों को कोई न समझे
बेहतर है खामोश हो जाना।
लोग कहते है कि वो बड़ा सयाना है,
उन्हें क्या पता खामोशी से उसका रिश्ता पुराना है.
बोलने से जब अपने रूठ जाए,
तब खामोशी को अपनी ताकत बनाएं।
मुझे अपने इश्क़ की वफ़ा पर बड़ा नाज था,
जब वो बेवफा निकला, मैं भी खामोश हो गया.
Agar Majburi Hai Teri
उसने कुछ कहा भी नहीं और मेरी बात हो गई,
बड़ी अच्छी तरह से उसकी खामोशी से मुलाक़ात हो गई.
राज खोल देते हैं,
नाजुक से इशारे अक्सर,
कितनी ख़ामोश
मोहब्बत की जुबान होती हैं.
चलो अब जाने भी दो,
क्या करोगे दास्ताँ सुनकर,
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं,
और बयाँ हम से होगा नहीं.
हर ख़ामोशी का मतलब इन्कार नही होता,
हर नाकामी का मतलब हार नही होता,
तो क्या हुआ अगर हम तुम्हें पा न सके
सिर्फ पाने का मतलब प्यार नहीं होता.
मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी हैं और शोर भी हैं,
तूने गौर से नहीं देखा, इन आखों में कुछ और भी हैं.
ख़ामोशी को इख़्तियार कर लेना,
अपने दिल को थोड़ा बेकरार कर लेना,
जिन्दगी का असली दर्द लेना हो तो
बस किसी से बेपनाह प्यार कर लेना.
दिल की धड़कने हमेशा कुछ-न-कुछ कहती हैं,
कोई सुने या न सुने ये ख़ामोश नहीं रहती हैं.
जब इंसान अंदर से टूट जाता हैं,
तो अक्सर बाहर से खामोश हो जाता हैं.
जब कोई ख्याल दिल से टकराता हैं,
दिल ना चाह कर भी, ख़ामोश रह जाता हैं,
कोई सब कुछ कहकर प्यार जताता हैं,
कोई कुछ ना कहकर भी, सब बोल जाता हैं.
जब ख़ामोश आखों से बात होती हैं,
ऐसे ही मोहब्बत की शुरूआत होती हैं.
इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहते हैं,
चर्चा अगर उसकी बुराई पर हो तो गूँगे भी बोल पड़ते हैं.
ख़ामोश फ़िजा थी कोई साया न था,
इस शहर में मुझसा कोई आया न था,
किसी जुल्म ने छीन ली हमसे हमारी मोहब्बत
हमने तो किसी का दिल दुखाया न था.
कभी ख़ामोश बैठोगे, कभी कुछ गुनगुनाओगे,
हम उतना याद आयेंगे, जितना तुम मुझे भुलाओगे.
Ye Tufan you Hee Nahi Aai Hai
मेरी जिंदगी में मेरे दोस्तों ने मुझको खूब हँसाया,
घर की जरूरतों ने मेरे चेहरे पर सिर्फ खामोशी ही लाया।
दोस्त की ख़ामोशी को मैं समझ नहीं पाया,
चेहरे पर मुस्कान रखी और अकेले में आंसू बहाया।
किताबों से ये हुनर सिखा है हमने
सब कुछ छिपाए रखो खुद में मगर ख़ामोशी से !
भूल गए हैं लफ्ज़ मेरे लबों का पता जैसे
या फिर खामोशियों ने जहन में पहरा लगा रखा है!
जब से उसकी सच्चाई हमारे पास आई
हमारे होठों को तब से खामोशी पसंद है!
जब से ये अक्ल जवान हो गयी
तब से ख़ामोशी ही हमारी जुबान हो गयी!
खामोशियां तेरी मुझसे बातें करती है
मेरा हर दर्द और हर आह समाजति है
पता है मजबूर है तू और में भी
फ़िर भी आंखें तेरे दीदार को तरस्ती है!
हम उनसे मुहब्बत नहीं बता पाए हल-ए-दिल कभी
और उसे समझ में नहीं आता कि यह चुप्पी क्या है!
दुनिया के लोगों ने हमारे कारनामों का शोर मचाया है
जब भी हमने कुछ किया है, मौन में किया है!
कभी सावन के शोर ने मदहोश किया था मौसम
आज पतझड़ में हर दरख़्त खामोश खड़ा है!
ख़ामोशी छुपाती है ऐब और हुनर दोनों
शख्सियत का अंदाज़ा गुफ्तगू से होता है!
एक उम्र ग़ुज़ारी हैं हमने तुम्हारी ख़ामोशी पढते हुए
एक उम्र गुज़ार देंगे तुम्हें महसूस करते हुए!
Khamosh Bethe Hai To
तन्हाइयों से परहेज़ कुछ यूँ भी है
की ख़ामोशी में तेरी आवाज़ सुनाई देती है !
मुझे खामोश देखकर तुम इतने हैरान क्यों हो?
कुछ हुआ नहीं है, सिर्फ भरोसा करके धोखा दिया है!
हम लबों से कह न पाये उन से हाल ए दिल कभी
और वो समझे नहीं ये ख़ामोशी क्या चीज़ है!
ख़ामोशी में चाहे जितना बेगाना पन हो
लेकिन इक आहट जानी पहचानी होती है!
हर इल्जाम का हकदार वो हमे बना जाते है
हर खता कि सजा वो हमे सुना जाते है
हम हर बार खामोश रह जाते है
क्योकि वो अपना होने का हक जता जाते है!
ख़ामोशी का राज़ खोलना भी सीखो
आँखों की ज़बाँ से बोलना भी सीखो!
वो अब हर एक बात का मतलब पूछता है मुझसे फ़राज़
कभी जो मेरी ख़ामोशी की तफ्सील लिखा करता था!
हमारी मोहब्बत जरूर अधूरी रह गयी होगी पिछले जन्म मे
वरना इस जन्म की तेरी ख़ामोशी मुझे इतना बेचैन न करती!
हजारों जवाब से अच्छी मेरी खामोशी
न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली।
हजारों जवाब से अच्छी मेरी खामोशी
न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली।
हजारों जवाब से अच्छी मेरी खामोशी
न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली।
इश्क़ के चर्चे भले ही सारी दुनिया में
होते होंगे पर दिल तो ख़ामोशी से ही टूटते हैं!
ख़ामोशी शायरी हिंदी में
खामोशी बयां कर देती है सब कुछ
जब दिल का रिश्ता जुड़ जाता है किसी से!
तूफान से पहले की खामोशी की तरह
मिरी बस्ती में आज है ऐसा सन्नाटा!
हम एक लंबी चुप्पी से गुजरे हैं
किसी से कुछ कहने की कोशिश !!
चुप्पी के तहत भ्रम छुपाएं
क्योंकि शोर कभी भी मुश्किलों को कम नहीं करता !!
हम ख़ामोशी से देते हैं ख़ामोशी का जवाब
कौन कहता हैं अब हम बात नहीं करते!
बड़ी ख़ामोशी से गुज़र जाते हैं
हम एक दूसरे के करीब से
फिर भी दिलों का शोर सुनाई दे ही जाता है!
चेहरा पढ़ोगे तो जान जाओगे
मौन का क्या अर्थ है?
चुप रहो, यह अलग बात है कुछ दर्द ऐसे होते हैं
जिन्हें शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
जब से ग़मों ने मेरी जिंदगी में
अपनी दुनिया बसाई है
दो ही साथी बचे हैं अपने
एक ख़ामोशी और दूसरी तन्हाई है!
हकीकत में खामोशी कभी भी चुप नहीं रहती
कभी तुम ग़ौर से सुनना बहुत किस्से सुनाती है
सारी दुनिया के रूठ जाने से मुझे कोई फर्क नहीं
बस एक तेरा खामोश रहना मुझे तकलीफ देता है !
दर्द हद से ज्यादा हो तो आवाज छीन लेती है
ऐ दोस्त कोई खामोशी बेवजह नहीं होती है !
खामोशियां तेरी मुझसे बातें करती है,
मेरा हर दर्द और हर आह समझती है !
खामोश बैठे हैं तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं
और ज़रा सा हंस लें तो लोग मुस्कुराने की वजह पूछ लेते हैं !
मोहब्बतें मे नुमाइश की जरूरत नहीं होती
ये तो वो जज्बा है जिसमे खामोशी भी गुनगुनाती है !
मेरे चुप रहने से नाराज ना हुआ करो
गहरा समंदर हमेशा खामोश होता है !
जज्बात कहते हैं, खामोशी से बसर हो जाएँ,
दर्द की ज़िद हैं कि दुनिया को खबर हो जाएँ.
खामोशियाँ वही रही ता-उम्र दरमियाँ,
बस वक़्त के सितम और हसीन होते गए।