क्या तुम वही हो

भुला दिया जिसे तुमने
वो आज भी तुम्हें याद करती हैं
क्या समझोगे उसे
वो फिर वही फरियाद करती है।

चंद लम्हे है प्यार के
वो सिकायतें हज़ार करती हैं,
क्या तुम वही हो?
खुदसे ये सवाल बार-बार करती है।

एकांत में वो
तुमसे बातें बेसुमार करती है,
शायद वो पगली
अब भी तुमसे अनुराग करती है।

समझना उसे कभी
वो आँखें तुमसे सवाल करती है
क्या तुम वही हो
जिससे वो प्यार करती है।

– ऐश्वर्या जाधव


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Neeraj Yadav

मैं नीरज यादव इस वैबसाइट (ThePoetryLine.in) का Founder और एक Computer Science Student हूँ। मुझे शायरी पढ़ना और लिखना काफी पसंद है।

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