Life Death Shayari लाइफ डेथ शायरी
Life Death Shayari लाइफ डेथ शायरी दोस्तों आज की पोस्ट मौत से जुडी शायरी, स्टेटस और कोट्स को संग्रह किया हैं जिसे फेसबुक व्हात्सप्प और इंस्टाग्राम पर सबसे अधिक पसंद किया गया हैं। ये तो सभी जानते है की ज़िन्दगी किया होती है और सब अपनी ज़िन्दगी को बेहतर से बेहतर करने के लिए अपनी पूरी कोशिश भी करते ही है ज़िन्दगी बहुत ही हसीं चीज़ है और दुन्या में सब ही अपनी अपनी ज़िन्दगी से बहुत ही प्यार भी करते है कोई नहीं छठा की हम इस दुन्या से चले जाये लेकिन ये भी नहीं हो सकता और नहीं असा कभी किसी ने देखा होगा और नहीं देख सकता है की कोई इस दुनिया से न जाये ये दुनिया ज़रूर ही छोड़नी है और सब को ही छोड़नी है अब किसी की लाइफ बहुत अच्छी हो या बहुत ख़राब हो या कोई अपनी ज़िन्दगी बनाने में लगा हो या किसी की ज़िन्दगी बहुत खूबसूरत हो आप ऐसा मनो की इस दुनिया इ न ही कोई रहा है और नहीं कोई आगे रहना वाला है कोई भी अमर नहीं पहले हुआ और नहीं होयगा इस लिए ज़िन्दगी के साथ साथ death यानि moot इसके वेयर में भी थोड़ा सोचना चाहिए सब कुछ लाइफ ही नहीं है दुनिया में ये मौत नामक एक चीज़ और है जो सब को आनी है सब को अपने साथ लेकर जायगी ये न अमीरी देखती है न गरीबी इसको तो बस आना है और हम में से ही किसी को लेकर जाना है और हमे इसकी फिक्र भी करनी चाहिए और लाइफ ऐसे गुज़ारनी चाहिए की मौत के आने के बाद हमारे आस पास वाले हमे याद करे और अच्छे मन से याद करे सब कुछ इसी लाइफ को ही नहीं समझना है मौत का भी डर दिल में रखना है और आज ज़िन्दगी और मौत के ऊपर ये शायरी पर मिलकर लाइफ का और मौत का सब खुश दिल दिमाग में रख कर आज हम life death shayari पढ़ेंगे और अपने दोस्तों में शेर भी करेंगे couple romantic shayari
Life Death Shayari
जिन्दगी कशमकश-ए-इश्क के आगाज का नाम,
मौत अंजाम इसी दर्द के अफसाने का।
एक दिन हम भी कफ़न ओढ़ जायेंगे,
सब रिश्ते इस जमीन के तोड़ जायेंगे,
जितना जी चाहे सता लो मुझको,
एक दिन रोता हुआ सबको छोड़ जायेंगे।
यूँ तो हादसों में गुजरी है हमारी ज़िन्दगी,
हादसा ये भी कम नहीं कि हमें मौत न मिली।
वादे तो हजारों किये थे उसने मुझसे,
काश एक वादा ही उसने निभाया होता,
मौत का किसको पता कि कब आएगी,
पर काश उसने ज़िन्दा जलाया न होता।
तमाम उम्र जो हमसे बेरुखी की सबने,
कफ़न में हम भी अजीज़ों से मुँह छुपा के चले।
लम्बी उम्र की दुआ मेरे लिए न माँग,
ऐसा न हो कि तुम भी छोड़ दो और मौत भी न आये।
ऐ हिज्र वक़्त टल नहीं सकता है मौत का,
लेकिन ये देखना है कि मिट्टी कहाँ की है।
आखिरी दीदार कर लो खोल कर मेरा कफ़न,
अब ना शरमाओ कि चश्म-ए-मुन्तजिर बेनूर है।
तमाम गिले-शिकवे भुला कर सोया करो यारो,
सुना है मौत किसी को कोई मोहलत नहीं देती।
अब तलक हम मुन्तजिर रहे हैं जिनके,
उनको हमारा ख्याल तक न आया,
उनके प्यार में हमारी जान तक चली गयी,
उनको हमारी मौत का मलाल तक न आया।
Life Death Shayari
चले आओ मुसाफिर
आखिरी साँसें बची हैं कुछ,
तुम्हारी दीद हो जाती तो
खुल जातीं मेरे आँखें।
कितना और दर्द देगा बस इतना बता दे,
ऐसा कर ऐ खुदा मेरी हस्ती मिटा दे,
यूँ घुट-घुट के जीने से तो मौत बेहतर है,
मैं कभी न जागूं मुझे ऐसी नींद सुला दे।
जला है जिस्म तो दिल भी जल गया होगा,
कुरेदते हो जो अब राख जुस्तजू क्या है?
कितनी अज़ीयत है इस एहसास में,
कि मुझे तुझसे मिले बिना ही मर जाना है।
जरा चुपचाप तो बैठो कि दम आराम से निकले,
इधर हम हिचकी लेते हैं उधर तुम रोने लगते हो।
खबर सुनकर मरने की वो बोले रक़ीबों से,
खुदा बख्शे बहुत-सी खूबियां थीं मरने वाले में।
चंद साँसे बची हैं आखिरी बार दीदार दे दो,
झूठा ही सही एक बार मगर तुम प्यार दे दो,
ज़िन्दगी तो वीरान थी मौत भी गुमनाम ना हो,
मुझे गले लगा लो फिर चाहे मौत हजार दे दो।
दो गज़ ज़मीन सही मेरी मिल्कियत तो है,
ऐ मौत तूने मुझको ज़मींदार कर दिया।
ऐ मौत तुझे एक दिन आना है भले,
आ जाती शबे फुरकत में तो अहसां होता।
हमारे प्यार का यूँ इम्तिहान न लो,
करके बेरुखी मेरी तुम जान न लो,
एक इशारा कर दो हम खुद मर जाएंगे,
हमारी मौत का खुद पे इल्ज़ाम न लो।
Life Death Shayari
अब मौत से कह दो कि नाराजगी खत्म कर ले,
वो बदल गया है जिसके लिए हम ज़िंदा थे।
बादे-फना फिजूल है नामोनिशां की फिक्र,
जब हम नहीं रहे तो रहेगा मज़ार क्या?
अब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जायेंगे,
मर के भी चैन न पाया तो किधर जायेंगे।
आँख की ये एक हसरत थी कि बस पूरी हुई,
आँसुओं में भीग जाने की हवस पूरी हुई,
आ रही है जिस्म की दीवार गिरने की सदा,
एक अजब ख्वाहिश थी जो अबके बरस पूरी हुई।
मौत-ओ-हस्ती की कशमकश में कटी उम्र तमाम,
गम ने जीने न दिया शौक ने मरने न दिया।
वादा करके और भी आफ़त में डाला आपने,
ज़िन्दगी मुश्किल थी अब मरना भी मुश्किल हो गया।
प्यार में सब कुछ भुलाए बैठे हैं,
चिराग यादों के जलाये बैठे है,
हम तो मरेंगे उनकी ही बाहों में,
ये मौत से शर्त लगाये बैठे हैं।
कितना दिल-फरेब होगा वो मेरी मौत का मंजर,
मुझे ठुकराने वाले मेरे लिए आँसू बहायेंगे।
ये जमीं जब खून से तर हो गई है,
ज़िन्दगी कहते हैं बेहतर हो गई है,
हाथ पर मत खींच बेमतलब लकीरें,
मौत हर पल अब मुक़द्दर हो गई है।
मुझे रुला कर सोना तो तुम्हारी आदत बन गई है,
अगर मेरी आँख न खुली तो तुम तड़पोगे बहुत।
Life Death Shayari
कोई नहीं आएगा मेरी जिदंगी में तुम्हारे सिवा,
बस एक मौत ही है जिसका मैं वादा नहीं करता।
मोहब्बत मुझे थी बस तुम्हीं से सनम,
यादों में तुम्हारी यह दिल तड़पता रहा,
मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी,
कब्र में भी यह दिल धड़कता रहा।
ढूढ़ोगे कहाँ मुझको मेरा पता लेते जाओ,
एक कब्र नई होगी एक जलता दिया होगा।
ज़िन्दगी बैठी थी अपने हुस्न पे फूली हुई,
मौत ने आते ही सारा रंग फीका कर दिया।
पता नहीं कौन सा जहर
मिलाया था तुमने मोहब्बत में,
ना जिंदगी अच्छी लगती है
और ना ही मौत आती है।
हद तो ये है कि मौत भी तकती है दूर से,
उसको भी इंतजार मेरी खुदकुशी का है ।
जहर पीने से कहाँ मौत आती है,
मर्जी खुदा की भी चाहिए मौत के लिए।
ना जाने मेरी मौत कैसी होगी पर ये तो
तय है की तेरी बेवफाई से तो बेहतर होगी
वो जो लगा लिया गले में फंदा उसकी भी एक कहानी होगी
रोता पूरी रात होगा किसी अपनों की ही मेहरबानी होगी!
न जाने किस गुनाह की सजा दे दी,
उसे लिखकर किसी ओर के नसीब में,
मेरे खुदा ने ही मुझे मौत दे दी।
लाइफ डेथ शायरी
इश्क से बचिए जनाब,
सुना है धीमी मौत है ये।
बे-मौत मर जाते है,
बे-आवाज़ रोने वाले।
कौन कहता है कि मौत
आई तो मर जाऊँगी,
मैं तो नदी हूँ समुंदर
में उतर जाऊँगी।
अपनी मौत भी क्या मौत होगी,
एक दिन यूँ ही मर जायेंगे
तुम पर मरते मरते।
दिल का दर्द किसने देखा हैं मुझे बस
खुदा ने तडपते देखा हैं हम तन्हाई में बैठे
रोते हैं लोगो ने हमें महफ़िल में हँसते देखा हैं!
मौत से केह दो के हमसे नाराज़गी खतम कर ले अब
वो भी बहुत बदल गए हैं जिनके लिए जिया करते थे हम !!
शिकायत मौत से नहीं
अपनों से थी मुझे,
जरा सी आँख बंद क्या हुई
वो कब्र खोदने लगे।
वफ़ा सीखनी है तो मौत से सीखो,
जो एक बार अपना बना ले
फिर किसी का होने नहीं देती।
ना जाने मेरी मौत कैसी होगी,
पर ये तो तय है की तेरी बेवफाई
से तो बेहतर होगी।
साज़-ए-दिल को महकाया इश्क़ ने,
मौत को ले कर जवानी आ गई।
लाइफ डेथ शायरी
हाथ पढ़ने वाले ने तो परेशानी में डाल दिया मुझे…
लकीरें देख कर बोला, तु मौत से नहीं,
किसी की याद में मरेगा
जहर पीने से कहाँ मौत आती है,
मर्जी खुदा की भी चाहिए मौत के लिए….
मौत से क्या डर मिनटों का खेल है,
आफत तो ज़िन्दगी है जो बरसो चला करती है…
एक मुर्दे ने क्या खूब कहा है,
ये जो मेरी मौत पर रो रहे है,
अभी उठ जाऊं तो जीने नहीं देंगे….।।
मौत से क्या डर मिनटों का खेल है,
आफत तो ज़िन्दगी है जो
बरसो चला करती है।
एक मुर्दे ने क्या खूब कहा है,
ये जो मेरी मौत पर रो रहे है,
अभी उठ जाऊं तो जीने नहीं देंगे।
करूँ क्यों फ़िक्र मौत के बाद जगह कहाँ मिलेगी,
जहाँ होगी दोस्तों की महफिलें, मेरी रूह वहाँ मिलेगी।
सुना है मौत एक पल की भी मोहलत नहीं देती,
मैं अचानक मर जाऊ तो मुझे माफ़ कर देना।
सुना है मौत एक पल की भी मोहलत नहीं देती,
मैं अचानक मर जाऊ तो मुझे माफ़ कर देना…
तू बदनाम न हो जाए इस लिए जी रहा हूँ मैं,
वरना मरने का इरादा तो रोज ही होता है…
लाइफ डेथ शायरी
वफ़ा सीखनी है तो मौत से सीखो,
जो एक बार अपना बना ले
फिर किसी का होने नहीं देती…
गर अपनी जिंदगी से कभी नफरत हो ना तो एक
बार अपने माँ-बाप की उन कुर्बानियों को याद कर लेना
जो तुम्हारी ख्वाहिशों को पूरा करने में दी गयी हैं!!!
मौत तेरा डर नहीं मुझको,
क्योंकि मारा है जीते जी अपनो ने मुझको।
दर्द गूंज रहा दिल में शहनाई की तरह,
जिस्म से मौत की ये सगाई तो नहीं।
मौत का नही खौफ मगर एक दुआ है रब से,
कि जब भी मरु तेरे होने का एहसास मेरे साथ मर जाये।
ज़िंदगी इक हादसा है
और कैसा हादसा,
मौत से भी ख़त्म
जिस का सिलसिला होता नहीं।
पता नहीं कौन सा जहर मिलाया था तुमने मोहब्बत में?
ना जिंदगी अच्छी लगती है और ना ही मौत आती है….।।
बहाने मौत के तो तमाम नज़र आते हैं,
जीने की वजह तेरे सिवा कुछ नही भी….।
ज़िंदगी इक सवाल है जिस का जवाब मौत है,
मौत भी इक सवाल है जिस का जवाब कुछ नहीं
सुलगती जिन्दगी से मौत आ जाये तो बेहतर है
अब हमसे दिल के अरमानों का मातम नही होता…
लाइफ डेथ शायरी
जिन्दगी जख्मो से भरी है वक्त को मरहम बनाना सीख लो,
हारना तो है एक दिन मौत से फिलहाल जिन्दगी जीना सीख लो…
ये इश्क़ बनाने वाले की मैं तारीफ करता हूं,
मौत भी हो जाती है और कातिल भी पकड़ा नही जाता….।।
कमाल है न जाने ये कैसा उनका प्यार का वादा है
चंद लम्हे की जिंदगी और नखरे मौत से भी ज्यादा है.।
मौत से तो दुनिया मरती है,
आशिक तो प्यार से ही मर जाता है।
थक गई मेरी जिन्दगी भी लोगो के जवाब देते,
अब कही मेरी मौत न लोगो का सवाल बन जाऐ।
अच्छाई अपनी जिन्दगी, जी लेती हैं,
बुराई अपनी मौत, खुद चुन लेती है।
जिंदगी गुजर ही जाती है तकलीफें कितनी भी हो,
मौत भी रोकी नहीं जाती तरकीबें कितनी भी हो।
मेरी ज़िंदगी तो गुजरी तेरे हिज्र के सहारे,
मेरी मौत को भी कोई बहाना चाहिए।
तलब मौत की करना गुनाह है ज़माने में यारों,
मरने का शौक है तो मुहब्बत क्यों नहीं करते….।।
बहुत हैं शिकवा मुझसे कुछ लोगो को एक दिन हम
सारे शिकवे दूर कर जायेंगे तड़प जिंदगी से बंधी हैं मौत
से नहीं एक दिन हम इस तड़प से आजाद हो जायेंगे!!!
वफ़ा सीखनी है तो मौत से सीखो,
जो एक बार अपना बना ले
फिर किसी का होने नहीं देती !
उन दो पंक्तियों में
मैंने अपनी पूरी कहानी लिख दी,
मौत बड़ी पास से गुजरी,
जिन्द़गी ने होंठों पर झूठी मुस्कुराहट रख दी।
वो जो मेरी जिंदगी थी ना,किसी ओर की हो गई,
अब मेरी मौत मेरी हो जाए, तो कमाल हो जाए।
तलब मौत की करना गुनाह है ज़माने में यारों,
मरने का शौक है तो मुहब्बत क्यों नहीं करते।
जो दे रहे हो हमें ये तड़पने की सज़ा तुम,
हमारे लिए ये सज़ा ऐ मौत से भी बदतर है।