Life Se Related Shayari लाइफ से रिलेटेड शायरी
Life Se Related Shayari / दोस्तों अक्सर देखा गया है हम किसी न किसी बात पर परेशां हो ही जाते है लाइफ में कभी ना कभी कुछ ना कुछ असा हमारे साथ घाट जाता है जिसकी हम कभी अपने मन में भी नहीं लाना कहते लेकिन हमारे सोचने से कुछ नहीं होता आखिर में होता वही है जो हमारे नसीब में है हम चाह कर भी उसको बदल नहीं पाते हमे उसको बर्दाश्त करना पड़ता है उस दौर से हमे गुज़ारना ही पड़ता है और उसकी वजह से हम कभी कभी बहुत टूट से जाते है लाइफ में अकेला पैन सा भी हो जाता है हमे उस अकेले पैन को दूर करना होता है और करना भी बहुत ज़रूरी होता है क्यू की अगर हम उसको दूर नहीं करते है तो हम परेशानी से बहार नहीं निकल पाते हमे उस वक़्त से बहार निकलने के लिए बहुत मेहनतऔर परेशानी का सामना करना पड़ता है लाइफ को पहले जैसा अच्छा करने की मेहनत करनी पड़ती है आप की इस टेंशन को कुछ काम करेने के लिए हम कुछ लाइफ से रिलेटेड शायरी लाये है जीस से आप अपने आप को अकेला महसूस नहीं करोगे आप ये लाइफ से रिलेटेड शायरी अपने दोस्तों और मिलने वालो में भेज कर अपना अकेला पैन दूर कर सकते हो और इसी तरह की और भी काफी सारी शायरी हम आप के लिए लाते ही रहते है चलिए फिर देर ना करते हुवे आपको शायरी पर एक नज़र दाल लेनी चाहिए ये लाइफ शायरी आपके अपनों के लिए और आप के दोस्तों के लिए है ase hee aur bhi shayari hai jese heart touching shayari love shayari dard shayari aur bhi bahut
life Se Related Shayari
गिरे हुए पैसों को तो सब उठाते है
पता नहीं ये लोग अपना ईमान कब उठाएंगे
खेलने की उम्र में, मैंने काम करना सीख लिया I
लगता है ज़िंदगी जीने का हुनर सीख गया
बड़े ही अजीब हैं ये ज़िन्दगी के रास्ते,
अनजाने मोड़ पर कुछ लोग अपने बन जाते हैं,
मिलने की खुशी दें या न दें,
मगर बिछड़ने का गम ज़रूर दे जाते हैं
अजीब तरह से गुजर गयी मेरी भी ज़िन्दगी,
सोचा कुछ, किया कुछ, हुआ कुछ, मिला कुछ
जीने का हौसला कभी मरने की आरज़ू,
दिन यूँ ही धूप-छाँव में अपने भी कट गए
ज़िन्दगी सिर्फ मोहब्बत नहीं कुछ और भी है,
ज़ुल्फ़-ओ-रुखसार की जन्नत नहीं कुछ और भी है,
भूख और प्यास की मारी हुई इस दुनिया में,
इश्क ही इक हकीकत नहीं कुछ और भी है
ज़िन्दगी उस अजनबी मोड़ पर ले आई है,
तुम चुप हो मुझसे और मैं चुप हूँ सबसे
कितना मुश्किल है ज़िन्दगी का ये सफ़र,
खुदा ने मरना हराम किया लोगों ने जीना
सरे-आम मुझे ये शिकायत है ज़िन्दगी से,
क्यूँ मिलता नहीं मिजाज़ मेरा किसी से
आराम से तन्हा कट रही थी तो अच्छी थी,
ज़िन्दगी तू कहाँ दिल की बातों में आ गयी
life Se Related Shayari
जुगनुओं की रोशनी से तीरगी हटती नहीं,
आइने की सादगी से झूठ की पटती नहीं,
ज़िन्दगी में गम नहीं फिर इसमें क्या मजा,
सिर्फ खुशियों के सहारे ज़िन्दगी कटती नहीं
जाने कब आ के दबे पाँव गुजर जाती है,
मेरी हर साँस मेरा जिस्म पुराना करके।
पहचानूं कैसे तुझको मेरी ज़िन्दगी बता,
गुजरी है तू करीब से लेकिन नकाब में
फुरसत अगर मिले तो मुझे पढ़ना जरूर,
नाकाम ज़िंदगी की मुकम्मल किताब हूँ मैं।
रोज़ दिल में हसरतों को जलता देखकर,
थक चुका हूँ ज़िन्दगी का ये रवैया देखकर
बख्शा है ठोकरों ने सँभलने का हौसला,
हर हादसा ख्याल को गहराई दे गया
थोड़ी मस्ती थोड़ा सा ईमान बचा पाया हूँ,
ये क्या कम है अपनी पहचान बचा पाया हूँ,
कुछ उम्मीदें, कुछ सपने, कुछ महकती यादें,
जीने का मैं इतना ही सामान बचा पाया हूँ।
कितना और बदलूं खुद को
ज़िन्दगी जीने के लिए,
ऐ ज़िन्दगी, मुझको थोड़ा सा
मुझमें बाकी रहने दे
हासिल-ए-ज़िन्दगी हसरतों के सिवा और कुछ भी नहीं,
ये किया नहीं, वो हुआ नहीं, ये मिला नहीं, वो रहा नहीं
पढ़ने वालों की कमी हो गयी है आज इस ज़माने में,
वरना मेरी ज़िन्दगी का हर पन्ना मुकम्मल किताब है
life Se Related Shayari
न कर शुमार कि हर शय गिनी नहीं जाती,
ये ज़िन्दगी है हिसाबों से जी नहीं जाती
हर एक चेहरे को ज़ख़्मों का आईना न कहो,
ये ज़िन्दगी तो है रहमत इसे सज़ा न कहो
कुछ आग आरज़ू की उम्मीद का धुआँ कुछ,
हाँ राख ही तो ठहरा अंजाम ज़िन्दगी का
हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली,
कुछ यादें मेरे संग पाँव पाँव चली,
सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ,
वो ज़िन्दगी ही क्या जो छाँव-छाँव चली
ऐ ज़िन्दगी, तोड़ कर हमको ऐसे बिखेर दे इस बार,
न फिर से टूट पायें हम, और न फिर से जुड़ पाए तू
नजरिया बदल के देख, हर तरफ नजराने मिलेंगे,
ऐ ज़िन्दगी यहाँ तेरी तकलीफों के भी दीवाने मिलेंगे
कुछ इस तरह से गुज़ारी है ज़िन्दगी जैसे,
तमाम उम्र किसी दूसरे के घर में रहा
ज़िन्दगी लोग जिसे मरहम-ए-ग़म जानते हैं,
जिस तरह हम ने गुज़ारी है वो हम जानते हैं
जो तेरी चाह में गुजरी वही ज़िन्दगी थी बस,
उसके बाद तो बस ज़िन्दगी ने गुजारा है मुझे
नफरत सी होने लगी है इस सफ़र से अब,
ज़िन्दगी कहीं तो पहुँचा दे खत्म होने से पहले
छोड़ ये बात कि मिले ज़ख़्म कहाँ से मुझको,
ज़िन्दगी इतना बता कितना सफर बाकी है
खुशी में भी आँख आँसू बहाती रही,
जरा सी बात हमें देर तलक रुलाती रही,
कोई खो के मिल गया तो कोई मिल के खो गया,
ज़िन्दगी हम को बस ऐसे ही आज़माती रही
Zindagi Ki Kitab
अब समझ लेता हूँ मीठे लफ़्ज़ों की कड़वाहट,
हो गया है ज़िन्दगी का तजुर्बा थोड़ा थोड़ा
मुझे ज़िन्दगी का इतना तजुर्बा तो नहीं है दोस्तों,
पर लोग कहते हैं यहाँ सादगी से कटती नहीं
जहाँ-जहाँ कोई ठोकर है मेरी किस्मत में,
वहीं-वहीं लिए फिरती है मेरी ज़िन्दगी मुझको
सबक वो हमको पढ़ाए हैं ज़िन्दगी ने कि हम,
हुआ था जो इल्म किताबों से वो भी भूल गए
एक उम्र गुस्ताखियों के लिये भी नसीब हो,
ये ज़िन्दगी तो बस अदब में ही गुजर गई
अब तो अपनी तबियत भी जुदा लगती है,
साँस लेता हूँ तो ज़ख्मों को हवा लगती है,
कभी राजी तो कभी मुझसे खफा लगती है,
ज़िन्दगी तू ही बता तू मेरी क्या लगती है
इतनी भी बदसलूकी ना कर… ऐ ज़िन्दगी,
हम कौन सा यहाँ बार-बार आने वाले हैं
ज़िन्दगी वो जो ख्वाबों-ख्यालों में है,
वो तो शायद मयस्सर न होगी कभी,
ये जो लिखी हुई इन लकीरों में है,
अब इसी ज़िन्दगानी के हो जाएँ क्या
मुझ से नाराज़ है तो छोड़ दे तन्हा मुझको,
ऐ ज़िन्दगी मुझे रोज़-रोज़ तमाशा न बनाया कर
ज़िन्दगी तू कोई दरिया है कि सागर है कोई,
मुझको मालूम तो हो कौन से पानी में हूँ मैं
हँसकर जीना ही दस्तूर है ज़िंदगी का,
एक यही किस्सा मशहूर है ज़िंदगी का,
बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते,
यही सबसे बड़ा कसूर है ज़िंदगी का
जिंदगी गुजर रही है,
इम्तिहानों के दौर से,
एक ज़ख्म भरता नही,
और दूसरा आने की जिद करता है
Himmat Harna Shayari
ऐसा भी क्या जीना मेरा,
की पल पल तड़पता हूं मैं,
किसी की याद में किसी के इंतजार में,
रोज़ जीता रोज़ मरता हूं मैं
नजरों से देखो तो आबाद हैं हम,
दिल से देखो तो बर्बाद हैं हम,
जीवन का हर लम्हा दर्द से भर गया है,
फिर कैसे कह दें आज़ाद हैं हम
आँखों में आ जाते हैं आंसू,
फिर भी लबों पे हँसी रखनी पड़ती है,
ये मोहब्बत भी क्या चीज है यारों,
जिस से करते हैं उसी से छुपानी पड़ती है
जिंदगी से शिकवा नहीं कि
उसने गम का आदी बना दिया,
गिला तो उनसे है जिन्होंने रोशनी की
उम्मीद दिखा के दिया ही बुझा दिया
जिंदगी का हर ज़ख्म उसकी मेहरबानी है,
मेरी जिंदगी एक अधूरी कहानी है,
मिटा देता हूं मैं सीने से हर दर्द,
लेकिन ये दर्द उसकी आखरी निशानी है
मुझे भी सिखा दो
भूल जाने का हुनर,
मैं थक गया हूं, हर लम्हा
हर सांस तुम्हे याद करते करते
चले जायेंगे एक दिन
तुझे तेरे हाल पर छोड़कर,
कदर क्या होती है,
ये तुझे वक्त बताएगा
जिंदगी की तलाश में मौत की
राह चलते गए,
समझ आया जब तक, तब तक
तन्हाइयों में डूबते चले गए
सांसों से बंधी थी एक डोर
जो तोड़ दी हमने,
अब हम भी चैन से सोयेंगे,
मोहब्बत छोड़ दी हमने
मेरी चाहत ने उसे खुशी दे दी,
बदले में उसने मुझे खामोशी दे दी,
खुदा से दुआ मांगी मरने की तो,
उसने भी तड़पने के लिए जिंदगी दे दी
मंजिल भी उसी की थी रास्ता भी उसी का था,
एक हम अकेले थे, काफिला भी उसी का था,
साथ साथ चलने की कसम भी उसी की थी
और रास्ता बदलने का फैसला भी उसी का था
लाइफ से रिलेटेड शायरी
तुमको पाकर भी खाली मेरे हाथ रह गए,
क्यूं कश्मकश में ही मेरे जज़्बात रह गए,
कुछ बातें, कुछ यादें और थोड़ी सी तन्हाई,
बस कुछ ख्यालों के साए मेरे साथ रह गए
जीना चाहा तो जिंदगी से दूर थे हम,
मरना चाहा तो जीने को मजबूर थे हम,
सर झुका कर कुबूल कर ली हर सजा,
बस कसूर इतना था कि बेकसूर थे हम
आंसू आ जाते हैं रोने से पहले,
ख्वाब टूट जाते हैं सोने से पहले,
लोग कहते हैं कि मोहब्बत एक गुनाह है,
काश कोई रोक लेता मुझे ये गुनाह होने से पहले
नदी से किनारे छूट जाते हैं,
आसमान से तारे टूट जाते हैं,
जिंदगी की राह में अक्सर ऐसा होता है,
जिसे हम दिल से चाहते हैं वही हमसे रूठ जाते हैं।
उल्फत बदल गई, कभी नियत बदल गई,
खुदगर्ज जब हुए, तो फिर सीरत बदल गई,
अपना कसूर दूसरों के सर पर डालकर,
कुछ लोग सोचते हैं, हकीकत बदल गई
वो करीब भी ना आए, तो इजहार क्या करते,
खुद बने निशाना, तो शिकार क्या करते,
मर गए पर खुली रखी आंखे,
इससे ज्यादा किसी का इंतजार क्या करते।
तमाम उम्र जिंदगी से दूर रहे,
तेरी खुशी के लिए तुझसे दूर रहे,
अब इस से बढ़कर वफ़ा की सजा क्या होगी,
कि तेरे होकर भी तुझसे दूर रहे
मैंने कहा रंगो से इश्क़ है मुझे,
फिर जमाने ने हर रंग दिखाया मुझे
इश्क़ खुदकुशी का धंधा है,
“अपनी ही लाश अपना ही कंधा है
तुझसे बिछड़ने के बाद खुद को यही सिखाया हमने
हाथ तो मिलाया सबसे पर कभी दिल नही मिलाया हमने
मैंने तेरे बाद किसी के साथ जुड़कर नही देखा
मैने तेरी राह तो देखी पर तूने मुड़कर नही देखा
जख्म तो आज भी ताज़ा हैं पर वो निशान चला गया
मोहब्बत तो आज भी बेपनाह है पर वो इंसान चला गया
Kon Kehta Hai Life Shayari
इश्क़ के सपनो का, वो हर मीठा लम्हा गुजर गया,
तेरा प्यार “झूठा” था, वादे करके “मुकर” गया
शिकवा करूं भी तो करूं किस से,
दर्द भी मेरा, और दर्द देने वाला भी मेरा
मन्नते और मिन्नते कुछ काम नही आता,
चले ही जाते हैं वो जिन्हे जाना होता है
इस छोटे से दिल में, किस-किस को जगह दूं मैं,
गम रहे…दम रहे…फरियाद रहे…या तेरी याद.
गम मिला तो रो ना सके
खुशी मिली तो मुस्कुरा ना सके
मेरी जिंदगी भी क्या जिंदगी है
जिसे चाहा उसे पा ना सके
कुछ बदल जाते हैं, कुछ मजबूर हो जाते हैं,
बस यूं लोग एक दूसरे से दूर हो जाते हैं
जवाब लेने चले थे, सवाल ही भूल गए!
अजीब है ये इश्क भी, अपना हाल भी भूल गए
कुछ ना बचा मेरे इन, दो खाली हाथों में,
एक हाथ से किस्मत रूठ गई,
तो दूसरे हाथ से मोहब्बत छूट गई
कुछ गम…कुछ ठोकरें…
कुछ चीखें उधार देती है…
कभी कभी जिंदगी…
मौत आने से पहले ही मार देती है
जिंदगी में कुछ हसीन पल यूंही गुजर जाते हैं
रह जाती हैं यादें और इंसान बिछड़ जाते हैं
कुछ अजीब सा चल रहा है, ये वक्त का सफर…
एक गहरी सी खामोशी है खुद के ही अंदर
लाख चाहूं कि तुझे याद ना करूं मगर,
इरादा अपनी जगह, बेबसी अपनी जगह.
वक्त की तरह निकल गया वो,
नजदीक से भी और तकदीर से भी.
Khuwaisho Se Naraz Life Shayari
तुम्हारी और हमारी रात में बस फर्क इतना है
तुम्हारी सो के गुजरती है
हमारी रो के गुजरती है
लाख चाहूं कि तुझे याद ना करूं मगर,
इरादा अपनी जगह, बेबसी अपनी जगह
“गम” ये लफ्ज़ कहने में तो कम लगता है
लेकिन दोस्तों सहने में बड़ा दम लगता है
कहीं जीत तो कहीं हार के निशान हैं,
कौन जाने, हम कितने दिन के मेहमान हैं
कभी सोचा न था इतनी जल्दी खत्म कर दोगे रिश्ता हमसे,
मिले तो यूं थे जैसे सदियों साथ निभाओगे
ना जिंदगी मिली ना वफा मिली,
क्यों हर खुशी हमसे खफा मिली,
झूठी मुस्कान लिए दर्द छुपाते रहे,
सच्चे प्यार की हमे क्या सजा मिली.
बड़ी अजीब होती हैं ये यादें
कभी हंसा देती हैं, कभी रुला देती हैं
हँसते बहुत हैं, मुस्कुराते कम हैं,
रोते नही बस आँखें नम हैं,
सवाल सी जिंदगी है, जवाब कोई नही,
शोर तो बहुत है, पर उसकी आवाज कोई नही
दिल में जो है, वो सब सच बता देता हूं,
किस्मत खराब इतनी जिसको चाहता हूं उसी को गंवा देता हूं
अच्छी थी कहानी मगर अधूरी रह गई,
इतनी मोहब्बत के बाद भी दूरी रह गई
इस तरह से लोग रूठ गए मुझसे,
जैसे मुझसा बुरा दुनिया में कोई और नही
हमे तो प्यार के दो लफ्ज़ भी ना नसीब हुए,
और बदनाम ऐसे हुए जैसे इश्क के बादशाह थे हम
लाइफ से रिलेटेड शायरी
बड़े ही खुशनुमा वहम में थे,
कि हम उनकी जिंदगी में अहम थे
हम भी जिया करते थे कभी,
परिंदे जैसी आजादी लेकर!
फिर एक शख्स आया,
मोहब्बत की आड़ में, मेरी बर्बादी लेकर
कोई बीमार हम सा नही,
कोई इलाज तुम सा नही!
तेरे हर सवाल का जवाब सिर्फ़ यही है,
हां मैं गलत हूं, और तू सही है
शौक ही नही रहा की खुद को साबित करूं,
अब तो आप जो समझो वही हूं..
कहने को तो बहुत कुछ बाकी है,
मगर तेरे लिए मेरी खामोशी ही काफी है.
जिसकी गलतियों से भी मैने रिश्ता निभाया है
उसने बार बार मुझे फालतू होने का एहसास दिलाया है
किस्मत ने जैसे चाहा वैसे ढल गए हम
बहुत संभल के चले फिर भी फिसल गए हम,
किसी ने विश्वास तोड़ा तो किसी ने दिल,
और लोग कहते हैं की बदल गए हैं हम
ना रास्तों ने साथ दिया…
ना मंज़िल ने इंतजार किया…
मैं क्या लिखूं अपनी जिंदगी पर…
मेरे साथ तो…
उम्मीदों ने भी मजाक किया
उदास कर देती है ये शाम
ऐसा लगता है…
जैसे कोई भूल रहा है धीरे-धीरे
सोचता हूं की दूर चला जाऊं उसके शहर से,
पर क्या करूं उसकी यादें पीछा नही छोड़ती
यूं तो कोई शिकायत नहीं मुझे मेरे आज से मगर,
कभी कभी बीता हुआ पल बहुत याद आता है
सुकून की तलाश में हम दिल बेचने निकले थे
खरीददार ऐसा मिला दर्द भी दे गया दिल भी ले गया
वक्त ने दिखा दी सबकी हकीकत
वरना हम तो वो थे जो सबको अपना समझते थे
किसी को अपनी जान से ज्यादा चाहने का इनाम
दर्द और आंसू के अलावा कुछ नही मिलता
सफर की शुरुआत एक छोटी सी मुलाकात से हुई थी
और उसी सफर का अंत बिना बात के हो गया।
छोड़ दिया उसने हमे भीगे कागज की तरह,
ना लिखने के काबिल छोड़ा ना जलने के।
ख्वाहिश तो न थी किसी से
दिल लगाने की,
पर किस्मत में दर्द लिखा हो
तो मोहब्बत कैसे न होती।