life shayari in hindi लाइफ शायरी हिंदी में

life shayari in hindi शायरी हिंदी उर्दू ज़ुबान में बहुत ही ज़ादा पसंद आने वाला काम है लोग इसको बहुत पसंद करते है आज के वक़्त में शायरी को बहुत ही ज़ादा पसंद किया जाता है वो किसी भी मोके का माहौल क्यू न हो हर माहौल की अलग शायरी है और इसी वजह से लोग शायरी को ज़ादा पसंद करते है विदेशो में भी उर्दू ज़ुबान में शायरी दिन बा दिन ज़ादा ही अपने जलवे दिखा रही है शायरी हिंदी उर्दू ज़ुबान में बहुत ही ज़ादा पसंद आने वाला काम है लोग इसको बहुत पसंद करते है आज के वक़्त में शायरी को बहुत ही ज़ादा पसंद किया जाता है वो किसी भी मोके का माहौल क्यू न हो हर माहौल की अलग शायरी है और इसी वजह से लोग शायरी को ज़ादा पसंद करते है विदेशो में भी उर्दू ज़ुबान में शायरी दिन बा दिन ज़ादा ही अपने जलवे दिखा रही है

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life shayari in hindi

life shayari

हमसे मत पूछिए ज़िन्दगी के बारे में,
अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे में।

याद रहेगा ये दौर-ए-हयात हमको,
कि तरसे थे ज़िंदगी में ज़िंदगी के लिए।

याद रहेगा ये दौर-ए-हयात हमको,
कि तरसे थे ज़िंदगी में ज़िंदगी के लिए।

चलो बिखरने देते है ज़िन्दगी को अब,
सँभालने की भी तो एक हद होती है।

इक टूटी-सी ज़िंदगी को समेटने की चाहत थी,
न खबर थी उन टुकड़ों को ही बिखेर बैठेंगे हम।

फिक्र है सबको खुद को सही साबित करने की,
जैसे ये ज़िंदगी, ज़िंदगी नहीं, कोई इल्जाम है।

ले दे के अपने पास फ़क़त एक नजर तो है,
क्यूँ देखें ज़िंदगी को किसी की नजर से हम।

नफरत सी होने लगी है इस सफ़र से अब,
ज़िंदगी कहीं तो पहुँचा दे खत्म होने से पहले।

ज़िंदगी जिसका बड़ा नाम सुना है हमने,
एक कमजोर सी हिचकी के सिवा कुछ भी नहीं।

एक उम्र गुस्ताखियों के लिये भी नसीब हो,
ये ज़िंदगी तो बस अदब में ही गुजर गई।

हर बात मानी है तेरी सिर झुका कर ऐ ज़िंदगी,
हिसाब बराबर कर तू भी तो कुछ शर्तें मान मेरी।

अब समझ लेता हूँ मीठे लफ़्ज़ों की कड़वाहट,
हो गया है ज़िंदगी का तजुर्बा थोड़ा थोड़ा।

मुझे ज़िंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं है दोस्तों,
पर लोग कहते हैं यहाँ सादगी से कटती नहीं।

मंजिलें मुझे छोड़ गयी रास्तों ने संभाल लिया,
जिंदगी तेरी जरूरत नहीं मुझे हादसों ने पाल लिया।

कभी खोले तो कभी ज़ुल्फ़ को बिखराए है,
ज़िंदगी शाम है और शाम ढली जाए है।

पहले से उन कदमों की आहट जान लेते हैं,
तुझे ऐ ज़िंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं।

थोड़ी मस्ती थोड़ा सा ईमान बचा पाया हूँ,
ये क्या कम है मैं अपनी पहचान बचा पाया हूँ,
कुछ उम्मीदें, कुछ सपने, कुछ महकती यादें,
जीने का मैं इतना ही सामान बचा पाया हूँ।

है अजीब शहर की ज़िंदगी
न सफर रहा न क़याम है
कहीं कारोबार सी दोपहर
कहीं बदमिजाज़ सी शाम है।

छोड़ ये बात कि मिले ज़ख़्म कहाँ से मुझको,
ज़िंदगी इतना बता कितना सफर बाकी है।

देखा है ज़िंदगी को कुछ इतना करीब से,
चेहरे तमाम लगने लगे हैं अब तो अजीब से।

ज़िन्दगी से पूछिये ये क्या चाहती है,
बस एक आपकी वफ़ा चाहती है,
कितनी मासूम और नादान है ये,
खुद बेवफा है और वफ़ा चाहती है।

‪‎शतरंज‬ खेल रही है मेरी ‪जिंदगी‬ कुछ इस तरह,
कभी तेरी मोहब्बत मात देती है कभी मेरी ‪किस्मत‬।

जो लम्हा साथ है उसे जी भर के जी लेना,
ये कम्बख्त जिंदगी भरोसे के काबिल नहीं है।

life shayari

तंग आ चुके हैं कशमकश-ए-ज़िंदगी से हम,
ठुकरा न दें जहाँ को कहीं बे-दिली से हम,
लो आज हमने छोड़ दिया रिश्ता ए उमीद,
लो अब कभी किसी से गिला ना करेगे हम,
पर जिंदगी मे मिल गये इत्तेफ़ाक से
पुछेगे अपना हाल तेरी बेबसी से हम।

अब तो अपनी तबियत भी जुदा लगती है,
सांस लेता हूँ तो ज़ख्मों को हवा लगती है,
कभी राजी तो कभी मुझसे खफा लगती है,
जिंदगी तू ही बता तू मेरी क्या लगती है।

हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली,
कुछ यादें मेरे संग पाँव पाँव चली,
सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ,
वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली।

हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली,
कुछ यादें मेरे संग पाँव पाँव चली,
सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ,
वो जिंदगी ही क्या जो छाँव छाँव चली।

मुझ से नाराज़ है तो छोड़ दे तन्हा मुझको,
ऐ ज़िंदगी, मुझे रोज-रोज तमाशा न बनाया कर

फुर्सत मिले जब भी तो रंजिशे भुला देना,
कौन जाने साँसों की मोहलतें कहाँ तक हैं।

पढ़ने वालों की कमी हो गयी है
आज इस ज़माने में…
वरना मेरी ज़िन्दगी का हर पन्ना,
पूरी किताब है।

वही रंजिशें वही हसरतें,
न ही दर्द-ए-दिल में कमी हुई,
है अजीब सी मेरी ज़िन्दगी,
न गुज़र सकी न खत्म हुई।

ज़िंदगी भी तवायफ की तरह होती है,
कभी मजबूरी में नाचती है कभी मशहूरी में।

इतनी बदसलूकी ना कर… ऐ ज़िंदगी,
हम कौन सा यहाँ बार-बार आने वाले हैं।

ज़िन्दगी एक हसीन ख़्वाब है,
जिसमें जीने की चाहत होनी चाहिये,
ग़म खुद ही ख़ुशी में बदल जायेंगे,
सिर्फ मुस्कुराने की आदत होनी चाहिये।

हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये,
ज़िन्दगी भोर है सूरज सा निकलते रहिये,
एक ही पाँव पे ठहरोगे तो थक जाओगे,
धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये।

थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी,
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे।

ग़ैरों से पूछती है तरीका निज़ात का
अपनों की साजिशों से परेशान ज़िंदगी।

समय हर समय को बदल देता है,
बस समय को थोड़ा समय चाहिए।

भरोसा कांच की तरह होता है,
एक बार टूट जाए तो कितना भी जोड़ लो
चेहरा अलग अलग ही दिखाई देगा।।

जो आपकी किस्मत में लिखा है वो भाग कर आयेगा,
और जो किस्मत में नही लिखा है वो आकर भी भाग जायेगा।

जब फैसला आसमान वाले का होता है,
तब कोई बकालत जमीन वाले की नही होती है।

सड़क कितनी भी साफ क्यों न हो,
लेकिन धूल हो ही जाती है।
और इंसान चाहे कितना भी अच्छा क्यों न हो,
भूल हो ही जाती है।

हम तो रोज़ खुद को पड़ते हैं,
और रोज़ छोड़ देते हैं,
हमतो हर रोज़ जिंदगी का एक
पन्ना मोड़ देते हैं।

हम तो अक्सर सारे गमो को हँस कर गले लगा लेते है,
क्योंकि जिंदगी हमारी ही है इसे हम खुल कर जी लेते है।

रिश्तो के बाजार में रिश्तो को कुछ
इस तरह सजाया जाता है,
ऊपर से तो बहुत अच्छा दिखाया जाता है,
पर अंदर न जाने क्या क्या मिलाया जाता है।

life shayari

माँ वो नोट बुक है,
जिसमे औेलाद सब कुछ लिख सकती है,
लेकिन माँ सिर्फ प्यार लिखती है।

समय जीवन में सब कुछ सिखा देता है,
और जो समय सिखा देता है,
वह जीवन में कोई नही सिखाता है।

आज कल नज़रो से भी चोट लगा करती है,
जब नज़रे देख कर भी अनदेखा कर दिया करती है।

इंसान नीचे बैठा दौलत गिनता है*
कल इतनी थी – आज इतनी बढ गयी..

ऊपर वाला हंसता है और इंसान की सांसे गिनता है…
कल इतनी थीं – आज इतनी कम हो गयीं..

दुनियां के रैन बसेरे में पता नही कितने दिन रहना है,
जीत लें सबके दिलों को..
बस यही जीवन का गहना है..

किसी जंगली जानवर की अपेक्षा
एक कपटी और दुष्ट मित्र से ज्यादा डरना चाहिए,
जानवर तो बस आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है,
पर एक बुरा मित्र आपकी बुद्धि को चोटिल कर सकता है.

हाथ में टच फ़ोन, बस स्टेटस के लिये अच्छा है,
सबके टच में रहो, ज़िन्दगी के लिये ज्यादा अच्छा है.

आंखों में गर हो गुरूर…
तो इंसान को इंसान नही दिखता…
जैसे छत पर चढ जाओ…
तो अपना ही मकान नही दिखता..

life shayari

क्यूँकि रिश्तों में विश्वास,
और मोबाईल में नेटवर्क ना हो,
तो लोग Game खेलना शुरू कर देते हैं

फ़िज़ा में ज़हर भरा है जरा संभल कर चलो,
मुखालिफ आज हवा है जरा संभल कर चलो,
कोई देखे न देखे बुराइयां अपनी..
खुदा तो देख रहा है जरा संभल कर चलो।

ज़िन्दगी लहर थी आप साहिल हुए,
न जाने कैसे हम आपकी दोस्ती के काबिल हुए,
न भूलेंगे हम उस हसीं पल को,
जब आप हमारी छोटी सी ज़िन्दगी में शामिल हुए.

ज़िन्दगी लहर थी आप साहिल हुए,
न जाने कैसे हम आपकी दोस्ती के काबिल हुए,
न भूलेंगे हम उस हसीं पल को,
जब आप हमारी छोटी सी ज़िन्दगी में शामिल हुए.

साथ रहते यूँ ही वक़्त गुज़र जायेगा,
दूर होने के बाद कौन किसे याद आयेगा,
जी लो ये पल जब हम साथ हैं,
कल क्या पता वक़्त कहाँ ले जायेगा।

लगे है फोन जबसे​ ​तार भी नहीं आते​​,
​बूढी आँखों के अब मददगार भी नहीं आते​​,
​​गए है जबसे शहर में कमाने को लड़के​​,
​​हमारे गाँव में त्यौहार भी नहीं आते।

रोया हूँ बहुत तब जरा करार मिला है,
इस जहाँ में किसे भला सच्चा प्यार मिला है,
गुजर रही है जिंदगी इम्तिहान के दौर से,
एक ख़तम तो दूसरा तैयार मिला है।

रोने से किसी को पाया नहीं जाता,
खोने से किसी को भुलाया नहीं जाता,
वक्त सबको मिलता है जिन्दगी बदलने के लिए,
पर जिन्दगी नहीं मिलती वक्त बदलने के लिए

रूठी जो जिदंगी तो मना लेंगे हम,
मिले जो गम वो सह लेंगे हम,
बस आप रहना हमेशा साथ हमारे तो,
निकलते हुए आंसूओ में भी मुस्कुरा लेंगे हम।

life shayari

राह संघर्ष की जो चलता है,
वो ही संसार को बदलता है।
जिसने रातों से जंग जीती है,
सूर्य बनकर वही निकलता है।

मैंने जिन्दगी से पूछा..
सबको इतना दर्द क्यों देती हो..??
जिन्दगी ने हंसकर जवाब दिया..
मैं तो सबको ख़ुशी ही देती हुँ..
पर एक की ख़ुशी दुसरे का दर्द बन जाती है

मुस्कान आपके होंठों से कही जाये नहीं,
आँसू आपके पलकों पे कभी आये नहीं,
पूरा हो आपका हर ख्वाब,
और जो पूरा न हो वो ख्वाब कभी आये नहीं.

मां को नाराज करना इंसान तेरी भूल है,
मां के कदमो की मिट्टी जन्नत की धूल है!

मत सताओ हमे हम सताए हुए है,
अकेला रहने का ग़म उठाये हुए है,
खिलौना समज के ना खेलो हम से,
हम भी उसी खुदा के बनाये हुए है

भरोसा खुद पर रखो तो..
ताकत बन जाती है,
और
दूसरों पर रखो तो..
कमजोरी बन जाती है!

बेजान चीज़ो को बदनाम करने के
तरीके कितने आसान होते है….!
लोग सुनते है छुप छुप के बाते ,
और कहते है के दीवारो को भी कान होते हैं

प्यार वो हम को बेपनाह कर गये,
फिर ज़िन्दगी में हम को तन्नहा कर गये,
चाहत थी उनके इश्क में फ़नाह होने की,
पर वो लौट कर आने को भी मना कर गये

ना किसी से ईर्ष्या,
ना किसी से कोई होड़,
मेरी अपनी मंजीले,
मेरी अपनी दौड़!!

दिल मैं हर राज़ दबा कर रखते है,
होंटो पर मुस्कराहट सजाकर रखते है,
ये दुनिया सिर्फ़ खुशी मैं साथ देती है,
इसलिए हम अपने आँसुओ को छुपा कर रखते है!

दिल में प्यार का आगाज हुआ करता है,
बातें करने का अंदाज हुआ करता है,
जब तक दिल को ठोकर नहीं लगती,
सबको अपने प्यार पर नाज हुआ करता है!

दर्द क्या होता है बताएगे किसी रोज,
इस दिल की गजल सुनाएंगे किसी रोज,
उड़ने दो इन परिंदों को आजाद फिजाओ में,
हमारे हुए तो लौट आएंगे किसी रोज!

जीत किसके लिए, हार किसके लिए,
ज़िंदगी भर ये तकरार किसके लिए
जो भी आया है वो जायेगा एक दिन,
फिर ये इतना अहंकार किसके लिए..

जिस दिन बंद कर ली हमने आंखें,
कई आँखों से उस दिन आंसु बरसेंगे,
जो कहते हैं के बहुत तंग करते है हम,
वही हमारी एक शरारत को तरसेंगे.

जिंदगी देने वाले, मरता छोड़ गये,
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की,
वो जो साथ चलने वाले रास्ता मोड़ गये।

जिंदगी तुझसे हर कदम पर समझौता क्यों किया जाय,
शौक जीने का है मगर इतना भी नहीं कि मर मर कर जिया जाए।
जब जलेबी की तरह उलझ ही रही है तू ए जिंदगी
तो फिर क्यों न तुझे चाशनी में डुबा कर मजा ले ही लिया जाए!

जाने क्या मुझसे ज़माना चाहता है,
मेरा दिल तोड़कर मुझे ही हसाना चाहता है,
जाने क्या बात झलकती है मेरे इस चेहरे से,
हर शख्स मुझे आज़माना चाहता है!

ज़िन्दगी के लिए जान जरुरी है,
पाने के लिए अरमान ज़रूरी है,
हमारे पास चाहे हो कितना ही गम,
पर आपके चेहरे पर मुस्कान ज़रूरी है.

ज़मीं पर रह कर आसमां
को छूने की फितरत है मेरी,
पर गिरा कर किसी को,
ऊपर उठने का शौक़ नहीं मुझे

जब भी देखता हूँ ..
किसी गरीब को हँसते हुए ..
तो यकीन आ जाता है ..
की खुशियो का ताल्लुक दौलत से नहीं होता..

जब भी करीब आता हूँ बताने के लिये,
जिंदगी दूर रखती हैं सताने के लिये,
महफ़िलों की शान न समझना मुझे,
मैं तो अक्सर हँसता हूँ गम छुपाने के लिये

छोटे से दिल में गम बहुत है,
जिन्दगी में मिले जख्म बहुत हैं,
मार ही डालती कब की ये दुनियाँ हमें,
कम्बखत दोस्तों की दुआओं में दम बहुत है.

चलते रहे कदम.. किनारा जरुर मिलेगा,
अन्धकार से लड़ते रहे सवेरा जरुर खिलेगा,
जब ठान लिया मंजिल पर जाना रास्ता जरुर मिलेगा,
ए राही न थक चल.. एक दिन समय जरुर फिरेगा।

खामोश बैठें तो लोग कहते हैं
उदासी अच्छी नहीं,
ज़रा सा हँस लें तो
मुस्कुराने की वजह पूछ लेते हैं !

किसी ने क्या खूब लिखा है:
कल न हम होंगे न गिला होगा,
सिर्फ सिमटी हुई यादों का सिललिसा होगा,
जो लम्हे हैं चलो हंसकर बिता लें,
जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा।

कितनी जल्दी ज़िन्दगी गुज़र जाती है,
प्यास भुझ्ती नहीं बरसात चली जाती है,
तेरी याद कुछ इस तरह आती है,
नींद आती नहीं मगर रात गुज़र जाती है

कागज़ की कश्ती से पार जाने की ना सोच,
चलते हुए तुफानो को हाथ में लाने की ना सोच,
दुनिया बड़ी बेदर्द है, इस से खिलवाड़ ना कर,
जहाँ तक मुनासिब हो, दिल बचाने की सोच।

कहीं बेहतर है तेरी अमीरी से मुफलिसी मेरी,
चंद सिक्कों के लिए तुने क्या नहीं खोया है,
माना नहीं है मखमल का बिछोना मेरे पास,
पर तु ये बता, कितनी राते चैन से सोया है

Neeraj Yadav

मैं नीरज यादव इस वैबसाइट (ThePoetryLine.in) का Founder और एक Computer Science Student हूँ। मुझे शायरी पढ़ना और लिखना काफी पसंद है।

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