Maa Love Shayari / माँ लव शायरी

Maa Love Shayari माँ लव शायरी दोस्तों येभी कोई बताने की बात नहीं की माँ किसी होती है और माँ हमारी ज़िन्दगी में कितनी ज़रूरी होती है कोई ही ऐसा बद नसीब होगा जिसको माँ की कदर नहीं होगी क्यू की माँ तो दुनिया की सबसे अनमोल और सबसे ज़रूरी है हमारी ज़िन्दगी में क्यू की माँ नहीं होती तो हम नहीं होते और माँ हमे कैसे कैसे पलती पोस्ती है हम सब देखते है और हमे ये भी बताया जाता है की एक माँ ही है जो हमे हर हाल में खुश रखती है साडी परेशानी खुद ही अपने ऊपर लेती है भुकी रहती है पियासी रहती है हमारी फिक्र अपने आप से ज़ादा करती है माँ के लिए हम या आप जितना भी लिखे वो सब माँ की तारीफ में कुछ नहीं है.

क्यू की माँ की तारीफ में ऐसी कोई बात ही नहीं जो माँ की तारीफ में बोली जाये और माँ की तारीफ हो जाये दुनिया की हर चीज़ कोई मायने नहीं रखती माँ के आगे माँ ऐसी हस्ती है और आज हम एक बहुत छोटी से कोशिश कर रहे है की हम माँ की तारीफ में कुछ लिख सके हम भी जानते है अआप भी जानते हो जिनकी माँ नहीं होती वो कितना तड़पते है माँ के प्यार के लिए इस लिए भाइयो और दोस्तों माँ और बाप को प्यार करो और उनको खुश रखो क्यू की माँ बाप ही दुनिया है दुनिया को कोई बर्बाद नहीं करता चलो दोस्त माँ की तारीफ में जो एक छोटी सी कोशिश की है उसको भी देखते है और अपने दोस्तों में भी इसको शेर करते है हमारी ये माँ लव शायरी आप सब के लिए है और आपके अपनी के लिए है heart touching love quotes in hindi

Maa Love Shayari / माँ लव शायरी

maa

सर पर जो हाथ फेरे तो हिम्मत मिल जाये,
माँ एक बार मुस्कुरा दे तो जन्नत मिल जाये।

चलती फिरती आँखों से अज़ाँ देखी है,
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है।

सीधा साधा भोला भाला मैं ही सब से सच्चा हूँ,
कितना भी हो जाऊं बड़ा माँ आज भी तेरा बच्चा हूँ।

यूँ तो मैंने बुलन्दियों के हर निशान को छुआ,
जब माँ ने गोद में उठाया तो आसमान को छुआ।

वो लिखा के लाई है किस्मत में जागना,
माँ कैसे सो सकेगी कि बेटा सफ़र में है।

ऐ अँधेरे देख मुँह तेरा काला हो गया,
माँ ने आँखें खोल दी घर में उजाला हो गया।

माँ पहले आँसू आते थे तो तुम याद आती थी,
आज तुम याद आती हो और आँसू निकल आते है।

बद्दुआ संतान को इक माँ कभी देती नहीं,
धूप से छाले मिले जो छाँव बैठी है सहेज।

सख्त राहों में भी आसान सफ़र लगता है,
ये मेरी माँ की दुआओं का असर लगता है।

जब-जब कागज पर लिखा मैंने माँ का नाम,
कलम अदब से बोल उठी हो गये चारों धाम।

Maa Love Shayari / माँ लव शायरी

ab bhi chaltihai

कभी मुस्कुरा दे तो लगता है ज़िंदगी मिल गयी मुझको,
माँ दुखी हो तो दिल मेरा भी दुखी हो जाता है।

तेरे दामन में सितारे हैं तो होंगे ऐ फलक,
मुझको मेरी माँ की मैली ओढ़नी अच्छी लगी।

माँ मेरी खातिर तेरा रोटी पकाना याद आता है,
अपने हाथों को चूल्हे में जलाना याद आता है।

वो डांट डांट कर खाना खिलाना याद आता है,
मेरे वास्ते तेरा पैसा बचाना याद आता है।

किसी भी ​मुश्किल का अब किसी को हल नहीं मिलता,
​शायद अब घर से कोई माँ के पैर छूकर नहीं निकलता​।

नहीं हो सकता कद तेरा ऊँचा किसी भी माँ से ऐ खुदा,
तू जिसे आदमी बनाता है, वो उसे इंसान बनाती है

सच्चे रिश्तों की ये गहराइयाँ तो देखिये,
चोट लगती है हमें और चिल्लाती है माँ,
हम खुशियों में माँ को भले ही भूल जायें,
जब मुसीबत आ जाए तो याद आती है माँ।

रूह के रिश्तो की यह गहराइयां तो देखिए,
चोट लगती है हमें और दर्द मां को होता है

किसी भी मुश्किल का अब किसी को हल नहीं मिलता,
शायद अब घर से कोई मां के पैर छूकर नहीं निकलता।

मुसीबतों ने मुझे काले बादल की तरह घेर लिया,
जब कोई राह नजर नहीं आई तो मां याद आई।

Maa Love Shayari / माँ लव शायरी

ek achhi maa

हर घड़ी दौलत कमाने में इस तरह मशरूफ रहा मैं,
पास बैठी अनमोल मां को भूल गया मैं।

मां तुम्हारे पास आता हूं तो सांसें भीग जाती है,
मोहब्बत इतनी मिलती है की आंखें भीग जाती है।

माँ की बूढी आंखों को अब कुछ दिखाई नहीं देता,
लेकिन वर्षों बाद भी आंखों में लिखा हर एक अरमान पढ़ लिया।

मां वो सितारा है जिसकी गोद में जाने के लिए हर कोई तरसता है,
जो मां को नहीं पूछते वो जिंदगी भर जन्नत को तरसता है।

जिसके होने से मैं खुद को मुक्कम्मल मानता हूँ,
मैं खुदा से पहले मेरी माँ को जानता हूँ।

मुझे माफ़ कर मेरे या खुदा झुक कर करू,
तेरा सजदा तुझसे भी पहले माँ मेरे लिए ना कर कभी मुझे माँ से जुदा!

चलती फिरती आंखों से अजां देखी है,
मैंने जन्नत तो नहीं देखी लेकिन मां देखी है।

मैंने कभी भगवान को नहीं देखा है,
लेकिन मुझे इतना यकीन हे की,
वो भी मेरी माँ की तरह होगा!

हजारों गम हो फिर भी मैं खुशी से फूल जाता हूं,
जब हस्ती है मेरी मां मैं हर गम भूल जाता हूं!

हालातों के आगे जब साथ ना जुदा होती है,
पहचान लेती है ख़ामोशी में हर दर्द वह सिर्फ मां होती है!

Maa Love Shayari / माँ लव शायरी

ma bin zindagi

वाह प्रभु क्या तेरी लीला है,
बचपन में लड़ते थे.. मां मेरी है मां मेरी है,
और आज किसी बड़े को लड़ते देखा ना तेरी है मां तेरी है!

तुम क्या सिखाओगे मुझे प्यार करने का सलीका,
मैंने माँ के एक हाथ से थप्पड़ तो दुसरे हाथ से रोटी खायी है.

हर रिश्ते में मिलावट देखी,
कच्चे रंगो की सजावट देखी,
लेकिन सालों साल देखा है मां को उसके चेहरे पर ना कभी थकावट देखी,
ना ममता में कभी मिलावट देखें!

मां भले ही पढ़ी-लिखी हो या नहीं,
पर संसार का दुर्लभ व महत्वपूर्ण ज्ञान हमें मां से ही प्राप्त होता है…

एक हस्ती है जो जान है मेरी,
जो जान से भी बढ़ कर शान हे मेरी,
रब हुक्म दे तो कर दू सजदा उसे,
क्यूँ की वो कोई और नही माँ है मेरी

कैसे भुला दू मैं अपने पहले प्यार को कैसे तोड़ दू उस की ऐतबार को,
सारा जीवन उस की चरणों मे अर्पण कर दू छोड़ दू माँ की खातिर इस संसार को ।।

गम हो दुःख हो या खुशिया माँ जीवन की हर किस्से मे साथ देती है,
खुद सो जाती है भूखी,
और बच्चो मे रोटी अपने हिस्से की बाँट देती है।

जब भी मेरे होंटो पर झूटी मुस्कान होती है,
माँ को न जाने कैसे छिपे हुए दर्द की पहचान होती है,
सर पर हाथ फेर कर दूर कर देती है,
परेशानिया माँ के भावनाओ मे बहुत जान होती है ।।

क्यों भूल जाते है हम उस माँ को वक़्त के साथ साथ नहीं रहता हमको उनका कोई ख्याल,
क्या होता होगा उस माँ के दिल का हाल जिसने हमारे लिए भुला दिया अपना हर एक ख्वाब।

हालातो के आगे जब साथ न जुबा होती है,
पहचान लेती है ख़ामोशी मे हर दर्द वो सिर्फ “माँ” होती है !!!

माँ लव शायरी

Maa Love Shayari

कोई दुआ असर नहीं करती,
जब तक वो हमपर नजर नहीं करती हम उसकी खबर रखे न रखे,
वो कभी हमें बेखबर नहीं करती।

किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकान,
आई मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई..।।

माँ तेरी याद सताती है मेरे पास आ जाओ थक गया हूँ,
मुझे अपने आँचल में सुलाओ उँगलियाँ फेर कर बालों में मेरे एक बार,
फिर से बचपन की लोरियाँ सुनाओ..।।।

माँ की अजमत से अच्छा जाम क्या होगा,
माँ की खिदमत से अच्छा काम क्या होगा,
खुदा ने रख दी हो जिस के कदमों में जन्नत,
सोचो उसके सर का मुकाम क्या होगा।

किसी ने रोजा रखा किसी ने उपवास रखा,
कुबूल उसका हुआ जिसने अपने माँ-बाप को अपने पास रखा….!!

ये कहकर मंदिर से फल की पोटली चुरा ली माँ ने….
तुम्हे खिलाने वाले तो और बहुत आ जायगे गोपाल…
मगर मैने ये चोरी का पाप ना किया तो भूख से मर जायेगा मेरा लाल…!

आँख खोलू तो चेहरा मेरी माँ का हो आँख बंद हो तो सपना मेरी माँ का हो,
मैं मर भी जाऊं तो भी कोई गम नहीं लेकिन कफ़न मिले तो दुपट्टा मेरी माँ का हो!!

माँ तेरी याद सताती है मेरे पास आ जाओ,
थक गया हूँ मुझे अपने आँचल में सुलाओ, उँगलियाँ फेर कर बालों में मेरे,
एक बार फिर से बचपन की लोरियाँ सुनाओ

“माँ” की एक दुआ जिन्दगी बना देगी,
खुद रोएगी मगर तुम्हे हँसा देगी…
कभी भुल के भी ना “माँ” को रूलाना,
एक छोटी सी गलती पूरा अर्श हिला देगी…!!

कौन सी है वो चीज़ जो यहाँ नहीं मिलती,
सब कुछ मिल जाता है लेकिन “माँ” नहीं मिलती…
माँ-बाप ऐसे होते हैं दोस्तों जो ज़िन्दगी में फिर नहीं मिलते,
खुश रखा करो उनको फिर देखो जन्नत कहाँ नहीं मिलती.

माँ लव शायरी

Maa Love Shayari

जिँदगी‬ की पहली ‪Teacher‬ ‎माँ‬,
जिँदगी की पहली ‪Friend‬ माँ,
‪Jindagi‬ भी माँ ‎क्योँकि‬, ‎
Zindagi‬ देने वाली भी माँ.

माँ से रिश्ता कुछ ऐसा बनाया,
जिसको निगाहों में बिठाया जाए रहे,
उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसा की,
वो अगर उदास हो तो हमसे भी मुस्कुराया न जाये.

ये जो सख्त रस्तो पे भी आसान सफ़र लगता हे,
ये मुझ को माँ की दुआओ का असर लगता हे,
एक मुद्दत हुई मेरी मां नही सोई तबिश …
मेने एक बार कहा था के मुझे डर लगता हे..!!!

माँ ना होती तो वफ़ा कौन करेगा,
ममता का हक़ भी कौन अदा करेगा,
रब हर एक माँ को सलामत रखना,
वरना हमारे लिए दुआ कौन करेगा.

हजारो फूल चाहिए एक माला बनाने के लिए,
हजारों दीपक चाहिए एक आरती सजाने के लिए हजारों बून्द चाहिए समुद्र बनाने के लिए,
पर “माँ “अकेली ही काफी है,
बच्चो की जिन्दगी को स्वर्ग बनाने के लिए..!!

दास्तान मेरे लाड – प्यार की बस एक हस्ती के इर्द – गिर्द घुमती है,
प्यार जन्नत सा इसलिए लगता है क्योकि ये भी मेरी माँ के कदमो को चूमती है.

उसके रहते जीवन में कभी कोई गम नहीं होता,
दुनिया साथ दे या ना दे पर माँ का प्यार कभी कम नहीं होता.

हालातो के आगे जब साथ न जुबा होती पहचान लेती है,
खामोशी में हर दर्द वो सिर्फ माँ होती है..

नहीं समझ पाटा इस दिखावे से क्या मिल जाता है,
वो हाथ पर माँ खुदवाकर वृद्धाश्रम मिलने जाता है.

तुम क्या उसकी बराबरी करोगे वो तुफानो में भी रोटिया सेक देती है,
और वो माँ है जनाब डरती नहीं है मुस्किलो को तो चूल्हे में झोक देती है

Kiya Likhu Maa Ke Liye

Maa Love Shayari

घुटनों से रेंगते – रेंगते कब पैरो पर खड़ा हो गया,
माँ तेरी ममता की छाँव में न जाने कब बड़ा हो गया.

जमाने ने इतने सितम दिए की रूह पर भी जख्म लग गया,
माँ ने सर पर हाथ रख दिया तो मरहम लग गया.

माँ के लिए शायरी घर में धन, दौलत, हीरे, जवाहरात सब आए,
लेकिन जब घर में माँ आई तब खुशियां आई.

मुसीबतों ने मुझे काले बादल की तरह घेर लिया,
जब कोई राह नजर नहीं आई तो माँ याद आई..

बिन कहे आँखों में सब पढ़ लेती है,
बिन कहे जो गलती माफ़ कर दे वो माँ है।

हर गली, हर शहर, हर देश-विदेश देखा,
लेकिन मां तेरे जैसा प्यार कहीं नहीं देखा।

माँ तेरे दूध का हक मुझसे अदा क्या होगा,
तू है नाराज ती खुश मुझसे खुदा क्या होगा!

याद जब भी आ जाती है,
आँखों से आँसू छलक ही जाते है,
वो खुशनसीब होते है,
हर पल जिनकी माँ साथ होती है.

दुआ है रब से वो शाम कभी ना आए,
जब माँ दूर मुझसे हो जाए।

माँ को याद कर लेता हूँ,
जब भी खुद को अकेला पाता हूँ,

Maa Ki Duao Me Asar

Maa Love Shayari

सामने से ना सही,
यादों में ही माँ का प्यार पा लेता हूँ.

किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आयी,
मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में माँ आयी।

इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है,
माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है।

भूल जाता हूँ परेशानियां ज़िंदगी की सारी,
माँ अपनी गोद में जब मेरा सर रख लेती है।

आँखों में आंसू और होठों पे मुस्कान रखते है,
जब माँ की याद आए, दुनिया से छुप कर रो लेते है.

तेरे ही आँचल में निकला बचपन,
तुझ से ही तो जुड़ी हर धड़कन,
कहने को तो माँ सब कहते पर,
मेरे लिए तो है तू भगवान..

“एक मुद्दत हो गई मेरी माँ नहीं सोई ,
एक बार मैंने कहा था की डर लगता है मुझे।”

प्यार को निराकार से साकार होने का मन हुआ,
तो इस धरती पर माँ का सृजन हुआ।”

माँ कर देती है पर गिनाती नहीं है,
वो सह लेती है पर सुनाती नहीं है।

न तेरे हिस्से आयी न मेरे हिस्से आयी,
माँ जिसके जीवन में आयी उसने जन्नत पायी।

Kismat Se Milti Hai Maa

Maa Love Shayari

तन्हाई क्या होती उस माँ से पूछो,
जिसका बेटा घर लोट कर नही आया।

बिना हुनर के भी वो चार ओलाद पाल लेती है,
कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी।

उसकी डांट में भी प्यार नजर आता है,
माँ की याद में दुआ नजर आती है।

खाली पड़ा था मकान मेरा,
जब माँ घर आयी तो घर बना।

बर्तन माज कर माँ चार बेटो को पाल लेती है,
लेकिन चार बेटो से माँ को दो वक्त की रोटी नही दी जाती।

बिन कहे आँखों में सब पढ़ लेती है,
बिन कहे जो गलती माफ़ कर दे वो माँ है।

गिन लेती है दिन बगैर मेरे गुजारें है कितने,
भला कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी।

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