Meri Zindagi Shayari In Hindi / मेरी जिंदगी शायरी हिंदी में

Meri Zindagi Shayari In Hindi / मेरी जिंदगी शायरी हिंदी में दोस्तों ज़िन्दगी भी बहुत ही अजीब चीज़ है आपने काफी बार देखा होयगा की हम सोचते तो कुछ है और हो कुछ और ही जाता है काफी बार ज़िन्दगी में देखा गया है की हम प्लान कुछ कर रहे होते है और ज़िन्दगी अपनी ही कहानी बन रही होती है बहुत बार हम अपने आप में ही कही न कही पर फास जाते है जिंदगी के ऐसे कई सवाल हैं जिनका जवाब हम ढूंढते रहते हैं जवाब मिलता भी है पर तब तक और काफी सरे सवाल हमारे सामने खड़े हो जाते हैं एक परेशानी खतम नहीं होती दुरी पहले आ जाती है वैसे आदमी की असल मंजिल तो मौत ही है, क्योंकि हम सब मरने के लिए ही जीते जा रहे हैं। और खुवाईश रखते है जीने की पता भी सबको हीहै की एक दिन मरना है और खली हाथ जाना है पर जब हम ज़िंदा होते है ये बाटे बॉस सोच कर ही उसका अंदाज़ा लगा लेते है पर जहा ये बाते ख़त्म हुई फिर ज़िन्दगी की वही भाड़ दौड शुरू फिर सब भूल जाते है किसको मरना है किसको जीना है इंसान भी क्या क्या नहीं करता है अपनी ज़िन्दगी में और फिर एक दिन ऐसा आता है की ज़िन्दगी ही साथ चोर देती है ज़िन्दगी बहुत ही अजीब होती है और आज हमने कुछ ज़िन्दगी के ऊपर ही शायरिया जमा की है जो हम आज आप लोगो तक पोहचने की कोशिश में लगे है चले फिर पढ़कर देखते है क्या शायरिया है और किया जिंदगी Deep Shayari On Life

Meri Zindagi Shayari In Hindi / मेरी जिंदगी शायरी हिंदी में

Meri Zindagi Shayari In Hindi

अब तो अपनी तबियत भी जुदा लगती है,
साँस लेता हूँ तो ज़ख्मों को हवा लगती है,
कभी राजी तो कभी मुझसे खफा लगती है,
ज़िन्दगी तू ही बता तू मेरी क्या लगती है।

इतनी भी बदसलूकी ना कर… ऐ ज़िन्दगी,
हम कौन सा यहाँ बार-बार आने वाले हैं।

ज़िन्दगी वो जो ख्वाबों-ख्यालों में है,
वो तो शायद मयस्सर न होगी कभी,
ये जो लिखी हुई इन लकीरों में है,
अब इसी ज़िन्दगानी के हो जाएँ क्या।

मुझ से नाराज़ है तो छोड़ दे तन्हा मुझको,
ऐ ज़िन्दगी मुझे रोज़-रोज़ तमाशा न बनाया कर।

ज़िन्दगी तू कोई दरिया है कि सागर है कोई,
मुझको मालूम तो हो कौन से पानी में हूँ मैं।

हँसकर जीना ही दस्तूर है ज़िंदगी का,
एक यही किस्सा मशहूर है ज़िंदगी का,
बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते,
यही सबसे बड़ा कसूर है ज़िंदगी का।

नफरत सी होने लगी है इस सफ़र से अब,
ज़िन्दगी कहीं तो पहुँचा दे खत्म होने से पहले।

छोड़ ये बात कि मिले ज़ख़्म कहाँ से मुझको,
ज़िन्दगी इतना बता कितना सफर बाकी है।

खुशी में भी आँख आँसू बहाती रही,
जरा सी बात हमें देर तलक रुलाती रही,
कोई खो के मिल गया तो कोई मिल के खो गया,
ज़िन्दगी हम को बस ऐसे ही आज़माती रही।

अब समझ लेता हूँ मीठे लफ़्ज़ों की कड़वाहट,
हो गया है ज़िन्दगी का तजुर्बा थोड़ा थोड़ा।

मेरी जिंदगी शायरी हिंदी में

Meri Zindagi Shayari In Hindi

मुझे ज़िन्दगी का इतना तजुर्बा तो नहीं है दोस्तों,
पर लोग कहते हैं यहाँ सादगी से कटती नहीं।

जहाँ-जहाँ कोई ठोकर है मेरी किस्मत में,
वहीं-वहीं लिए फिरती है मेरी ज़िन्दगी मुझको।

सबक वो हमको पढ़ाए हैं ज़िन्दगी ने कि हम,
हुआ था जो इल्म किताबों से वो भी भूल गए।

एक उम्र गुस्ताखियों के लिये भी नसीब हो,
ये ज़िन्दगी तो बस अदब में ही गुजर गई।

हासिल-ए-ज़िन्दगी हसरतों के सिवा और कुछ भी नहीं,
ये किया नहीं, वो हुआ नहीं, ये मिला नहीं, वो रहा नहीं।

पढ़ने वालों की कमी हो गयी है आज इस ज़माने में,
वरना मेरी ज़िन्दगी का हर पन्ना मुकम्मल किताब है।

न कर शुमार कि हर शय गिनी नहीं जाती,
ये ज़िन्दगी है हिसाबों से जी नहीं जाती।

हर एक चेहरे को ज़ख़्मों का आईना न कहो,
ये ज़िन्दगी तो है रहमत इसे सज़ा न कहो।

कुछ आग आरज़ू की उम्मीद का धुआँ कुछ,
हाँ राख ही तो ठहरा अंजाम ज़िन्दगी का।

हद-ए-शहर से निकली तो गाँव गाँव चली,
कुछ यादें मेरे संग पाँव पाँव चली,
सफ़र जो धूप का किया तो तजुर्बा हुआ,
वो ज़िन्दगी ही क्या जो छाँव-छाँव चली।

Tu Meri Zindagi Shayari Hai

Meri Zindagi Shayari In Hindi

ऐ ज़िन्दगी, तोड़ कर हमको ऐसे बिखेर दे इस बार,
न फिर से टूट पायें हम, और न फिर से जुड़ पाए तू

नजरिया बदल के देख, हर तरफ नजराने मिलेंगे,
ऐ ज़िन्दगी यहाँ तेरी तकलीफों के भी दीवाने मिलेंगे।

कुछ इस तरह से गुज़ारी है ज़िन्दगी जैसे,
तमाम उम्र किसी दूसरे के घर में रहा।

ज़िन्दगी लोग जिसे मरहम-ए-ग़म जानते हैं,
जिस तरह हम ने गुज़ारी है वो हम जानते हैं।

जो तेरी चाह में गुजरी वही ज़िन्दगी थी बस,
उसके बाद तो बस ज़िन्दगी ने गुजारा है मुझे।

जुगनुओं की रोशनी से तीरगी हटती नहीं,
आइने की सादगी से झूठ की पटती नहीं,
ज़िन्दगी में गम नहीं फिर इसमें क्या मजा,
सिर्फ खुशियों के सहारे ज़िन्दगी कटती नहीं।

जाने कब आ के दबे पाँव गुजर जाती है,
मेरी हर साँस मेरा जिस्म पुराना करके।

पहचानूं कैसे तुझको मेरी ज़िन्दगी बता,
गुजरी है तू करीब से लेकिन नकाब में।

फुरसत अगर मिले तो मुझे पढ़ना जरूर,
नाकाम ज़िंदगी की मुकम्मल किताब हूँ मैं।

रोज़ दिल में हसरतों को जलता देखकर,
थक चुका हूँ ज़िन्दगी का ये रवैया देखकर

Meri Zindagi Shayari In Hindi

Meri Zindagi Shayari In Hindi

बख्शा है ठोकरों ने सँभलने का हौसला,
हर हादसा ख्याल को गहराई दे गया।

थोड़ी मस्ती थोड़ा सा ईमान बचा पाया हूँ,
ये क्या कम है अपनी पहचान बचा पाया हूँ,
कुछ उम्मीदें, कुछ सपने, कुछ महकती यादें,
जीने का मैं इतना ही सामान बचा पाया हूँ।

कितना और बदलूं खुद को
ज़िन्दगी जीने के लिए,
ऐ ज़िन्दगी, मुझको थोड़ा सा
मुझमें बाकी रहने दे।

बड़े ही अजीब हैं ये ज़िन्दगी के रास्ते,
अनजाने मोड़ पर कुछ लोग अपने बन जाते हैं,
मिलने की खुशी दें या न दें,
मगर बिछड़ने का गम ज़रूर दे जाते हैं।

अजीब तरह से गुजर गयी मेरी भी ज़िन्दगी,
सोचा कुछ, किया कुछ, हुआ कुछ, मिला कुछ।

जीने का हौसला कभी मरने की आरज़ू,
दिन यूँ ही धूप-छाँव में अपने भी कट गए।

ज़िन्दगी सिर्फ मोहब्बत नहीं कुछ और भी है,
ज़ुल्फ़-ओ-रुखसार की जन्नत नहीं कुछ और भी है,
भूख और प्यास की मारी हुई इस दुनिया में,
इश्क ही इक हकीकत नहीं कुछ और भी है

ज़िन्दगी उस अजनबी मोड़ पर ले आई है,
तुम चुप हो मुझसे और मैं चुप हूँ सबसे।

कितना मुश्किल है ज़िन्दगी का ये सफ़र,
खुदा ने मरना हराम किया लोगों ने जीना।

सरे-आम ​मुझे ​ये शिकायत है ज़िन्दगी से​,​
क्यूँ मिलता नहीं मिजाज़ मेरा किसी से।

आराम से तन्हा कट रही थी तो अच्छी थी,
ज़िन्दगी तू कहाँ दिल की बातों में आ गयी।

आराम से तन्हा कट रही थी ज़िन्दगी

Meri Zindagi Shayari In Hindi

एक साँस सबके हिस्से से हर पल घट जाती है,
कोई जी लेता है जिंदगी, किसी की कट जाती है।

कंधे पर बैग आज भी है
बस फर्क इतना है ,
कि पहले किताबें लेकर घूमता था
और आज जिम्मेदारियां लेकर घूमता हूं।

देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने क़रीब से,
चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से।

मुझ से नाराज़ है तो छोड़ दे तन्हा मुझको,
ऐ ज़िंदगी, मुझे रोज-रोज तमाशा न बनाया कर।

मायने ज़िन्दगी के बदल गये अब तो
कई अपने मेरे बदल गये अब तो,
करते थे बात आँधियों में साथ देने की
हवा चली और सब मुकर गये अब तो।

यह मेरा टूटना और टूट कर बिखर जाना,
कोई इत्तेफाक नहीं है,
किसी ने बहुत मेहनत की है
मुझे इस हाल तक पहुंचाने के लिए।

बदल जाती है ज़िन्दगी की सच्चाई ऊस वक़्त,
जब कोई तुम्हारा तुम्हारे सामने तुम्हारा नहीं होता।

बाज़ार जा के ख़ुद का कभी दाम पूछना
तुम जैसे हर दुकान में सामान हैं बहुत
आवाज़ बर्तनों की घर में दबी रहे,
बाहर जो सुनने वाले हैं शैतान हैं बहुत

सस्ते में लूट लेती है यह दुनिया अक्सर उन्हें,
जिन्हें खुद की कीमत का अंदाजा नहीं होता।

सिर्फ सांसे चलते रहने को ही ज़िन्दगी नही कहते
आँखों में कुछ ख़वाब और दिल में उम्मीदे होना जरूरी है

Meri Zindagi Shayari In Hindi / मेरी जिंदगी शायरी हिंदी में

mukam mohbbat

ज़माना बड़े शौक़ से सुन रहा था
हमीं सो गए दास्तां कहते-कहते

ज़िदगी से तो क्या शिकायत हो
मौत ने भी भुला दिया है हमें

जीना चाहा तो जिंदगी से दूर थे हम
मरना चाहा तो जीने को मजबूर थे हम
सर झुका कर कबूल कर ली हर सजा
बस कसूर इतना था कि बेकसूर थे हम

ज़िंदगी भी तवायफ की तरह होती है,
कभी मजबूरी में नाचती है कभी मशहूरी में।

कुछ बातों का जवाब सिर्फ ख़ामोशी होती है,
और यकीन मानो ये बहुत खुबसूरत जवाब होता है।

आया ही था खयाल कि आँखें छलक पड़ीं,
आँसू किसी की याद के कितने करीब हैं।

गुरुर क्या ही करें ए रब, अपनी जिंदगी पे,
जो पाया है यहां पे, वो जूठन है किसी की..

ज़िंदगी की दौड़ मे कच्चा रह गया,
सीखा नही फ़रेब बच्चा रह गया।

ज़िन्दगी का फलसफा भी कितना अजीब है,
शामें कटती नहीं, और साल गुज़रते चले जा रहे है

कोई सुलह करवा दे जिंदगी की उलझनों से,
बड़ी तलब सी लगी है आज मुस्कुराने की।

हम तुम मिले न थे तो जुदाई का था मलाल
अब ये मलाल है कि तमन्ना निकल गई

Thak kar Beth Jau Gale Laga Lena

thak ke beth jau

कुछ इस तरह फ़कीर ने ज़िन्दगी की मिसाल दी,
मुट्ठी में धूल ली और हवा में उछाल दी

कुछ ज़रूरतें पूरी तो कुछ ख्वाहिशें अधूरी,
इन्ही सवालों के जवाब हैं ज़िन्दगी

समझ जाता हूँ मीठे लफ़्ज़ों में छुपे फरेब को,
ज़िन्दगी तुझे समझने लगा हूँ आहिस्ता आहिस्ता.

फटी जेब सी ज़िन्दगी, सिक्को से दिन लो
आज फिर इक गिर कर गुम हो गया.

बड़े होंगे तो जिएंगे जिंदगी अपने हिसाब से,
बचपन के इस ख्याल पर अब बहुत हंसी आती है..

ज़िन्दगी हर हाल में एक मुकाम माँगती है,
किसी का नाम तो किसी से ईमान माँगती है
बड़ी हिफाजत से रखना पड़ता है दोस्त इसे
रूठ जाए तो मौत का सामान माँगती हैं

मन का कुछ भी नहीं सांस के योग हैं
गम हो या हो खुशी दोनों ही रोग हैं
आप रोती हुई उम्र के साथ हम
जिंदगी से निभाते हुए लोग हैं

मुस्कुराकर हर जख्म सहने की आदत क्या हो गई,
जिंदगी तो हर सितम मुझ पर ही आजमाने लगी है

जिस दिन किताब-ए-इश्क की तक्मील हो गई,
रख देंगे ज़िन्दगी तेरा, बस्ता उठा के हम।

हमने माना कि तगाफुल न करोगे लेकिन
खाक हो जाएंगे हम तुमको खबर होने तक

Neeraj Yadav

मैं नीरज यादव इस वैबसाइट (ThePoetryLine.in) का Founder और एक Computer Science Student हूँ। मुझे शायरी पढ़ना और लिखना काफी पसंद है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button