वो बातें थी बड़ी मीठी,
जिसमे तूने मुझको डांटा था,,
अरे किसी को क्या पता,
कि तेरा मेरा क्या नाता था,,
दोस्ती, दुश्मनी, हमारी
यारी बड़ी प्यारी थी,
हर दिन तुझसे मिलने की,
तैयारी बड़ी प्यारी थी,,
और ख्याल तेरा हमेशा
मुझको ही रखना पड़ता था,
क्युकी उस रिश्ते की एक,
मुझ पर भी एक जिम्मेदारी थी,
और मैने तूझसे क्या ही मांग लिया ज्यादा,
सिर्फ एक तेरा एक साथ?
तू तो वो भी ना दे सका,
तू तो वो भी ना दे सका,
क्या वो चीज इतनी भारी थी ??
– प्रयास गुप्ता
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