Rishte Nibhana Sikhe रिश्ते निभाना सीखे

Rishte Nibhana Sikhe रिश्ता कोई भी हो हर रिश्ते में सब से ज़ादा ज़रूरी होता है भरोसा होना जिस रिश्ते में भरोसा नहीं होता वो रिश्ता ज़ादा आगे तक नहीं जाता रिश्तो की भी एक किमत होती है वो किमत हरगिज़ पैसा नहीं होती रिश्ते निभाने के लिए प्यार मोहब्बत सुख दुःख समझना ही उनकी किमत होती है कोई भी रिश्ता आप रखना चाहते है तो सबसे ज़ादा ज़रूरी है बर्दाश्त करना ज़रूरी नहीं की आप जिस से रिश्ता रखना चाहते है वो भी आप की तरह रिश्ता निभाना चाहता हो इस लिए उस के लिए ज़रूरी है बर्दाश्त करना कियुँकि गुस्से से रिश्ते खरब होते है

rishte nibhana sikhe rishta koi bhi ho har rishte me sabse zada zaruri hota hai bharosa hona jis rishte me bharosa nahi woh rishta zada aage tak nahi jata rishte ki bhi ek kimat hoti hai wo kimat hargis pesa nahi hoti rishte nibhane ke liye pyar mohbbat sukh dukh samjhna hee unki kimat hoti hai koi bhi rishta aap rakhna chate hai to sabse zada zaruri hai bardasht karna zaruri nahi aap jis se rishta rakhna chate hai wo bhi aap ki tarh rishta nibhana chata ho is liye uske liye zaruri hai bardasht karna kyunki gusse se rishta kharab hota hai

rishte nibhana sikhe

बेवजह शक करना या किसी भी बात को लेकर जल्दी गुस्सा करना ये रिश्ते ख़राब करता है आप असा ना करे आप अपने साथ साथ अपनों का भी ख्याल करे उनको क्या चीज़ पसंद नहीं अगर आप उसको ना ही करे तो बेहतर है आप अपने पार्टनरया मम्मी पापा या भाई बहन सब को बेहतर जानते हो वो भी आप को बेहतर जानते होंगे तो आप वो ही काम करे जो रिश्तो में मठास लाये आप देखना रिश्ता कभी खरब नहीं होयगा\

rishta nibhana sikho

रिश्ते निभाने के लिए माफ़ी मांगना और माफ़ करदेना ही रिश्ते बना कर रख सकता है कोई गलती कर कर आपसे अगर माफ़ी मांग लेता है तो आप टाइम ना ख़राब करते हुवे जल्दही माफ़ करदो उस से क्या होयगा किसी को आपकी नाराज़गी का फायदा उठाने का वक़्त नहीं मिलेगा और आपका रिश्ता पहले जैसा रहेगा

rishta nibhana sikho

अगर आप को लगता आप से कोई गलती हो गए है तो माफ़ी मांगने में अपने आप को छोटा ना samjhe सॉरी बोल्दो सॉरी बोलने में कोई शर्म नहीं आनी चाहिए सॉरी बोना शर्म की बात नहीं है

rishta nibhana sikhe

ग़र रिश्ता कच्चा है,
उसे चलाना सीखो,
हर मुसीबत में हाथ,
बढाना सीखो।
कोई नहीं है मुसाफिर यहां,
तुम जैसे अंधेरों का,
तुम अंधेरों में भी,
चराग जलाना सीखो।

क्या कोई है जो तुमको
चाहता हो बहुत,
तुम उससे दुरियां,
बढाना सीखो।
ग़र कोई रिश्ता ग़लत
चाहे हो भी सकता है
तुम गलत को छोड़कर
रिश्ता निभाना सीखो


Neeraj Yadav

मैं नीरज यादव इस वैबसाइट (ThePoetryLine.in) का Founder और एक Computer Science Student हूँ। मुझे शायरी पढ़ना और लिखना काफी पसंद है।

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