First of all, we wish you a Happy Independence Day. If you are searching for Shayari on 15 August on this Independence Day, then we have compiled some most popular Shayari for you. You can free to use this Shayari for wishing Independence Day to your friends.
सबसे पहले, हम आपको स्वतंत्रता दिवस की बधाइयाँ देते हैं। यदि आप इस स्वतंत्रता दिवस के लिए 15 August par shayari खोज कर रहे हैं, तो हमने आपके लिए 15 अगस्त शायरी आपके लिए जमा की हैं। इनको आप अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों को व्हाट्सप्प, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि पर भेज सकते है।
15-August Shayari in Hindi,स्वतंत्रता दिवस शायरी हिंदी में
In this part, we have given you Independence Day Shayari in Hindi, 15 August par Shayari, 15 August ki Shayari.
स्वतंत्रता दिवस पर हिंदी में शायरी भेजना एक अच्छा तरीका हो सकता है इसलिए यहां आपको शायरी हिंदी में प्रस्तुत की जा रही है।
- खुशियों का खजाना लाया है,
फिर स्वतंत्रता दिवस आया है।
वही तिरंगा जिसके लिए कितनो ने सर कटाया है,
भारत माँ के विरो ने अपना फर्ज निभाया है।
- एक चमक है मुख पर,
लालिमा हर तरफ छाई है।
आज फिर भारत में,
वही 1947 वाली खुशहाली आई है।।
- वह शान है, वह आन है,
तीन रंग की वह पताका,
भारत माँ का परिधान है।
- यह उसी मिट्टी की चमक है,
जिस पर अनेको कुर्बान हुए।
और निखर रही ये धरा,
यह भारत भूमि महान हैं।
- लड़ते रहे हार कभी न मानी,
स्वतंत्रता-यही है भारत माता के,
सपूतो की निशानी।
- भारत की इस जमी पर कटे कितने माथ है,
शहादत उन विरो की शदा दिल के पास है।
- जशन आजादी का मिलकर साथ मनाएंगे,
याद कर विरो का बलिदान, शीश सदा नवाएंगे।
- आओ झुक कर करें सलाम ,
जिनके कारण ये मुकाम हमारे नाम आया है।
खुशनशीब होता है वो खून,
जो देश के काम है।
- जो खून न खौले ! वो खून नहीं पानी है,
जमाने से ना पूछो क्या हमारी कहानी है,
हमारी पहचान तो सिर्फ ये है की हम हिंदुस्तानी है।
Shayari Credit- Aishwarya Jadhav
15 August Heart Touching Shayari, दिल छू जाने वाली शायरी
This Shayaris will definitely touch your heart. Your heart will be filled with feelings for the country
इस गौरव पूर्ण अवसर पर प्रस्तुत है ऐसी शायरियां जो आपके दिल को छू जाएगी। आपका ह्रदय देश के लिए भावनाओं से भर उठेगा
- जो भरा नहीं है भावों,
बहती जिसमें रसधार नहीं,
वह ह्रदय नहीं पत्थर है,
जिसमे स्वदेश का प्यार नहीं।
- वक्त आ गया है अब दुनिया से साफ-साफ कहना होगा,
देशप्रेम की प्रबल धार में हर मन को बहाना होगा।
अगर जिसे तिरंगा लगे पराया, मेरा देश छोड़ जाए,
हिंदुस्तान में हिंदुस्तानी बनकर रहना होगा।
- किसी गजरे की खुशबु को महकता छोड़ आया हूँ,
नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हूँ।
मुझे अपने सीने से लगा लेना भारत माता,
मैं अपनी मां की बाहों को तरसता छोड़ आया हूं।
- नशा है मुझे इस तिरंगे की आन का,
बसा है दिल मेरा इस धरती की जान में।
शक हो कोई मन में तो देख लेना,
कल भी थे, आज भी है और हमेशा रहेंगे इसी हिंदुस्तान में।
Swatantrata Diwas Deshbhakti Shayari, स्वतंत्रता दिवस पर देशभक्ति शायरी
- कर रहा हूँ आगाज,
जिसका कल अंजाम आएगा।
मेरे लहू का हर कतरा-कतरा,
देश के काम आएगा।
- स्वतंत्र देश के हम नागरिक है,
स्वतंत्रता हमारा नारा,
ये देश है पुरे जग में महान,
हमारा भारत हमको सबसे प्यारा ।
- ना देना दौलत ना देना शौहरत कोई गम नहीं ,
बस भारत माँ की संतान बना देना,
अगर हो जाऊ शहीद तो बस तिरंगे में लिपटा देना।
- ये बात हवाओ को बताये रखना,
रौशनी होगी बस चिरागों को जलाये रखना,
लहू देकर जिसकी हिफाजत हमने की है,
ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाए रखना।
- ना सरकार मेरी है ना बड़ा सा नाम मेरा है,
मुझे तो इस बात का गर्व है,
मैं हिंदुस्तान का हूँ और हिंदुस्तान मेरा है।
- जीना है तो जियो वतन के नाम पर,
क्या रखा है धर्म के ईमान पर
–15 August ki Hardik Badhaiyan
- भारत की इज्जत हमारे लिए महान,
ऐसे ही नहीं लेते अवतरण यहां हर एक भगवान।
15 August Ajadi Par Shayari, आजादी पर शायरी
Our brave soldiers fought a lot for the independence of our country. We had got freedom by then. We have written shayari on freedom on this occasion.
हमारे वीर सैनिकों ने हमारे देश की आजादी के लिए बहुत संघर्ष किये थे। तब जाकर हमें स्वतंत्रता मिली थी। हमने इस उपलक्ष पर आजादी पर शायरी लिखी है।
- लहू बहा था किसी का, किसी ने सूली पे सांसे चढाई थी।
हसते हुए जान दी वीरो ने, यूँ ही नहीं हमने आजादी पायी थी।
- कुछ नशा तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि की मान का है।
हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिन्दुस्तान की शान का है।
- जान मांगोगे हसते-हसते कुर्बान कर देंगे।
अपनी बुरी नज़रे ना डालना इस देश पर।
गुस्ताख़ी करोगे चीर कर रख देंगे।।-जय हिन्द
- शहीदों के त्याग को हम न होने दें बदनाम,
भारत की इस आजादी की कभी न हो शाम,
इस भारतभूमि की है सौगंध मरते डैम तक तेरा रखूँगा ईमान।।
-Swatantrata Diwash Ki Hardik Badhaiyan..!
- लहू शहीदों का रंग लाया,
उछल रहा है दुनिया में नाम-ए-आज़ादी का।
-शहीदों को नमन जय हिंद
Shero Shayari On 15 August, शेरो शायरी
- जमाने में मिलते है, आशिक कई,
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता।
नोटों में लिपटकर, सोने में सिमटकर मरे है कई,
लेकिन तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता।
- की नफरत बुरी है न पालो इसे,
की नफरत बुरी है न पालो इसे,
अगर दिल में खलिश है, निकालो इसे।
ना तेरा, ना मेरा, ना इनका, ना उनका,
ये वतन सबका, सम्भालों इसे।
- देश की आन हमारी शान हमारी, देश की हम संतान है।
तीन रंगो में सजा तिरंगा, हम भारतियों की पहचान है।
-Happy Independence Day
- अनेकता में एकता हमारी शान है,
इसलिए तो भारत महान है।
देश के लिए जो हुए शहीद उन्हें मेरा शलाम है।
–स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये।
- घर जाकर सबसे पहले एक काम करना है,
पिंजरे में पीला सारे पंछियों को आज़ाद करना है,
वो भी देखे क्या होती है दुनिया
-स्वतंत्रता दिवस मुबारक 2021
15 August Shayari with Images
Do you want 15 August Shayari images to apply status or share with someone? Here is the collection of top independence day Shayari with images.
क्या आपको स्टेटस लगाने या किसी को शेयर करने के लिए 15 अगस्त शायरी इमेज चाहिए ? यहाँ है कलेक्शन ऑफ़ टॉप स्वंतंत्रता दिवस शायरी इमेज के साथ।
- देश की इस मिट्टी का कर्ज चुकाने आया हूं,
वक्त पड़े तो मांग लेना भारत माता ये जान,
भारत के खातिर वतन-इ-तौफा लाया हूँ।
- देश की मिटटी की खुश्बू सीने में रमा कर आये है,
फनाह करके तुझे माँ का क़र्ज़ चुकाने आये है ।।-Jay Hind
- आ चीर मेरी छाती और देख ले!
कैसा जूनून रखता हूँ,
जिश्म पर वर्दी और
दिल में वतन रखता हूँ
वतन के लिए कुर्बान हो जाना नशीब वालों को मिलता है।
इसलिए साथ में देश की मिट्टी और कफन रखता हूँ ।
15 August Poetry, स्वतंत्रता दिवस पर कविता, Deshbhakti Kavita
1. क़ुरबानी- ऐश्वर्या जाधव
वो आजादी की ख़ुशी,
वो क़ुरबानी का गम,
जिसे याद करके आंखे होती है नम।
किसी का पति, किसी का बेटा
नया नया वो पिता किसी का,
देश पर कुर्बान हो गया वो लाल सभी का।
2. स्वदेश के प्रति- सुभद्राकुमारी चौहान
आ, स्वतंत्र प्यारे स्वदेश आ,
स्वागत करती हूँ तेरा।
तुझे देखकर आज हो रहा,
दूना प्रमुदित मन मेरा ।।
आ, उस बालक के समान
जो है गुरुता का अधिकारी।
आ, उस युवक-वीर सा जिसको
विपदाएं ही हैं प्यारी ।।
आ, उस सेवक के समान तू
विनय-शील अनुगामी सा।
अथवा आ तू युद्ध-क्षेत्र में
कीर्ति-ध्वजा का स्वामी सा।।
आशा की सूखी लतिकाएं
तुझको पा, फिर लहराईं।
अत्याचारी की कृतियों को
निर्भयता से दरसाईं।।
3. रोटी और स्वाधीनता– रामधारी सिंह दिनकर
आजादी तो मिल गई, मगर, यह गौरव कहाँ जुगाएगा ?
मरभुखे ! इसे घबराहट में तू बेच न तो खा जाएगा ?
आजादी रोटी नहीं, मगर, दोनों में कोई वैर नहीं,
पर कहीं भूख बेताब हुई तो आजादी की खैर नहीं।