मेरी अपनी ज़िंदगी मुझसे।
Best Hindi Poems by Prayash Gupta-
कुछ अनजान सी है,
मेरी अपनी ज़िंदगी मुझसे,
कुछ परेशान सी है,
मेरी अपनी ज़िंदगी मुझसे।
कहीं गुम सी हो गई है,
Best Hindi Poems by Prayash Gupta-
कुछ अनजान सी है,
मेरी अपनी ज़िंदगी मुझसे,
कुछ परेशान सी है,
मेरी अपनी ज़िंदगी मुझसे।
कहीं गुम सी हो गई है,
पढ़ाई थोड़ी कम की है ,पर प्यार अपार दिया ।
हर समय हर पल मुझ पर ,उनका जीवन वार दिया।
उनकी एक मुस्कान पर , लाखो जलज भी वारे है।
उनकी हर डांट में भी हम ,तीर्थ पुण्य किए सारे है।
होली पर प्रयास गुप्ता द्वारा शानदार कविता।
जला देना होली में,
सब औपचारिक वेश को,
भौतिक रंगो को छुड़ा लेना।
हिन्दी कविता- ग़र रिश्ता कच्चा है,उसे चलाना सीखो,हर मुसीबत में हाथ,बढाना सीखो।कोई नहीं है मुसाफिर यहां,तुम जैसे अंधेरों का,तुम अंधेरों में भी,चराग जलाना सीखो।
चल आगे बढ़मत रूक मत थम,इन चमक-धमक मे मत पड,भौतिक सुविधाओ के संग,मत थक तू चलता-चलचल आगे बढ़। कभी काँटें होंगे, कभी पतझड़,कभी कलियाँ होंगी, कभी कोपल,इन बिंब विधानो मे मत पड,तू देख लक्ष्य तू आगे बढ़,तू बेसुध हो, काँटो पर चल,चल आगे बढ़। किन बाधाओं से हार रहा,जो आयी नहीं अब तक?किन अभिलाषाओं को … Read more
तुम महफ़ूज़ हो,
मेरी यादों में,
तुम, बात करते हो।
तुम्हारे सब गिले-शिकवे,
तुम, फ़रियाद करते हो।
लोकतंत्र में किस प्रकार मजदूर वर्ग को नजंदाज किया गया और किस प्रकार की परेशानियां उनको भोगना पड़ा वो सब मजदूर खुद कहना चाहते है जो मैने शब्दो के माध्यम से अभिव्यक्त की है। क्या यह एक लोकतांत्रिक गणराज्य में सही है ??
चले थे घर से दूर कुछ कमाने,
कुछ बनने कुछ बनाने,
हम मजदूर है, गए थे किस्मत आजमाने।
किराए से रहते वहां,
रोज़ कमाते, हेतु रोज़ खाने,
हम मजदूर है, गए थे किस्मत आजमाने।
वो बातें थी बड़ी मीठी,
जिसमे तूने मुझको डांटा था,,
अरे किसी को क्या पता,
कि तेरा मेरा क्या नाता था,,