yaad shayari in hindi दोस्तों लाइफ में अक्सर ऐसा होता है की हम किसी अपने से दूर जाते है या कोई हमारा अपना हमसे दूर होता है काफी बार हम काम के लिए प्रदेश जाते है तो हमको अपनों की याद आती ही यार दोस्तों की याद आती है गर्लफ्रेंड की याद है बॉय फ्रेंड की याद आती है उस वक़्त हम काफी अकेले से हो जाते है सब को याद करते है हमको पता नहीं होता जिनको हम याद कररहे है क्या वो भी हमको याद करते है तो दोस्तों आप जिनको याद करते हो उनको याद शायरी भेजो आप का वक़्त भी अच्छा गुज़रेगा आप को बेहतर फील होयगा और इस से आप दुसरो को भी अपने आप की याद दिलवा सकते है तो आओ दोस्तों कुछ याद शायरी हम आप के लिए लाये है
yaad shayari in hindi dosto life me aksar asa hota hai ki hum kisi se dur jate hai koi humara apna hum se dur hota hai kafi bar hum kam ke liye pardesh jate hai hai to humko apmo ki yaad aati hee hai grilfriend ki yaad boyfriend ki yaad aati hai us waqt hum kafi akele se ho jate hai sab ko yaad karte hai hum ko pata nahi jinko hum yaad kar rahe hai kya wo bhi hume yaad karte hai to dosto aap ko jinko yaad katr ho unko yaad shayari bhejo aaap ka bhi waqt achchha guzrega aap ko behtar feel hoyga aur is se dusro ko bhi aapne aap ki yaad dilwa sakte ho aao dosto kuch yaad shayri hum aap ke liye laye hai
yaad shayari in hindi
वक़्त मिलन से जुदाई का आ गया,
महफ़िल से तन्हाई का आ गया।
इतना बदल गया ये कि
मुझ अच्छे-खासे की तबाही का आ गया।
हर पल महसूस होते हो ,
अब चाहे इसे याद कह लो।
तुम्हारे बिन भीगने की
मर गयी है ख्वाहिश,
अब काटो-सी लगती है
ये खूबसूरत बारिश।
अगर ये यादे बिका करती ,
तो मुझसे अमीर हस्ती
दुनिया में कोई ना होती
काश मेरी मन्नते क़ुबूल होती,
तो तेरी याद नहीं !!
तू मेरे साथ होती।
बनाई उन्होंने जबसे मुझसे दूरी है ,
हंस के जीना तो बस
मेरी एक मजबूरी है।
ढूंढ तो कबका लेते उन्हें ,
मगर वो भटके नहीं है
बस रास्ता बदल लिया है।
मिल जाती है ये बारिश
और तुम्हारी यादे
फिर आकर के मेरा दिल
तोड़के चली जाती है।
मर कर ही यादें मिटेंगी ,
वरना जीतेजी तो बढ़ती ही रहेंगी।
चले आते हो बिना वजह ख्यालो में ,
एक वजह तो बताते दूर होने की।
ऐ-ज़िन्दगी तू सच में बहुत खूबसूरत है ,
फिर भी तू उसके बिना अच्छी नहीं लगती।
तुम्हारे बगैर ये वक़्त , ये दिन और ये रात !!
गुज़र तो जाते है मगर गुज़ारे नहीं जाते।
तुम्हारे साथ से ही मैं,
पूरा था ऐ-हमसफ़र
अब मैं तो क्या,
अधूरे हैमेरे शाम सहर।
तुम्हारे साथ से ही मैं,
पूरा था ऐ-हमसफ़र
अब मैं तो क्या,
अधूरे हैमेरे शाम सहर।
तेरी यादों को पसंद है
मेरी आँखों की नमी,
हंसना भी चाहु तो
रुला देती है तेरी कमी।
ना तो फूल खिलते है ,
और ना मौसम बदलते है।
कुछ नहीं ख़ास होता अब,
कदम ही मेरे जैसे-तैसे चलते है।
इंतज़ार नहीं है मुझे तुम्हारे आने का ,
फिर भी तेरी याद नाम नहीं लेती जाने का।
मेरी यहाँ सांस थम जाती है ,
और देखो किसी को याद भी ना आती है।
जाने उस शख्स को कैसे ये हुनर आता है ,
रात होते ही बस आँखों में उतर जाता है।
जब बीते हुए लम्हो से मुलाक़ात हुई ,
कुछ टूटे हुए सपनो से बात हुई।
याद जो करने बैठे उन तमाम लम्हो को ,
तो आपकी यादो से शुरुआत हुई।
जब भीगता हूँ मैं तन्हाई की बारिश में ,
तेरी यादें छाता बन सहारा देती है।
कुछ रिश्ते इतने ख़ास हो जाते है,
कि दूर रहकर भी वो
पास ही नज़र आते है।
काश वफाओ में इतना असर आ जाये,
जिन्हे ढूंढती है निगाहे वो नज़र आ जाये।
जब यादें गुमसुम रहती है,
तो मैं बेचैन हो जाता हूँ .
और जब उसकी यादें बोलती है
तो मैं गुमसुम हो जाता हूँ।
ना जाने कैसा था वो एक मेहमान ,
कर गया पूरी ज़िन्दगी वीरान।
आपकी याद सताए तो दिल क्या करे ,
याद दिल से ना जाए तो दिल क्या करे।
सोचा था सपनो में मुलाक़ात होगी,
पर नींद ही ना आये तो हम क्या करे।
सारी खिड़कियां-दरवाज़े बंद कर लेता हूँ ,
फिर भी ना जाने कहा से आ जाती है तुम्हारी यादे।
अब भी हर वक़्त रोता हूँ तुम्हे याद करके ,
बस इतना है कि आंसू कम निकलते है।
याद तुझे भी आएँगे वो लम्हे
जिसमे कि कोई था
जब तेरे पास कोई नहीं होगा।
अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो ।
आज फिर मुमकिन नही कि, मैं सो जाऊँ;
यादें फिर बहुत आ रही हैं, नींदें उड़ाने वाली!
आया ही था ख्याल के आँखें छलक पड़ी
आंसू तुम्हारी याद के कितने करीब थे
इक अजीब सी बेताबी है तेरे बिन
रह भी लेते हैं और रहा भी नहीं जाता
इक तिरी याद का आलम कि बदलता ही नहीं
वरना वक़्त आने पे हर चीज़ बदल जाती है.
उसे फुरसत नहीं मिलती ज़रा सा याद करने की
उसे कह दो हम उसकी याद में फुरसत से बैठे हैं
उसे मैं याद आता तो हूँ फुरसत के लम्हों मे फराज़
मगर ये हकीकत है, के उसे फुरसत नहीं मिलती
उसे मैं याद आता तो हूँ फुरसत के लम्हों मे फराज़
मगर ये हकीकत है, के उसे फुरसत नहीं मिलती
न जाने आज भी मुझे तेरा इंतज़ार क्यों है
बिछुड़ने के बाद भी मुझे तुझसे प्यार क्यों हैं
कभी तुम्हरी याद आती है तो कभी तुम्हारे ख्व़ाब आते है…
मुझे सताने के सलीके तो तुम्हें बेहिसाब आते है !!
कर रहा था गम-ए-जहां का हिसाब
आज तुम याद बेहिसाब आये
कितने नादाँ ह ये मेरी आँख के आँसु ।
जब भी तेरी याद आती हे इनका भी घर में मन नही लगता
कुछ तो बात है तेरी फितरत में ऐ दोस्त,
वरना तुझ को याद करने की खता हम बार-बार न करते!
ख्वाब आंसूओ से, बहाये न गये;
न जाने क्यूं आप, भूलाये न गये!
चलता था कभी, हाथ मेरा थाम के जिस पर;
करता है बहुत याद, वो रास्ता उसे कहना!
ज़माने के सवालों को मैं हस के टाल दूँ फराज़
लेकिन नमी आंखों की कहती है, मुझे तुम याद आते हो
जागना भी कबूल हैं तेरी यादों में रात भर,
तेरे एहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ |
ज़िन्दगी जब भी किसी शै को तलब करती है
मेरे होंटों से तेरा नाम मचल जाता है
तुम पल भर के लिए दूर क्या जाते हो,
तो हम ‘बिखरने’ से लगते हैं..
तुम से बिछड कर भी तुम्हे भूलना आसान न था
तुम्ही को याद किया, तुमको भूलने के लिए
तेरी जरूरत, तेरा इंतजार और ये तन्हा आलम,
थक कर मुस्कुरा देती हूँ, मैं जब रो नहीं पाती
तेरी यादें भी न मेरे बचपन के खिलौने जैसी हैं;
तन्हा होता हूँ तो इन्हें लेकर बैठ जाता हूँ।
तेरी यादो को पसन्द आ गई है मेरी आँखों की नमी,
हँसना भी चाहूँ तो रूला देती है तेरी कमी…
तेरे बगैर भी जीना बहुत मुहाल नहीं
ये बात और है के मुझसे जिया नहीं जाता
दीदार तो एक ख़्वाब ठहरा, बात भी बेशक़ न हो;
बस एक तेरी ख़ैरियत का, पैग़ाम मिल जाया करे!
दीदार तो एक ख़्वाब ठहरा, बात भी बेशक़ न हो;
बस एक तेरी ख़ैरियत का, पैग़ाम मिल जाया करे!
नज़रों से दूर सही दिल के बहुत पास है तू..
बिखरी हुई इस ज़िन्दगी में मेरे जीने की आस है तू.
ना जाने लोग, खुद चले जाने के बाद;
अपनी यादों को, क्यूँ छोड़ जाते है!
पहलू में रह के दिल ने दिया बड़ा फरेब
रखा है उसको याद, भुलाने के बाद भी
बड़ी गुस्ताख है तेरी यादें इन्हें तमीज सिखा दो
दस्तक भी नहीं देती और दिल में उतर आती हैं
भूल गए है कुछ लोग, हमे इस तरह;
यकीन मानो, यकीन ही नही आता।
मजबूर नही करेंगे तुझे वादे निभानें के लिए,
बस एक बार आ जा, अपनी यादें वापस ले जाने के लिए..
मुझे भी सिखा दो भूल जाने का हुनर..
मैं थक गया हूँ हर लम्हा हर सांस तुम्हें याद करते करते.
मुद्दत से जागी आँखों को एक बार सुलाने आ जाओ.!.
माना कि तुम्हें प्यार नहीं, नफरत ही जताने आ जाओ..
मुद्दतो बाद आज फिर परेशान हुआ है दिल,
जाने किस हाल में होगा मुझसे रुठने वाला…
मेरी आँखों में आँसू नहीं बस कुछ “नमी” है?
वजह तू नहीं तेरी ये “कमी” है..
मैं नींद का शोकीन ज्यादा तो नही..
लेकिन तेरे ख्वाब ना देखूँ तो.. गुजारा नही होता.
याद आते हैं तो कुछ भी नहीं करने देते
अच्छे लोगों की यही बात बहुत बुरी लगती है
याद आते हैं तो कुछ भी नहीं करने देते
अच्छे लोगों की यही बात बहुत बुरी लगती है
याद आते हैं तो कुछ भी नहीं करने देते
अच्छे लोगों की यही बात बहुत बुरी लगती है
यादों की मेज़ पर कोई तसवीर छोड़ दो
कब से मेरे ज़हन का कमरा उदास है
यूँ लगे दोस्त तेरा मुझसे खफ़ा हो जाना
जिस तरह फूल से खुशबू का जुदा हो जाना
ये रात ये तनहाई और ये तेरी याद
मैं इश्क न करता तो कब का सो गया होता
सारी सारी रात सितारों से उसका ज़िक्र होता है
और उसको ये गिला है के हम याद नहीं करते
सुनो! या तो मिल जाओ, या बिछड जाओ,
यू सासो मे रह कर बेबस ना करो|
सौदा कुछ ऐसा किया है तेरे ख़्वाबों ने मेरी नींदों से..
या तो दोनों आते हैं, या कोई नहीं आता..
हज़ारों काम है मुझे मसरूफ रखते हैं
मगर वो शख्स ऐसा है के फिर भी याद आता है
हम समझते थे के अब यादो की किश्ते चुक चुकीं
रात तेरी याद ने फिर से तकाजा कर दिया
होती है बड़ी ज़ालिम एक तरफ़ा मोहब्बत
वो याद तो आते हैं मगर याद नहीं करते