याद उसे भी आती होगी,
कभी बहन, कभी बेटी की चिंता सताती होगी,
माँ-बाप बूढ़े हो गए है अब, उनकी आँखें उसे बुलाती होगी,
ये सोचकर आँख उसकी भी भर आती होगी।
याद उसे भी आती होगी—2
पत्नी से मिलने की चाह उसे कई रात जगाती होगी,
उसकी हसीं, उसे हसाती होगी,
देखने को फिर उसे आँखें उसकी प्यासी होगी,
ये सोचकर आँख उसकी भी भर आती होंगी।
याद उसे भी आती होगी—2
गाँव की वो गलियाँ, गेहूं की बालियाँ
कोई नया गीत सुनाती होगी,
दोस्तो की महफिलों में, जगह उसकी बाकी होगी,
घूम आता होगा वो खयालों में—2
अतीत की यादें जहां ले जाती होंगी।
ये सोचकर आँख उसकी भी भर आती होंगी।
याद उसे भी आती होंगी।—2
धन्य वो भूमि होंगी, जहां उसकी आह समाई होंगी,
तिरंगे में लिपटकर भेंट उसने चढ़ाई होंगी,
भारत माँ के लाल ने वीरगति पाई होंगी।
याद कर अपनी माँ को आँख उसकी भी भर आई होंगी।
याद उसे भी आती होंगी।—2
– ऐश्वर्या जाधव
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